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मकर संक्रांति 2022ः धनबाद में तिलकुट बाजार की सौंधी खुशबू पर कोरोना की मार, दुकानदारों की बढ़ी चिंता

धनबाद में तिलकुट बाजार पर कोरोना की मार से दुकानदार परेशान हैं. स्थानीय दुकानदार बिहार से कारीगर बुलाकर विभिन्न तरह के तिलकुट बनवाते हैं, ताकि स्थानीय लोगों को बेहतर तिलकुट मिल सके. लेकिन इस बार कोरोना की वजह से बिक्री कम है.

Tilkut market in Dhanbad
मकर संक्रांति 2022
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Published : Jan 12, 2022, 2:06 PM IST

Updated : Jan 12, 2022, 2:26 PM IST

धनबादः दो दिनों बाद मकर संक्रांति का त्योहार है. इससे धनबाद के बाजार में तिलकुट दुकान सज गया है और सौंधी-सौंधी खुशबू की महक चारों ओर बिखरने लगी है. बाजार में तरह तरह के तिलकुट बनाये जा रहे. लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से खरीदार नहीं पहुंच रहे हैं. कतरास के दुकानदार पिछले 20 सालों से बिहार के जहानाबाद से तिलकुट बनाने वाले कारीगर को बुलाते हैं, ताकि स्थानीय लोगों को मकर संक्रांति में बेहतर तिलकुट खाने को मिल सके. लेकिन, इस साल दुकान पर ग्राहक नहीं पहुंचने से दुकानदारों की चिंता बढ़ गई है.

यह भी पढ़ेंःमकर संक्रांति 2022ः बिहारी तिलकुट की खुशबू से महक रहे लोहरदगा के बाजार, शुगर फ्री की ज्यादा डिमांड

बिहार से आए कारीगर पूरी मेहनत से तिलकुट बनाते हैं. वहीं दुकानदारों को कोरोना के कारण बिक्री कम होने का डर सताने लगा है. राज्य सरकार के निर्देशानुसार रात 8 बजे के बाद बाजार बंद कर दिया जा रहा है. इससे बिक्री काफी कम हो गई है, जिससे दुकानदार थोड़े परेशान हैं.तिलकुट बनाने वाले कारीगर कहते हैं कि 20 कारीगरों की टीम है, जो धनबाद आकर तरह तरह के तिलकुट बनाते हैं. स्थानीय दुकानदार कहते हैं कि 20 सालों से बिहार के जहानाबाद, देवघर, चकाई और कुछ स्थानीय कारीगर को विशेष रूप से मकर संक्रांति के 50 दिन पहले बुलाते हैं. उन्होंने कहा कि खोवा तिलकुट, बिना खोवा तिलकुट, गुड़ तिलकुट, गुड़ लड्डू, तिलकुट के चीनी लडडू आदि बनाते हैं. उन्होंने कहा कि धनबाद में कोरोना के कारण रात 8 बजे के बाद बाजार बंद कर दिया जाता है. इस आदेश से बिक्री कम हो रही है.

देखें पूरी खबर

धनबादः दो दिनों बाद मकर संक्रांति का त्योहार है. इससे धनबाद के बाजार में तिलकुट दुकान सज गया है और सौंधी-सौंधी खुशबू की महक चारों ओर बिखरने लगी है. बाजार में तरह तरह के तिलकुट बनाये जा रहे. लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से खरीदार नहीं पहुंच रहे हैं. कतरास के दुकानदार पिछले 20 सालों से बिहार के जहानाबाद से तिलकुट बनाने वाले कारीगर को बुलाते हैं, ताकि स्थानीय लोगों को मकर संक्रांति में बेहतर तिलकुट खाने को मिल सके. लेकिन, इस साल दुकान पर ग्राहक नहीं पहुंचने से दुकानदारों की चिंता बढ़ गई है.

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बिहार से आए कारीगर पूरी मेहनत से तिलकुट बनाते हैं. वहीं दुकानदारों को कोरोना के कारण बिक्री कम होने का डर सताने लगा है. राज्य सरकार के निर्देशानुसार रात 8 बजे के बाद बाजार बंद कर दिया जा रहा है. इससे बिक्री काफी कम हो गई है, जिससे दुकानदार थोड़े परेशान हैं.तिलकुट बनाने वाले कारीगर कहते हैं कि 20 कारीगरों की टीम है, जो धनबाद आकर तरह तरह के तिलकुट बनाते हैं. स्थानीय दुकानदार कहते हैं कि 20 सालों से बिहार के जहानाबाद, देवघर, चकाई और कुछ स्थानीय कारीगर को विशेष रूप से मकर संक्रांति के 50 दिन पहले बुलाते हैं. उन्होंने कहा कि खोवा तिलकुट, बिना खोवा तिलकुट, गुड़ तिलकुट, गुड़ लड्डू, तिलकुट के चीनी लडडू आदि बनाते हैं. उन्होंने कहा कि धनबाद में कोरोना के कारण रात 8 बजे के बाद बाजार बंद कर दिया जाता है. इस आदेश से बिक्री कम हो रही है.

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Last Updated : Jan 12, 2022, 2:26 PM IST
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