धनबादः धनबाद में दुष्कर्म के दो मामलों में अदालत का फैसला आया है. नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में अदालत ने दोषी संदीप रवानी को पॉक्सो एक्ट में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. एडीजे 9 प्रभाकर कुमार सिंह की अदालत ने दोषी को यह सजा सुनाई है. वहीं रांची की आदिवासी युवती को नौकरी के बहाने बरवाअड्डा लाकर सामूहिक दुष्कर्म और मारपीट कर जख्मी करने के मामले में अदालत ने मुख्य आरोपी को दोषी पाकर 15 साल की सजा सुनाई है.
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लोक अभियोजक अनिल कुमार सिंह ने बताया कि धनबाद में गोविंदपुर थाना क्षेत्र में रहने वाली नाबालिग लड़की से बलियापुर थाना क्षेत्र के कुसमाटांड स्थित निमटांड के रहने वाले संदीप रवानी द्वारा 20 जुलाई 2020 को दुष्कर्म की वारदात को अंजाम देने का मामला सामने आया था. घटनाक्रम के मुताबिक दोषी मामा के घर गया था, उसके मामा के घर पर नाबालिग प्रसाद देने गई थी. इस दौरान ही संदीप ने उसे अपनी हवस का शिकार बनाया. अब इस मामले में एडीजे 9 प्रभाकर कुमार सिंह की अदालत ने उसे दोषी पाकर आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
हत्या के प्रयास के लिए भी सजा
दूसरे मामले में रांची के मांडर की आदिवासी लड़की को नौकरी के नाम पर बहला-फुसलाकर धनबाद के बरवाअड्डा लाकर सामूहिक दुष्कर्म और पीड़िता को जख्मी करने के मामले में भी अदालत ने फैसला सुनाया. न्यायालय ने 1 साल बाद मुख्य आरोपी परितोष पांडे को दोषी करार देते हुए 15 साल की सजा सुनाई है. इससे पहले अदालत ने इस मामले के तीन अन्य आरोपियों प्रकाश हाजरा, कुंदन हाजरा एवं गुड्डू कुमार को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था.
अब जिला एवं सत्र न्यायाधीश षष्ठम एससी एसटी एक्ट के विशेष न्यायाधीश सुजीत कुमार सिंह की अदालत में यह मामला चल रहा था. दुष्कर्म मामले में 15 साल और हत्या का प्रयास के लिए दस साल की सजा सुनाई गई है.