धनबाद: कोयले की तस्करी में लगे तस्कर मजदूरों के साथ जानवरों से भी बदत्तर व्यवहार करते हैं. कोयले की कटाई में लगे किसी मजदूर की मौत के बाद तस्कर उसके परिजनों को सूचना देना भी मुनासिब नहीं समझते हैं. यही नहीं मृतक के साथियों के मोबाइल भी कोयला तस्कर जब्त कर लेते हैं. मौत के बाद मजदूर के शव को घर पहुंचाने के बजाय जंगल में छोड़ दिया जाता है. धनबाद के कतरास थाना क्षेत्र के लकड़का मे घटी घटना कुछ ऐसी ही कहानी बयां कर रही है.
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दरअसल, गिरिडीह जिले के खुखरा थाना क्षेत्र के हेरालडीह चांदनी चौक के रहने वाले 30 वर्षीय आदिवासी युवक जालो कोल अपने कुछ साथियों के साथ कोयले की कटाई के लिए धनबाद पहुंचे थे. कतरास थाना क्षेत्र के लकड़का में अवैध तरीके से तस्करों के द्वारा कोयले की कटाई कराई जा रही थी. जिसमें जालो कोल और उसके साथी भी कोयले की कटाई में लगे थे. शनिवार की रात जालो कोल की मौत हो गई. जिसके बाद कोयला तस्करी में लगे तस्कर मौके पर पहुंचे. तस्करों ने उनके साथियों के मोबाइल ले लिए और फिर शव को दो साथियों के साथ एक वाहन में लोड कर भेज दिया. तस्करों द्वारा आश्वासन दिया गया कि घर तक शव को छोड़ दिया जाएगा. लेकिन उन्होंने बीच रास्ते में ही जंगल में शव फेंक दिया.
परिजनों ने किया थाना का घेराव: शव और उनके साथियों को तिलैया पंचायत के खरखरियो मोड़ के जंगल में छोड़कर तस्कर वाहन से फरार हो गए. मृतक के गांव की दूरी उस स्थान से करीब 10 किलोमीटर है. मोबाइल मिलने के बाद साथियों ने उनके परिजनों को मामले की सूचना दी. सूचना मिलने के बाद परिजन मौके पर पहुंचे. शव को लेकर परिजन और स्थानीय लोग रविवार को धनबाद के कतरास थाना पहुंच गए और शव रखकर थाना का घेराव किया. लोगों की भीड़ और घेराव को देखते हुए पुलिस ने आनन-फानन में शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा.
मृतक के भाई का कहना है कि जालो कोल धनबाद के कतरास थाना क्षेत्र के लकड़का में कोयला कटाई के लिए आए थे. उन्होंने कहा कि उनके एक साथी द्वारा बताया गया कि नहाने के बाद भीगा हुआ कपड़ा तार पर डाल रहा था. तार में बिजली के करंट होने की वजह से उनके भाई की मौत हुई है. भाई ने कहा कि मौत की वजह कुछ और भी लगती है. वहीं बीच सड़क पर जंगल में शव को छोड़कर चले जाने से परिजन काफी गुस्से में हैं. परिजनों ने काम कराने वाले से मुआवजे की मांग की है, साथ ही ऐसे लोगों के खिलाफ प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग परिजनों ने की है.
करंट लगने से हुई मौत: मृतक के एक साथी ने बताया कि तीन-चार दिन पहले ही 6 लोग अपने गांव से कतरास थाना क्षेत्र के लकड़का में कोयले की कटिंग के लिए पहुंचे थे. सुब्रत पंडित नाम के एक व्यक्ति से उनका कांटेक्ट था. सुब्रत पंडित ने ही यहां तक आने के लिए भाड़ा और पैसा दिया था. माइंस के अंदर घुसकर कोयले की कटाई के लिए 18 रुपए प्रति बोरी उन्हें मिलता है. उसने बताया कि गांव के कई लोग यहां कोयले की कटाई करते हैं. शनिवार की रात वह पानी से भरे एक हौद के पास नहा रहा था. इस दौरान वह करंट की चपेट में आ गया. जिसके कारण उनकी मौत हो गई.