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ETV BHARAT IMPACT: तीरंदाज ममता टुडू को मिली सेल में नौकरी, आर्चर ने ईटीवी भारत को कहा-शुक्रिया

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Published : Mar 6, 2021, 5:33 PM IST

Updated : Mar 6, 2021, 11:08 PM IST

धनबाद में ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. तीरंदाज ममता टुडू को बोकारो स्थित सेल ने बोर्डिंग आर्चरी सेंटर में बतौर कोच नौकरी दे दी है. तीरंदाज ममता और उसके परिजनों ने इसके लिए ईटीवी भारत को धन्यवाद दिया है. इससे पहले तीरंदाज की आर्थिक परेशानी की खबर ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित कर प्रशासन का ध्यान खींचा था.

archer Mamta Tudu got job in bokaro cell
झालमुढ़ी बेचने को मजबूर तीरंदाज ममता टुडू को मिली नौकरी

धनबाद: ईटीवी भारत की खबर का एक बार फिर असर हुआ है. इसके चलते आर्थिक परेशानी से जूझ रही तीरंदाज को अब मदद मिली है. अब सार्वजनिक क्षेत्र की स्टील कंपनी ने बोर्डिंग आर्चरी सेंटर में बतौर कोच नौकरी दी है. इससे कुछ दिनों पहले ही ईटीवी भारत ने एक खबर प्रकाशित की थी कि धनबाद की नेशनल चैंपियन तीरंदाज ममता टुडू आर्थिक परेशानी के कारण झालमुढ़ी बेचने को मजबूर हैं. ईटीवी भारत के चलते तीरंदाज को मदद मिलने पर ममता और उसके परिजनों ने इसके लिए ईटीवी भारत को धन्यवाद दिया है.

देखें पूरी खबर

यह भी पढ़ें: कहीं चूक न जाए गोल्ड का निशाना, झालमुढ़ी बेचने को मजबूर तीरंदाजी की नेशनल चैंपियन

सेल में नौकरी मिलने के बाद भारतीय जनतंत्र मोर्चा के नेता रमेश पांडेय ने ममता टुडू से मुलाकात कर उसे बुके देकर बधाई दी और मिठाई खिलाया. ममता की खबर दिखाए जाने के बाद सबसे पहले रमेश पांडेय ने उसे 11 हजार रुपये का आर्थिक सहयोग किया था. साथ ही जीवन भर ममता को मदद देने का वादा भी किया था.

अधिकारियों ने ममता को दिया ज्वाइनिंग लेटर

नौकरी मिलने के बाद ममता ने कहा कि रांची एक्सीलेंसी की तरफ से पूर्व में बोकारो सेल में नौकरी के लिए फॉर्म भरवाया गया था. इंटरव्यू भी हुआ था लेकिन नौकरी के लिए कोई भी पहल नहीं की जा रही थी. ईटीवी भारत पर खबर चलने के बाद सेल और एक्सीलेंसी के पदाधिकारी ममता के घर पहुंचे और उसका हाल चाल लिया. इसके बाद उसे ज्वाइनिंग लेटर सौंपा.

झालमुढ़ी बेच रही थी नेशनल चैंपियन

जिला मुख्यालय से महज कुछ किलोमीटर दूर दामोदरपुर संथालटोला की रहने वाली ममता टुडू साल 2009 में विजयवाड़ा में हुए अंडर-13 तीरंदाजी चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीती थीं. रांची में रहकर वह प्रैक्टिस कर रही थीं लेकिन लॉकडाउन में घर लौट आईं. आर्थिक स्थिति खराब रहने के कारण उन्हें सड़क किनारे उसे झालमुढ़ी बेचना पड़ रहा था. ममता का सपना देश के लिए गोल्ड जीतने का है. ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था.

धनबाद: ईटीवी भारत की खबर का एक बार फिर असर हुआ है. इसके चलते आर्थिक परेशानी से जूझ रही तीरंदाज को अब मदद मिली है. अब सार्वजनिक क्षेत्र की स्टील कंपनी ने बोर्डिंग आर्चरी सेंटर में बतौर कोच नौकरी दी है. इससे कुछ दिनों पहले ही ईटीवी भारत ने एक खबर प्रकाशित की थी कि धनबाद की नेशनल चैंपियन तीरंदाज ममता टुडू आर्थिक परेशानी के कारण झालमुढ़ी बेचने को मजबूर हैं. ईटीवी भारत के चलते तीरंदाज को मदद मिलने पर ममता और उसके परिजनों ने इसके लिए ईटीवी भारत को धन्यवाद दिया है.

देखें पूरी खबर

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सेल में नौकरी मिलने के बाद भारतीय जनतंत्र मोर्चा के नेता रमेश पांडेय ने ममता टुडू से मुलाकात कर उसे बुके देकर बधाई दी और मिठाई खिलाया. ममता की खबर दिखाए जाने के बाद सबसे पहले रमेश पांडेय ने उसे 11 हजार रुपये का आर्थिक सहयोग किया था. साथ ही जीवन भर ममता को मदद देने का वादा भी किया था.

अधिकारियों ने ममता को दिया ज्वाइनिंग लेटर

नौकरी मिलने के बाद ममता ने कहा कि रांची एक्सीलेंसी की तरफ से पूर्व में बोकारो सेल में नौकरी के लिए फॉर्म भरवाया गया था. इंटरव्यू भी हुआ था लेकिन नौकरी के लिए कोई भी पहल नहीं की जा रही थी. ईटीवी भारत पर खबर चलने के बाद सेल और एक्सीलेंसी के पदाधिकारी ममता के घर पहुंचे और उसका हाल चाल लिया. इसके बाद उसे ज्वाइनिंग लेटर सौंपा.

झालमुढ़ी बेच रही थी नेशनल चैंपियन

जिला मुख्यालय से महज कुछ किलोमीटर दूर दामोदरपुर संथालटोला की रहने वाली ममता टुडू साल 2009 में विजयवाड़ा में हुए अंडर-13 तीरंदाजी चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीती थीं. रांची में रहकर वह प्रैक्टिस कर रही थीं लेकिन लॉकडाउन में घर लौट आईं. आर्थिक स्थिति खराब रहने के कारण उन्हें सड़क किनारे उसे झालमुढ़ी बेचना पड़ रहा था. ममता का सपना देश के लिए गोल्ड जीतने का है. ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था.

Last Updated : Mar 6, 2021, 11:08 PM IST
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