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कुष्ठ कॉलोनी से अमेरिका तक का सफर! धनबाद के राहुल कुमार ने प्रतिभा से अलास्का में पाई नौकरी

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Published : Jun 6, 2023, 3:53 PM IST

Updated : Jun 6, 2023, 4:39 PM IST

धनबाद कोयले की खान है और कोयला से ही हीरा निकलता है. कोयलांचल के एक हीरे की चमक अमेरिका में बिखर रही है. जिसने अपनी प्रतिभा के दम पर आशा विहार कुष्ठ कॉलोनी से अलास्का तक का सफर तय किया. ईटीवी भारत की इस रिपोर्ट से जानिए धनबाद के राहुल कुमार की सफलता की कहानी.

Dhanbad Asha Vihar Leprosy Colony Rahul Kumar got job in USA
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धनबादः कोयलांचल का झरिया शहर, जहां आशा विहार कुष्ठ कॉलोनी स्थित है. वैसे तो कुष्ठ कॉलोनी का नाम सुनकर ही जेहन में एक अजीब से भाव उत्पन्न होते हैं. यहां गरीबी, मुफलिसी और अभाव जैसी तस्वीर आंखों के आगे उभर आते हैं. लेकिन अगर प्रबल इच्छाशक्ति और कुछ अलग करने की मन में लगन हो तो इंसान अपनी मेहनत से उन बाधाओं को तोड़कर आगे बढ़ता है. धनबाद के राहुल कुमार को अमेरिका में नौकरी मिलने की कहानी इसी प्रतिभा की बानगी बयां करती है.

इसे भी पढ़ें- धनबाद की अनीता मजूमदार का बॉलीवुड में डेब्यू, ईटीवी भारत से साझा किए संघर्ष के दिन

आशा विहार कुष्ठ कॉलोनी के राहुल कुमार को सफलता मिली. यहां का एक युवक भारत से निकलकर अमेरिका में नौकरी कर रहा है. यहां बसे ज्यादातर लोग गरीबी रेखा के नीचे गुजर-बसर करने वाले हैं. लेकिन कुष्ठ कॉलोनी और गरीबी रेखा कभी राहुल की प्रतिभा के आड़े नहीं आई. राहुल कुमार ने अपना एक अलग ही मुकाम बनाया है. जिसकी चर्चा आज चारों ओर हो रही है और उसकी सफलता के लिए लोग उनके परिजनों को साधुवाद दे रहे हैं.

कुष्ठ कॉलोनी के रहने वाले जितेंद्र मालाकार का पुत्र राहुल कुमार भारत से 13 हजार 568 किलोमीटर दूर अमेरिका के अलास्का में काम कर रहा है. राहुल का चयन हॉलैंड अमेरिका क्रूज कंपनी में हुआ है. वह करीब 8:30 लाख की सालाना पैकेज में इस कंपनी में काम कर रहा है. पुत्र की तरक्की से पूरा परिवार खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा है.

पेशे से कैटरर हैं राहुल के पिताः जितेंद्र मालाकार पेशे से कैटरर हैं. शादी, विवाह, पार्टी या किसी फंक्शन में कैटरिंग का काम करते हैं. पिता जितेंद्र मालाकार ने बताया कि राहुल 2015 में मैट्रिक की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद विद्या मंदिर से इंटर किया और 2017 में उसे सकावा फाउंडेशन से स्कॉलरशिप मिली. स्कॉलरशिप के जरिए उसे आगरा स्थित हैरिटेज कॉलेज में होटल मैनेजमेंट कोर्स करने का अवसर मिला. इस दौरान उसने मस्कट और मलेशिया जैसे देशों में ट्रेनिंग ली. प्रशिक्षण पूरा करने के बाद हॉलैंड अमेरिका क्रूज कंपनी में राहुल कुमार को नौकरी मिल गई. अब वो अलास्का में रहकर काम कर रहा है.

राहुल कुमार की मां ने कहा कि पूरा परिवार काफी कठिनाई के दौर में गुजरा है. राहुल बचपन से ही काफी मेहनत करता था, उसे आगे बढ़ने की तमन्ना शुरू से ही थी. बेटे की अमेरिका में नौकरी लगने के बाद पूरा परिवार बेहद खुश है. अब उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आएगी. कोयलांचल में भी राहुल कुमार की चर्चा जोरों पर है. लोगों का कहना है कि अपने कठिन परिश्रम से राहुल ने मुकाम हासिल किया है. अन्य युवाओं को भी राहुल से प्रेरणा लेने की जरूरत है.

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धनबादः कोयलांचल का झरिया शहर, जहां आशा विहार कुष्ठ कॉलोनी स्थित है. वैसे तो कुष्ठ कॉलोनी का नाम सुनकर ही जेहन में एक अजीब से भाव उत्पन्न होते हैं. यहां गरीबी, मुफलिसी और अभाव जैसी तस्वीर आंखों के आगे उभर आते हैं. लेकिन अगर प्रबल इच्छाशक्ति और कुछ अलग करने की मन में लगन हो तो इंसान अपनी मेहनत से उन बाधाओं को तोड़कर आगे बढ़ता है. धनबाद के राहुल कुमार को अमेरिका में नौकरी मिलने की कहानी इसी प्रतिभा की बानगी बयां करती है.

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आशा विहार कुष्ठ कॉलोनी के राहुल कुमार को सफलता मिली. यहां का एक युवक भारत से निकलकर अमेरिका में नौकरी कर रहा है. यहां बसे ज्यादातर लोग गरीबी रेखा के नीचे गुजर-बसर करने वाले हैं. लेकिन कुष्ठ कॉलोनी और गरीबी रेखा कभी राहुल की प्रतिभा के आड़े नहीं आई. राहुल कुमार ने अपना एक अलग ही मुकाम बनाया है. जिसकी चर्चा आज चारों ओर हो रही है और उसकी सफलता के लिए लोग उनके परिजनों को साधुवाद दे रहे हैं.

कुष्ठ कॉलोनी के रहने वाले जितेंद्र मालाकार का पुत्र राहुल कुमार भारत से 13 हजार 568 किलोमीटर दूर अमेरिका के अलास्का में काम कर रहा है. राहुल का चयन हॉलैंड अमेरिका क्रूज कंपनी में हुआ है. वह करीब 8:30 लाख की सालाना पैकेज में इस कंपनी में काम कर रहा है. पुत्र की तरक्की से पूरा परिवार खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा है.

पेशे से कैटरर हैं राहुल के पिताः जितेंद्र मालाकार पेशे से कैटरर हैं. शादी, विवाह, पार्टी या किसी फंक्शन में कैटरिंग का काम करते हैं. पिता जितेंद्र मालाकार ने बताया कि राहुल 2015 में मैट्रिक की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद विद्या मंदिर से इंटर किया और 2017 में उसे सकावा फाउंडेशन से स्कॉलरशिप मिली. स्कॉलरशिप के जरिए उसे आगरा स्थित हैरिटेज कॉलेज में होटल मैनेजमेंट कोर्स करने का अवसर मिला. इस दौरान उसने मस्कट और मलेशिया जैसे देशों में ट्रेनिंग ली. प्रशिक्षण पूरा करने के बाद हॉलैंड अमेरिका क्रूज कंपनी में राहुल कुमार को नौकरी मिल गई. अब वो अलास्का में रहकर काम कर रहा है.

राहुल कुमार की मां ने कहा कि पूरा परिवार काफी कठिनाई के दौर में गुजरा है. राहुल बचपन से ही काफी मेहनत करता था, उसे आगे बढ़ने की तमन्ना शुरू से ही थी. बेटे की अमेरिका में नौकरी लगने के बाद पूरा परिवार बेहद खुश है. अब उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आएगी. कोयलांचल में भी राहुल कुमार की चर्चा जोरों पर है. लोगों का कहना है कि अपने कठिन परिश्रम से राहुल ने मुकाम हासिल किया है. अन्य युवाओं को भी राहुल से प्रेरणा लेने की जरूरत है.

Last Updated : Jun 6, 2023, 4:39 PM IST
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