धनबाद: धनबाद कोर्ट ने दुष्कर्म के एक पुराने मामले में सुनवाई करते हुए दोषी को 20 साल की सजा सुनाई है. साथ ही पांच हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. दरअसल, घटना वर्ष 2021 का ही है. जिसमें सगे मामा ने अपनी नाबालिग भांजी के साथ लगातार छह माह तक दुष्कर्म कर गर्भवती कर दिया था. इसके बाद जब लड़की गर्भवती हो गई तो उसका गर्भपात कराने का प्रयास किया. इसके बाद लड़की ने मामले की सूचना अपनी मां को दी. मां ने घटना की पूरी जानकारी लेने के बाद झरिया थाना में मामला दर्ज कराया था. मामले में शुक्रवार को अदालत ने सुनवाई करते हुए यह सजा सुनाई है.
वर्ष 2021 में रिश्ते को शर्मशार करने की हुई थी घटनाः वर्ष 2021 में झरिया थाना में दुष्कर्म की प्राथमिकी दर्ज करायी गई थी. जिसमें मामा ने रिश्ते को शर्मसार करने वाले अपराध को अंजाम दिया था. नाबालिग भांजी को अपनी हवस का शिकार बनाया था. दो वर्ष के बाद धनबाद कोर्ट ने मामले में आरोपी को दोषी पाते हुए उसके पापों की सजा दी है. अदालत में सुनवाई के दौरान पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता ने काफी गंभीरता से पूरे मामले को जज के समक्ष रखा. जिसपर अदालत ने यह फैसला सुनाया.
पीड़ित पक्ष ने न्याय मिलने पर जतायी खुशीः वहीं इस संबंध में पीड़िता की मां ने बताया कि न्यायपालिका ने आज मेरी पुत्री को न्याय दिया है. दुष्कर्मी को 20 साल की सजा सुनायी गई है. जिससे मैं काफी खुश हूं. क्योंकि मेरी बेटी के साथ अन्याय हुआ था. दो वर्ष के बाद शुक्रवार को मुझे और मेरी बेटी को इंसाफ मिला है. वही पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता विकास भुवानिया ने बताया कि पिछले 2021 में एक झरिया थाना में मामला दर्ज हुआ था.
अधिवक्ताओं ने पीड़िता को न्याय दिलाने में अहम योगदान दियाः इसके बाद अधिवक्ता नागमणि सिंह ने मामले की बारीकी से सत्यता जांच की. जिसमें पुष्टि हुई कि आरोपी अपने ही सगी नाबालिक भगनी से यौन शोषण कर रहा था और यौन शोषण से उसकी भांजी गर्भवती हो गई थी. जिसके बाद आरोपी ने गर्भपात कराने का भी प्रयास किया. इस केस में अधिवक्ता नागमणि सिंह ने पीड़ित महिला को न्याय दिलाने में अहम भूमिका निभाई.