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धनबाद में कोयले की चट्टान गिरने से एक मजदूर की मौत, कई लोगों ने भागकर बचाई जान - झारखंड समाचार

धनबाद के जीतपुर कोलियरी में कोयला खदान में चट्टान गिरने से एक मजदूर की मौत हो गई. घटना के बाद प्रबंधन के प्रति लोगों में गुस्सा है, उनका कहना कि पहले से प्रबंधन को आगाह किया जा रहा है.

जीतपुर कोलियरी की तस्वीर
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Published : Jun 20, 2019, 5:54 PM IST

झरिया/धनबाद: जिले के जीतपुर कोलियरी के ब्लॉक 15 बॉटम में रात्री पाली के दौरान असंगठित मजदूर रणजीत सिंह की मौत हो गई. गुरूवार को खदान के अंदर साइड से कोयले की चट्टान गिरने से ये हादसा हुआ. इस घटना में दर्जनों मजदूर बाल-बाल बच गए.

देखें पूरी खबर

इस घटना के बाद से प्रबंधन के प्रति मजदूरों में काफी आक्रोश है, वहीं घटना के बारे में बताया जाता है कि सुबह-सुबह 20 मजदूरों की टीम फेस में कोयले की कटाई का काम कर रहे थे. इसी बीच साइड से कोयले का एक बड़ा चट्टान गिर गया. जिसमें रंजीत सिंह नामक मजदूर उसी कोयले की चट्टान में दब गया. बाकी मजदूरों ने किसी तरह घटनास्थल से भाग कर अपनी जान बचाई. घटना के बाद आनन-फानन में रंजीत को धनबाद के जेनरल अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

ये भी पढ़ें- PM के आगमन को लेकर स्वास्थ्य विभाग रेस, मंत्री ने RIMS में की समीक्षा बैठक

इस घटना से जीतपुर कोलियरी के मजदूरों में स्थानीय प्रबंधक के प्रति काफी आक्रोश है. घटना को लेकर मजदूरों ने बताया कि सेल प्रबंधन को कई बार आगाह कराया गया कि कोयले का साइड कभी भी धंस सकता सकता है. प्रबंधक उत्पादन को लेकर सुरक्षा को नजर अंदाज कर उत्पादन पर जोर देते रहे. फिलहाल मृतक के परिजन शव को लेकर जीतपुर कोलियरी कार्यालय के पास नौकरी ओर मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.परिजनों के द्वारा मांग पर भले ही सहमति बन जाए लेकिन ऐसी घटना में किसकी लापरवाही है ये जांच का विषय है. अगर कोई अधिकारी दोषी है तो उसपर कार्रवाई होनी चाहिए.

झरिया/धनबाद: जिले के जीतपुर कोलियरी के ब्लॉक 15 बॉटम में रात्री पाली के दौरान असंगठित मजदूर रणजीत सिंह की मौत हो गई. गुरूवार को खदान के अंदर साइड से कोयले की चट्टान गिरने से ये हादसा हुआ. इस घटना में दर्जनों मजदूर बाल-बाल बच गए.

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इस घटना के बाद से प्रबंधन के प्रति मजदूरों में काफी आक्रोश है, वहीं घटना के बारे में बताया जाता है कि सुबह-सुबह 20 मजदूरों की टीम फेस में कोयले की कटाई का काम कर रहे थे. इसी बीच साइड से कोयले का एक बड़ा चट्टान गिर गया. जिसमें रंजीत सिंह नामक मजदूर उसी कोयले की चट्टान में दब गया. बाकी मजदूरों ने किसी तरह घटनास्थल से भाग कर अपनी जान बचाई. घटना के बाद आनन-फानन में रंजीत को धनबाद के जेनरल अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

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इस घटना से जीतपुर कोलियरी के मजदूरों में स्थानीय प्रबंधक के प्रति काफी आक्रोश है. घटना को लेकर मजदूरों ने बताया कि सेल प्रबंधन को कई बार आगाह कराया गया कि कोयले का साइड कभी भी धंस सकता सकता है. प्रबंधक उत्पादन को लेकर सुरक्षा को नजर अंदाज कर उत्पादन पर जोर देते रहे. फिलहाल मृतक के परिजन शव को लेकर जीतपुर कोलियरी कार्यालय के पास नौकरी ओर मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.परिजनों के द्वारा मांग पर भले ही सहमति बन जाए लेकिन ऐसी घटना में किसकी लापरवाही है ये जांच का विषय है. अगर कोई अधिकारी दोषी है तो उसपर कार्रवाई होनी चाहिए.

Intro:अनिल पाण्डेय, झरीया ,धनबाद

झरिया सेल के जीतपुर कोलियरी के ब्लॉक 15 बॉटम में रात पाली के दौरान काम करने गए 40 वर्षीय असंगठित मजदूर रणजीत सिंह की आज सुबह 5 ,30 बजे खदान के अंदर साइड से कोयले की चट्टान गिरने से मौत हो गई ,साथ ही इस घटना में दर्जनों मजदूर बाल बाल बच गए ,

इस घटना से प्रबंधन के प्रति मजदूरों में काफी आक्रोश है ,Body:वही घटना के सम्बंध में बताया जाता है कि सुबह ,सुबह 20 मजदूर की टीम फेस में कोयले की कटाई का काम कर रहे थे , इसी बीच साइड से कोयले का एक बड़ा चट्टान गिर गया , जिसमें रंजीत सिंह नामक मजदूर उसी कोयले की चट्टान मे दब गया ,बाकी मजदूर किसी तरह घटना स्थल से भाग कर अपनी जान बचाई ,घटना के बाद आनन-फानन में रंजीत को धनबाद के जेनरल अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया ,

इस घटना से जीतपुर कोलियरी के मजदूरों में स्थानीय प्रबंधक के प्रति काफी आक्रोश है ,घटना को लेकर मजदूरों ने बताया कि सेल प्रबंधन को कई बार आगाह कराया गया कि कोयले का साइड कभी भी धंस सकता सकता है पर प्रबंधक उत्पादन को लेकर सुरक्षा को नजर अंदाज कर उत्पादन पर जोर देते रहे ,

फिलहाल मृतक के परिजन शव को लेकर जितपुर कोलियरी कार्यालय के समीप नोकरी ओर मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्सन कर रहे है ।

परिजनों के द्वारा मांग पर भले ही सहमति बन जाय लेकिन ऐसी घटना में किसकी लापरवाही हैं। घटना कैसे घटी ये जांच का बिसय हैं अगर कोई अधिकारी दोसी हैं तो उसपर कारवाही होनी चाहिए। इस घटना में एक कि ही जान गई हैं और बाल 20 मजदूर बाल बचे । इसमे सभी की भी जान जा सकती थी।Conclusion:
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