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आवेदन पर कार्रवाई नहीं होने से युवक ने की आत्महत्या, ग्रामीणों ने घेरा गलफरबाड़ी ओपी, एएसआई से धक्कामुक्की - झारखंड में आत्महत्या के मामले

धनबाद के एग्यारकुंड पानी टंकी इलाके में रेप की कोशिश के आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से पीड़ित के पति ने खुदकुशी कर ली. इससे नाराज निरसा इलाके के लोग गलफरबाड़ी ओपी पहुंच गए और ओपी का घेराव कर लिया. आरोप है तोड़फोड़ और एएसआई से धक्कामुक्की भी की.

complainant committed suicide in Dhanbad
आवेदन पर कार्रवाई नहीं होने पर युवक ने की खुदकुशी
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Published : Oct 13, 2021, 5:37 PM IST

Updated : Oct 13, 2021, 8:56 PM IST

धनबाद: आवेदन पर कार्रवाई पर न होने से युवक के खुदकुशी करने पर मंगलवार को स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. नाराज लोग निरसा इलाके में गलफरबाड़ी ओपी पहुंच गए. यहां ग्रामीणों ने गलफरबाड़ी ओपी को घेर लिया. रेप की कोशिश के मामले में आरोपियों कि गिरफ्तारी की मांग को लेकर लोगों ने तोड़फोड़ शुरू कर दी और शव रखकर धरना शुरू कर दिया. हालात को संभालने पहुंचे एएसआई से धक्का-मुक्की भी की गई.

ये भी पढ़ें-पलामू में हर महीने छह लोग लगा लेते हैं मौत को गले, परेशानियों से टूट रही लोगों की हिम्मत

जलील किए जाने से बिगड़ गई बात

ग्रामीणों ने बताया कि एक माह पूर्व एग्यारकुंड पानी टंकी निवासी सुजीत उर्फ मंटू दुबे के साथ उसके चचेरे भाई रंजीत दुबे और उसके दोस्त संदीप रजक का झगड़ा हुआ था. इसमें दोनों पक्षों की ओर से गलफरबाड़ी ओपी में एफआईआर दर्ज कराई गई थी. मंटू की पत्नी ने रंजीत और संदीप पर रेप की कोशिश का भी आरोप लगाया था. लेकिन आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की गई.

देखें पूरी खबर

इधर, आरोप है कि रंजीत एवं संदीप ने मंटू से कहा कि हम लोगों का पुलिस कुछ नहीं बिगाड़ सकती है. ओपी प्रभारी से लेकर आला अफसरों तक को रुपये दिए हैं. यह बात मंटू के दिल पर लग गई. पत्नी और पिता से कहा कि पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है और दोनों आरोपी जलील करने में लगे हैं. ऐसी जिंदगी नहीं जी सकता. इसलिए वह जान दे देगा.

ट्रेन से बचाया लेकिन नहीं बचा सके जान

ट्रेन के आगे कूद जान देने के लिये वह रेलवे ट्रैक की ओर दौड़ा. लेकिन लोगों ने उसे पकड़ लिया और किसी तरह उसे घर ले आए. बाद में शनिवार को उसने खुद को कमरे में बंद कर लिया और फंदे से झूल गया. लेकिन परिवार वालों की नजर उस पर पड़ गई.

परिवार के लोगों ने आसपास के लोगों के साथ मिलकर दरवाजा तोड़कर उसे फंदे से उतारा और धनबाद पीएमसीएच में भर्ती कराया. यहां इलाज के दौरान बुधवार सुबह मंटू की मौत हो गई. मौत की सूचना पर मंटू दुबे के परिजन आक्रोशित हो गए और आसपास के लोगों के साथ शव लेकर ओपी परिसर पहुंच गए और यहां जमकर हंगामा किया.

ये भी पढ़ें-कोरोना काल में झारखंड में खुदकुशी के केस बढ़े, आत्महत्या पर SCRB की रिपोर्ट से हुआ खुलासा

ओपी प्रभारी पर लापरवाही का आरोप

लोगों ने ओपी प्रभारी संजय उरांव पर मामले में गंभीरता नहीं बरतने का आरोप लगाया और आसपास तोड़फोड़ की. आरोप है कि पुलिस के साथ हाथापाई भी की गई. लोग आरोपी को अविलंब गिरफ्तार करने की मांग कर रहे थे. लोग शव रखकर धरना देने लगे. इधर, लोगों के जमावड़े और उग्र प्रदर्शन की जानकारी पर अंचल के सभी पुलिस एवं प्रभारी मौके पर पहुंच गए.

ओपी परिसर छावनी में तब्दील

ओपी परिसर पूरी तरह से पुलिस छावनी में तब्दील हो गया. फिलहाल अभी भी मामला शांत नहीं हुआ था. पुलिस लोगों को समझाने में जुटी थी. वहीं इस पूरे मामले में पुलिस का कहना है कि पुलिस आरोपी की गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है. मामले में प्राथमिकी भी दर्ज हो चुकी है.

धनबाद: आवेदन पर कार्रवाई पर न होने से युवक के खुदकुशी करने पर मंगलवार को स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. नाराज लोग निरसा इलाके में गलफरबाड़ी ओपी पहुंच गए. यहां ग्रामीणों ने गलफरबाड़ी ओपी को घेर लिया. रेप की कोशिश के मामले में आरोपियों कि गिरफ्तारी की मांग को लेकर लोगों ने तोड़फोड़ शुरू कर दी और शव रखकर धरना शुरू कर दिया. हालात को संभालने पहुंचे एएसआई से धक्का-मुक्की भी की गई.

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जलील किए जाने से बिगड़ गई बात

ग्रामीणों ने बताया कि एक माह पूर्व एग्यारकुंड पानी टंकी निवासी सुजीत उर्फ मंटू दुबे के साथ उसके चचेरे भाई रंजीत दुबे और उसके दोस्त संदीप रजक का झगड़ा हुआ था. इसमें दोनों पक्षों की ओर से गलफरबाड़ी ओपी में एफआईआर दर्ज कराई गई थी. मंटू की पत्नी ने रंजीत और संदीप पर रेप की कोशिश का भी आरोप लगाया था. लेकिन आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की गई.

देखें पूरी खबर

इधर, आरोप है कि रंजीत एवं संदीप ने मंटू से कहा कि हम लोगों का पुलिस कुछ नहीं बिगाड़ सकती है. ओपी प्रभारी से लेकर आला अफसरों तक को रुपये दिए हैं. यह बात मंटू के दिल पर लग गई. पत्नी और पिता से कहा कि पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है और दोनों आरोपी जलील करने में लगे हैं. ऐसी जिंदगी नहीं जी सकता. इसलिए वह जान दे देगा.

ट्रेन से बचाया लेकिन नहीं बचा सके जान

ट्रेन के आगे कूद जान देने के लिये वह रेलवे ट्रैक की ओर दौड़ा. लेकिन लोगों ने उसे पकड़ लिया और किसी तरह उसे घर ले आए. बाद में शनिवार को उसने खुद को कमरे में बंद कर लिया और फंदे से झूल गया. लेकिन परिवार वालों की नजर उस पर पड़ गई.

परिवार के लोगों ने आसपास के लोगों के साथ मिलकर दरवाजा तोड़कर उसे फंदे से उतारा और धनबाद पीएमसीएच में भर्ती कराया. यहां इलाज के दौरान बुधवार सुबह मंटू की मौत हो गई. मौत की सूचना पर मंटू दुबे के परिजन आक्रोशित हो गए और आसपास के लोगों के साथ शव लेकर ओपी परिसर पहुंच गए और यहां जमकर हंगामा किया.

ये भी पढ़ें-कोरोना काल में झारखंड में खुदकुशी के केस बढ़े, आत्महत्या पर SCRB की रिपोर्ट से हुआ खुलासा

ओपी प्रभारी पर लापरवाही का आरोप

लोगों ने ओपी प्रभारी संजय उरांव पर मामले में गंभीरता नहीं बरतने का आरोप लगाया और आसपास तोड़फोड़ की. आरोप है कि पुलिस के साथ हाथापाई भी की गई. लोग आरोपी को अविलंब गिरफ्तार करने की मांग कर रहे थे. लोग शव रखकर धरना देने लगे. इधर, लोगों के जमावड़े और उग्र प्रदर्शन की जानकारी पर अंचल के सभी पुलिस एवं प्रभारी मौके पर पहुंच गए.

ओपी परिसर छावनी में तब्दील

ओपी परिसर पूरी तरह से पुलिस छावनी में तब्दील हो गया. फिलहाल अभी भी मामला शांत नहीं हुआ था. पुलिस लोगों को समझाने में जुटी थी. वहीं इस पूरे मामले में पुलिस का कहना है कि पुलिस आरोपी की गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है. मामले में प्राथमिकी भी दर्ज हो चुकी है.

Last Updated : Oct 13, 2021, 8:56 PM IST
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