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बैंक अकाउंट से लाखों रुपए उड़ाने वाला साइबर अपराधी गिरफ्तार, कस्टमर केयर नंबर का करता था इस्तेमाल - Cyber criminal arrested in dhanbad

धनबाद में साइबर अपराधी अजीम अंसारी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. अजीम अंसारी कस्टमर केयर में अपना नंबर डाल यूपीआई लिंक भेजकर लोगों से ठगी किया करता था. गिरफ्तार अपराधी के पास से पुलिस ने 7.76 लाख कैश, 5 एटीएम, आईफोन और एक बाइक बरामद किया है.

Cyber criminal arrested in dhanbad
धनबाद में साइबर अपराधी गिरफ्तार
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Published : Jan 5, 2020, 1:27 AM IST

Updated : Jan 5, 2020, 3:53 AM IST

धनबाद: कस्टमर केयर में अपना नंबर डाल यूपीआई लिंक भेजकर लोगों से ठगी करने वाले एक साइबर अपराधी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार अपराधी के पास से पुलिस ने 7.76 लाख कैश, 5 एटीएम, आईफोन और एक बाइक बरामद किया है.


बता दें कि साइबर अपराधी अजीम अंसारी सर्च इंजन गूगल पर उपलब्ध विभिन्न कंपनियों के कस्टमर केयर नंबर को एडिट कर अपना नंबर डाल यूपीआई लिंक कराने का मैसेज भेजता था और भोले-भाले लोगों को फंसा कर ठगी करता था. अजीम अंसारी को पुलिस ने गोविंदपुर इलाके के काला डाबर से गिरफ्तार किया है. वहीं, पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है.

धनबाद में साइबर अपराधी गिरफ्तार


जानिए पूरा मामला
इस पूरे मामले में मीडिया से बातचीत के दौरान सिटी एसपी आर राम कुमार ने बताया कि अजीम अंसारी लोगों को इंश्योरेंस और सरकारी योजनाओं का लाभ देने का झांसा देकर बैंक में खाता खुलवाता था. उन खातों में वह साइबर क्राइम द्वारा की गई ठगी का रुपया ट्रांसफर करता था. अजीम अंसारी गूगल सर्च इंजन में विभिन्न कंपनियों के कस्टमर केयर नंबर को एडिट कर अपना नंबर डाल देता था और इस नंबर पर जब कोई ग्राहक किसी समस्या को लेकर कॉल करता था तब अजीम यूपीआई लिंक करने का मैसेज भेज कर अपने मोबाइल फोन को उस कस्टमर के खाते को एक्सेस करता था. अजीम द्वारा भेजी गई लिंक को एक्सेस करते ही ग्राहक का बैंक खाता अजीम के मोबाइल नंबर से लिंक हो जाता था. इसके बाद अजीम गूगल फॉर्म को भर कर उसमें यूपीआई पिन मंगवा लेता था और उसके बाद बड़ी आसानी से उक्त बैंक खाते से सारे रुपए अन्य खातों में ट्रांसफर कर एटीएम के माध्यम से रुपए निकाल लेता था.


सिटी एसपी ने बताया कि अजीम अंसारी कोलकाता से फर्जी नाम से सिम खरीद कर लाता था. वहीं, जांच करने पर अजीम के फोन में 20 खाता का विवरण प्राप्त हुआ है. उसके फोन में फ्यूचर पे एक भी मौजूद है. जिसमें विजय कुमार का नाम है. यह नाम फर्जी है.


सिटी एसपी ने बताया कि फेडरल बैंक की निरसा शाखा के प्रबंधक ने साइबर थाना में गोरखपुर पुलिस के आवेदन पर एक मामला दर्ज कराया था. गोरखपुर पुलिस के साइबर सेल ने फेडरल बैंक निरसा शाखा के प्रबंधक को सूचना दी थी कि किसी श्यामलाल मरांडी के खाता में ठगी से अर्जित रुपए आए हैं. जिसके कारण उस खाता को होल्ड में रखा जाए. बैंक ने जब उस खाता को होल्ड में रखा तब श्यामलाल मरांडी बैंक आया. इसकी सूचना बैंक प्रबंधक ने साइबर थाना और निरसा थाना को दी. श्यामलाल मरांडी, सुमित हांसदा और संजय टूडू, जो साथ में खाता खुलवाने आए थे. उनसे पूछताछ की गई तब पता चला कि अजीम अंसारी के द्वारा उन्हें रुपए देकर बैंक में खाता खुलवाने के लिए भेजा गया था.

धनबाद: कस्टमर केयर में अपना नंबर डाल यूपीआई लिंक भेजकर लोगों से ठगी करने वाले एक साइबर अपराधी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार अपराधी के पास से पुलिस ने 7.76 लाख कैश, 5 एटीएम, आईफोन और एक बाइक बरामद किया है.


बता दें कि साइबर अपराधी अजीम अंसारी सर्च इंजन गूगल पर उपलब्ध विभिन्न कंपनियों के कस्टमर केयर नंबर को एडिट कर अपना नंबर डाल यूपीआई लिंक कराने का मैसेज भेजता था और भोले-भाले लोगों को फंसा कर ठगी करता था. अजीम अंसारी को पुलिस ने गोविंदपुर इलाके के काला डाबर से गिरफ्तार किया है. वहीं, पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है.

धनबाद में साइबर अपराधी गिरफ्तार


जानिए पूरा मामला
इस पूरे मामले में मीडिया से बातचीत के दौरान सिटी एसपी आर राम कुमार ने बताया कि अजीम अंसारी लोगों को इंश्योरेंस और सरकारी योजनाओं का लाभ देने का झांसा देकर बैंक में खाता खुलवाता था. उन खातों में वह साइबर क्राइम द्वारा की गई ठगी का रुपया ट्रांसफर करता था. अजीम अंसारी गूगल सर्च इंजन में विभिन्न कंपनियों के कस्टमर केयर नंबर को एडिट कर अपना नंबर डाल देता था और इस नंबर पर जब कोई ग्राहक किसी समस्या को लेकर कॉल करता था तब अजीम यूपीआई लिंक करने का मैसेज भेज कर अपने मोबाइल फोन को उस कस्टमर के खाते को एक्सेस करता था. अजीम द्वारा भेजी गई लिंक को एक्सेस करते ही ग्राहक का बैंक खाता अजीम के मोबाइल नंबर से लिंक हो जाता था. इसके बाद अजीम गूगल फॉर्म को भर कर उसमें यूपीआई पिन मंगवा लेता था और उसके बाद बड़ी आसानी से उक्त बैंक खाते से सारे रुपए अन्य खातों में ट्रांसफर कर एटीएम के माध्यम से रुपए निकाल लेता था.


सिटी एसपी ने बताया कि अजीम अंसारी कोलकाता से फर्जी नाम से सिम खरीद कर लाता था. वहीं, जांच करने पर अजीम के फोन में 20 खाता का विवरण प्राप्त हुआ है. उसके फोन में फ्यूचर पे एक भी मौजूद है. जिसमें विजय कुमार का नाम है. यह नाम फर्जी है.


सिटी एसपी ने बताया कि फेडरल बैंक की निरसा शाखा के प्रबंधक ने साइबर थाना में गोरखपुर पुलिस के आवेदन पर एक मामला दर्ज कराया था. गोरखपुर पुलिस के साइबर सेल ने फेडरल बैंक निरसा शाखा के प्रबंधक को सूचना दी थी कि किसी श्यामलाल मरांडी के खाता में ठगी से अर्जित रुपए आए हैं. जिसके कारण उस खाता को होल्ड में रखा जाए. बैंक ने जब उस खाता को होल्ड में रखा तब श्यामलाल मरांडी बैंक आया. इसकी सूचना बैंक प्रबंधक ने साइबर थाना और निरसा थाना को दी. श्यामलाल मरांडी, सुमित हांसदा और संजय टूडू, जो साथ में खाता खुलवाने आए थे. उनसे पूछताछ की गई तब पता चला कि अजीम अंसारी के द्वारा उन्हें रुपए देकर बैंक में खाता खुलवाने के लिए भेजा गया था.

Intro:धनबाद।कस्टमर केयर में अपना नंबर डाल यूपीआई लिंक भेज कर लोगों से ठगी करने वाले एक साइबर अपराधी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।7.76 लाख कैश 5 एटीएम, आईफोन और एक मोटरसाइकिल पुलिस ने अपराधी के पास से गिरफ्तार किया है।


Body:सर्च इंजन गूगल पर उपलब्ध विभिन्न कंपनियों के कस्टमर केयर नंबर को एडिट कर अपना नंबर डाल यूपीआई लिंक कराने का मैसेज भेज कर भोले-भाले लोगों से ठगी करने वाले साइबर अपराधी अजीम अंसारी को पुलिस ने गोविंदपुर इलाके के काला डाबर से गिरफ्तार किया है।

मीडिया से बातचीत के दौरान सिटी एसपी आर राम कुमार ने बताया कि अजीम अंसारी भोले भाले लोगों को इंसुरेंस एवं सरकारी योजनाओं का लाभ देने का झांसा देकर बैंक में खाता खुलवाता था। उन खातों में वह साइबर क्राइम द्वारा की गई ठगी का रुपया ट्रांसफर करता था। अजीम अंसारी गूगल सर्च इंजन में विभिन्न कंपनियों के कस्टमर केयर नंबर को एडिट कर अपना नंबर डाल देता था। इस नंबर पर जब कोई ग्राहक किसी समस्या को लेकर कॉल करता था। तब अजीम यूपीआई लिंक करने का मैसेज भेज कर अपने मोबाइल फोन को उस कस्टमर के खाता को एक्सेस करता था। अजीम द्वारा भेजी गई लिंक को एक्सेस करते ही ग्राहक का बैंक खाता अजीम के मोबाइल नंबर से लिंक हो जाता था। इसके बाद अजीम गूगल फॉर्म को भर कर उसमें यूपीआई पिन मंगवा लेता था और उसके बाद बड़ी आसानी से उक्त बैंक खाते से सारे रुपए अन्य खातों में ट्रांसफर कर एटीएम के माध्यम से रुपए निकाल लेता था।

सिटी एसपी ने बताया कि अजीम अंसारी कोलकाता से फर्जी नाम से सिम खरीद कर लाता था। वहां रूपए देकर आसानी से सिम प्राप्त कर लेता था। उन्होंने बताया कि जांच करने पर अजीम के फोन में 20 खाता का विवरण प्राप्त हुआ है। उसके फोन में फ्यूचर पे एक भी मौजूद है। जिसमें विजय कुमार का नाम है। यह नाम फर्जी है।

सिटी एसपी ने लोगों से अपील की है कि वे ऐसे जालसाजों के झांसे में ना आए।

सिटी एसपी ने बताया कि फेडरल बैंक की निरसा शाखा के प्रबंधक ने साइबर थाना में गोरखपुर पुलिस के आवेदन पर एक मामला दर्ज कराया था। गोरखपुर पुलिस के साइबर सेल ने फेडरल बैंक निरसा शाखा के प्रबंधक को सूचना दी थी कि किसी श्यामलाल मरांडी के खाता में ठगी से अर्जित रुपए आए हैं। जिसके कारण उस खाता को होल्ड में रखा जाए। बैंक ने जब उस खाता को होल्ड में रखा तब श्याम लाल मरांडी बैंक आया।इसकी सूचना बैंक प्रबंधक ने साइबर थाना एवं निरसा थाना को दी। श्याम लाल मरांडी सुमित हांसदा एवं संजय टूडू। जो साथ में खाता खुलवाने आए थे उनसे पूछताछ की गई तब पता चला कि अजीम अंसारी के द्वारा उन्हें रुपए देकर बैंक में खाता खुलवाने के लिए भेजा गया था।


Conclusion:लगातार पुलिस द्वारा सायबर अपराधियों की धर पकड़ की जा रही है।लेकिन जागरूकता के अभाव में आए दिन लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं।पुलिस अपरधियों को धर पकड़ करने के साथ लोगों को जागरूक करने का भी काम करना चाहिए।साथ ही लोगों भी खुद से जागरूक होने की आवश्यकता है।
Last Updated : Jan 5, 2020, 3:53 AM IST
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