धनबादः झरिया से कांग्रेस विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ने धनबाद में महज एक ही यातायात थाना होने के मुद्दे को झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र में उठाया है. साथ ही उन्होंने झरिया में यातायात थाना स्थापित करने की मांग की हैं. इसपर सरकार की ओर से पुलिस मुख्यालय से प्रस्ताव होने के बाद समीक्षा कर आवश्यक कार्रवाई का भरोसा दिया गया है.
धनबाद में एक ही ट्रैफिक थाना के मुद्दे पर विधायक ने शीतकालीन सत्र में उठाए सवालः शीतकालीन सत्र के दौरान विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ने यह सवाल किया कि, क्या यह बात सही है कि धनबाद जिला अंतर्गत कुल 56 थाने और ओपी पर एक मात्र यातायात थाना क्रियाशील है. जिस पर सरकार की ओर से स्वीकारत्मक जवाब दिया गया है. विधायक ने पूछा कि क्या यह बात सही है कि धनबाद में हर्ल, बीसीसीएल, ईसीएल, टाटा, टिस्को, एसीसी, एमपीएल मैथन आदि बड़ी औद्योगिक कंपनियां हैं. झरिया, धनबाद, बाघमारा और निरसा में माइनिंग क्षेत्र में 24 घंटे भारी वाहनों का परिचालन होता है. इस पर भी सरकार की ओर से स्वीकारात्मक जवाब दिया गया है.
मात्र एक यातायात थाना के भरोसे पूरे धनबाद जिले की आबादीः इस पर विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ने सवाल किया कि माइनिंग क्षेत्र, जनसंख्या घनत्व की अधिकता, वाहनों का अत्याधिक दबाव के कारण पूरे जिले की यातायात व्यवस्था एक ही यातायात थाना के भरोसे है. इस कारण सड़क दुर्घटनाओं और आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने और यातायात व्यवस्था सुदृढ़ करने में धनबाद यातायात पुलिस को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. इसपर सरकार की ओर से आंशिक स्वीकारात्मक जवाब दिया गया है.
पुलिस मुख्यालय से प्रस्ताव मिलने के बाद सरकार करेगी समीक्षाः सरकार की ओर से बताया गया कि यातायात थाना धनबाद में अतिरिक्त पुलिस बल प्रतिनियुक्त कर अप्रिय घटनाओं पर अंकुश लगाया जा रहा है. उन्होंने सरकार से पूछा है कि इन तीनों के उत्तर स्वीकारात्मक है, तो क्या सरकार जिले में आम जनता को सुगम यातायात व्यवस्था मुहैया कराने और मोटर वाहन अधिनियम को प्रभावी तरीके से लागू करने के उद्देश्य से धनबाद अंतर्गत यातायात थाना झरिया के सृजन का विचार रखती है, हां तो कब तक, नहीं तो क्यों नहीं. इसपर पुलिस मुख्यालय से प्रस्ताव प्राप्त होने पर समीक्षा कर आवश्यक कार्रवाई करने का आश्वासन सरकार की ओर से दिया गया है.
धनबाद में कुल 56 थाना और एक यातायात थाना है संचालितः बताते चलें कि अपराध पर अंकुश लगाने के लिए धनबाद में कुल 56 थाना और ओपी हैं. जिनमें पुलिस पदाधिकारी समेत जवान तैनात हैं, ताकि लोग अपने आप को ना सिर्फ सुरक्षित महसूस कर सकें, बल्कि कठिनाई आने पर पुलिस की मदद ले सकें, लेकिन जिले में महज एक यातायात थाना है. जिसके सहारे धनबाद की ट्रैफिक व्यवस्था चला रही है. जबकि बीसीसीएल और हर्ल समेत कई बड़ी कंपनियों के बड़े वाहनों का परिचालन 24 घंटे होता है. ऐसे में झरिया में एक अन्य यातायात थाना की मांग उठने लगी है.
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