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धनबाद सिविल कोर्टः नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को आजीवन कारावास की सजा

धनबाद सिविल कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. पीड़िता की ओर से अदालत में पांच गवाह पेश किए गए. लेकिन आरोपी की ओर से पुख्ता साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किए जा सके. इससे अदालत ने आरोपी को दोषी मानते हुए सजा सुनाई है.

Dhanbad civil court
धनबाद सिविल कोर्ट
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Published : Jan 12, 2022, 8:31 PM IST

धनबादः 13 वर्षीय नाबालिग से दुष्कर्म मामले में अदालत ने बुधवार को आरोपी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. धनबाद सिविल कोर्ट के पॉक्सो के विशेष न्यायाधीश प्रभाकर सिंह की अदलात में मामले की सुनवाई हुई. अदालत में पीड़िता की माता-पिता के साथ 5 लोगों की गवाही हुई थी. लेकिन आरोपी की ओर से कोई गवाह पेश नहीं किया गया.

यह भी पढ़ेंःशादी का झांसा देकर दुष्कर्म मामले में धनबाद कोर्ट का फैसला, दोषी को 8 साल की सजा

रामकनाली ओपी क्षेत्र के रहनेवाले बादशाह सिंह को आरोपी बनाते हुए पीड़िता की माता ने अप्रैल 2019 में दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई थी. पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करते हुए जांच शुरू की. इस मामले में अदालत ने आरोपी बादशाह सिंह को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

जानकारी देते अधिवक्ता

पीड़िता ने 164 के बयान में कहा था कि 17 अप्रैल 2019 की शाम घर से शौच के लिए निकली थी. इसी दौरान बादशाह सिंह चाकू का भय दिखाकर उसे झाड़ियों में ले गया और दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया. घटना के बाद पीड़ित नाबालिग ने घर वालों को जानकारी दी. पीड़िता की माता ने रामकनाली ओपी में प्राथमिकी दर्ज कराई थी.


वरीय लोक अभियोजक अनिल कुमार सिंह ने बताया की कोरोना के बावजूद दुष्कर्म जैसे मामलों में कोर्ट की ओर से लगातार सुनवाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि सुनवाई के दौरान पीड़िता की ओर से पांच गवाह पेश किए गए. लेकिन आरोपी की ओर से पुख्ता साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया. इससे अदालत ने पॉक्सो एक्ट से तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

धनबादः 13 वर्षीय नाबालिग से दुष्कर्म मामले में अदालत ने बुधवार को आरोपी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. धनबाद सिविल कोर्ट के पॉक्सो के विशेष न्यायाधीश प्रभाकर सिंह की अदलात में मामले की सुनवाई हुई. अदालत में पीड़िता की माता-पिता के साथ 5 लोगों की गवाही हुई थी. लेकिन आरोपी की ओर से कोई गवाह पेश नहीं किया गया.

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रामकनाली ओपी क्षेत्र के रहनेवाले बादशाह सिंह को आरोपी बनाते हुए पीड़िता की माता ने अप्रैल 2019 में दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई थी. पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करते हुए जांच शुरू की. इस मामले में अदालत ने आरोपी बादशाह सिंह को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

जानकारी देते अधिवक्ता

पीड़िता ने 164 के बयान में कहा था कि 17 अप्रैल 2019 की शाम घर से शौच के लिए निकली थी. इसी दौरान बादशाह सिंह चाकू का भय दिखाकर उसे झाड़ियों में ले गया और दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया. घटना के बाद पीड़ित नाबालिग ने घर वालों को जानकारी दी. पीड़िता की माता ने रामकनाली ओपी में प्राथमिकी दर्ज कराई थी.


वरीय लोक अभियोजक अनिल कुमार सिंह ने बताया की कोरोना के बावजूद दुष्कर्म जैसे मामलों में कोर्ट की ओर से लगातार सुनवाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि सुनवाई के दौरान पीड़िता की ओर से पांच गवाह पेश किए गए. लेकिन आरोपी की ओर से पुख्ता साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया. इससे अदालत ने पॉक्सो एक्ट से तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

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