धनबादः सरकारी स्कूल के नाम के आगे लिखा हरिजन शब्द बच्चों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा. शिक्षकों ने हरिजन शब्द को हटाने की मांग की है. इसको लेकर बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो ने कहा विधानसभा के सत्र में वो सरकारी स्कूल से हरिजन शब्द हटाने की मांग को जोरशोर के साथ उठाएंगे.
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धनबाद जिला के सरकारी स्कूल खासकर, प्राथमिक, मध्य, उत्क्रमित विद्यालयों के नाम के साथ हरिजन शब्द आज भी लिखा है. जिले के 32 स्कूल में आज भी हरिजन शब्द का उपयोग किया जा रहा है. इस शब्द को हटाने को लेकर तीन साल पहले प्रस्ताव भी लाया गया था लेकिन प्रस्ताव को अमल में नहीं लाया जा सका. हरिजन शब्द का उपयोग सरकारी स्तर पर समाप्त कर दिया गया है. इसके बावजूद जिला शिक्षा विभाग में इस शब्द का उपयोग हो रहा है.
बाघमारा अंचल के बासजोड़ा में स्थित राजकीयकृत प्राथमिक विद्यालय के नाम के आगे हरिजन शब्द जोड़ा हुआ है. ऐसे ही जिले के अन्य स्कूलों में यह शब्द लिखा हुआ है. स्कूल के शिक्षक ने कहा कि हरिजन बस्ती होने के कारण इस शब्द का प्रयोग किया जाता है लेकिन यह शब्द नहीं लिखा जाना चाहिये. तीन साल पहले इसे हटाने की बात विभाग के तरफ से कही गई थी लेकिन उसके बाद विभाग की तरफ से कोई पहल नहीं हुआ. बच्चों पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है विभाग से जब तक कोई आदेश नहीं आता शब्द को वह नहीं हटा सकते, यह उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है.
बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो ने कहा कि केंद्र सरकार ने हरिजन शब्द को खत्म सरकारी विभागों से हटा दिया है. लेकिन झारखंड में अभी भी स्कूलों में यह शब्द नाम के आगे पीछे प्रयोग किया जाता है. इस सरकार को विकास कार्य से कोई मतलब नहीं है, सरकार को कोयला चोरी से केवल मतलब है, सरकार तो कहीं ओर ही बिजी है. विधायक ने आश्वस्त किया कि वो विधानसभा के शीतकालीन सत्र में स्कूलों से हरिजन शब्द हटाने की मांग को सदन में जरूर उठाएंगे.
इतना ही नहीं स्कूल के एड्रेस कोड को लेकर या जिस स्थान पर इस शब्द का उपयोग हो रहा है उस स्थान में दलित समाज के लोगों के अधिक संख्या होने की दलील दी जा रही है. लेकिन हरिजन शब्द हटाने की दिशा में प्रस्ताव जो लाया गया वह ठंडे बस्ते में चला गया है. इस शब्द का प्रतिकूल प्रभाव कहीं न कहीं यहां पढ़ने वाले नौनिहालों के दिमाग पर पड़ रहा है. हालांकि यह शब्द शिक्षा विभाग के चलन से कब समाप्त होगा इसका इंतजार करना होगा.