धनबाद: फूड पॉइजनिंग की घटना के बाद चड़क मेला स्थगित कर दिया गया है. इसके शिकार मरीजों की स्थिति अब पहले से बेहतर होने लगी है. स्थानीय लोग मामले की जांच की मांग कर रहें हैं. इस बीच धनबाद विधायक राज सिन्हा ने अस्पताल व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए है.
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क्या है पूरा मामला: जिले के बलियापुर प्रखंड के करमाटांड़ पंचायत अंतर्गत हुचुकटांड गांव में भगवान भोले के पूजा अर्चना को लेकर भोक्ता मेला का आयोजन किया गया था. बुधवार (19 अप्रैल) की रात मेला घूमने आए लोग मेले में चाट गुपचुप आदि खाये थे. मेले में विषाक्त फास्ट फूड खाने के बाद कई लोग लोग फूड पॉइजनिंग के शिकार हो गये थे. इसकी चपेट में लगभग 200 लोग आ गये थे.
अस्पताल की कुव्यवस्था पर सवाल: अस्पताल में इलाजरत मरीजों को जो दवा इंजेक्शन मिलना चाहिय था, वह नहीं मिलने से विधायक राज सिन्हा प्रबंधन पर बिफरे. कहा मरीजों को बाहर से दवा खरीदना पड़ रहा है, यह स्थिति ठीक नहीं है. अस्पताल प्रबंधन को इन सब पर ध्यान देने की बात कही.
स्थित में पहले से सुधार: फूड पॉइजनिंग के शिकार बच्चों के साथ महिला पुरुष भी हुए थे. आनन फानन में मरीजों को SNMMCH अस्पताल सहित कई निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वहीं अब मरीजों के स्वास्थ्य में सुधार की स्थिति को देखते हुए अस्पताल की ओर से छुट्टी दी जा रही है.
50 वर्षों से चड़क भोक्ता पूजा: फूड पॉइजनिंग में लगभग 200 ग्रामीण शिकार हुए है. घटना के दूसरे दिन गाव में में सन्नाटा पसर गया है. SNMMCH अस्पताल में मरीज अभी भी इलाजरत है. हालांकि सभी की स्वास्थ्य अब पहले से बेहतर है. स्थानीय लोगों ने बताया कि 50 वर्षों से चड़क भोक्ता पूजा गाव में हो रहा है. बुधवार को मेले का फास्ट फूड खाने से लोगों की स्थिति बिगड़ गई थी.