धनबादः दो दिनों बाद मकर संक्रांति का त्योहार है. इससे धनबाद के बाजार में तिलकुट दुकान सज गया है और सौंधी-सौंधी खुशबू की महक चारों ओर बिखरने लगी है. बाजार में तरह तरह के तिलकुट बनाये जा रहे. लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से खरीदार नहीं पहुंच रहे हैं. कतरास के दुकानदार पिछले 20 सालों से बिहार के जहानाबाद से तिलकुट बनाने वाले कारीगर को बुलाते हैं, ताकि स्थानीय लोगों को मकर संक्रांति में बेहतर तिलकुट खाने को मिल सके. लेकिन, इस साल दुकान पर ग्राहक नहीं पहुंचने से दुकानदारों की चिंता बढ़ गई है.
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बिहार से आए कारीगर पूरी मेहनत से तिलकुट बनाते हैं. वहीं दुकानदारों को कोरोना के कारण बिक्री कम होने का डर सताने लगा है. राज्य सरकार के निर्देशानुसार रात 8 बजे के बाद बाजार बंद कर दिया जा रहा है. इससे बिक्री काफी कम हो गई है, जिससे दुकानदार थोड़े परेशान हैं.तिलकुट बनाने वाले कारीगर कहते हैं कि 20 कारीगरों की टीम है, जो धनबाद आकर तरह तरह के तिलकुट बनाते हैं. स्थानीय दुकानदार कहते हैं कि 20 सालों से बिहार के जहानाबाद, देवघर, चकाई और कुछ स्थानीय कारीगर को विशेष रूप से मकर संक्रांति के 50 दिन पहले बुलाते हैं. उन्होंने कहा कि खोवा तिलकुट, बिना खोवा तिलकुट, गुड़ तिलकुट, गुड़ लड्डू, तिलकुट के चीनी लडडू आदि बनाते हैं. उन्होंने कहा कि धनबाद में कोरोना के कारण रात 8 बजे के बाद बाजार बंद कर दिया जाता है. इस आदेश से बिक्री कम हो रही है.