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Dhanbad News: बीसीसीएल के खिलाफ धनबाद में शुरू हुआ चिपको आंदोलन, कटाई रोकने के लिए पेड़ों से चिपके लोग - झारखंड न्यूज

धनबाद के पुटकी में पेड़ों को कटने से बचाने के लिए स्थानीय लोगों ने चिपको आंदोलन की शुरुआत की है. कोयला माइनिंग के लिए करीब 2000 पेड़ों को काटना है. जिसका विरोध लोग कर रहे हैं.

Chipko movement started in Dhanbad
Chipko movement started in Dhanbad
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Published : Apr 15, 2023, 10:24 AM IST

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धनबाद: आउटसोर्सिंग कंपनी को कोयला माइनिंग स्थल मुहैया कराने के लिए बीसीसीएल कंपनी जब पेड़ काटने पहुंची तो उन्हें पर्यावरण बचाओ संघर्ष समिति और स्थानीय लोगों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा. इस विरोध की वजह से सैकड़ों पेड़ फिलहाल कटने से बच गए.

देश की कोयला राजधानी धनबाद प्रदूषण के सारे रिकॉर्ड को तोड़ चुकी है. प्रदुषण से निजात के लिए पेड़ लगाने का जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन इसके उलट बीसीसीएल घने जंगल को काटने को आतुर है. बीसीसीएल के अधिकारी हजारों पेड़ों को काटने पहुंच जा रहे हैं. पेड़ों की अंधाधुंध कटाई के विरोध में यहां के लोगों ने चिपको आंदोलन का रास्ता चुना है. लोग अब पेड़ों की कटाई का खुलकर विरोध करने लगे हैं. पेड़ काटने से पहले वे अपनी जान देने की बात कह रहे हैं.

यह भी पढ़ें: धनबाद में अपराधियों के हौसले बुलंद, एक ही थाना क्षेत्र में लगातार दूसरे दिन हुई गोलीबारी, घायल की स्थिति गंभीर

पेड़ों से चिपक गए स्थानीय: धनबाद के पुटकी थाना क्षेत्र स्थित बीसीसीएल गोपालीचक के 13 नंबर से 17 नंबर के बीच स्थित एक किलोमीटर तक फैले हरे भरे जंगल को काटने पहुंची बीसीसीएल की टीम का स्थानीय लोगों ने खुलकर विरोध किया. ना सिर्फ सड़क पर उतर कर लोगों ने इसके खिलाफ नारेबाजी की, बल्कि दर्जनों महिला और बच्चे जंगल में उतर कर पेड़ों से चिपक गए और बीसीसीएल प्रबंधन से पेड़ नहीं काटने की गुजारिश की, जिसके बाद आउटसोर्सिंग पैच चालू करने को लेकर करीब 2000 पेड़ों को काटने के लिए पुटकी पहुंचे पीबी एरिया के गोपालीचक कोलियरी प्रबंधन को बेरंग लौटना पड़ा.

हजारों पेड़ों का है सवाल: स्थानीय लोगों का कहना है कि धनबाद में प्रदूषण चरम पर है. ऐसे में पेड़ों की कटाई उचित नही है. पर्यावरण की सुरक्षा के लिए झारखंड उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका भी दायर किया गया है. उन्होंने कहा कि हजारों पेड़ों का सवाल है. इसी वजह से स्थानीय लोगों ने पेड़ों को बचाने के लिए चिपको आंदोलन शुरू किया है. पेड़ काटने से पहले उन लोगों को काटना होगा. पेड़ों को किसी सूरत पर भी काटने नहीं देंगे.

इस संबंध में बीसीसीएल पीबी एरिया गोपालीचक कोलयरी मैनेजर ने कहा कि जिला प्रशासन और वन विभाग को पत्र भेजा गया है. वन विभाग से पेड़ काटने की अनुमति ले ली गयी है. सभी आवश्यक प्रक्रिया पूरी की गई है. 1700 सौ पेड़ काटना है, 300 पेड़ को ट्रांसप्लांट करना है, लेकिन स्थानीय लोग पेड़ कटाई का विरोध कर रहे हैं. सभी से वार्ता कर समस्या के समाधान का प्रयास किया जाएगा.

यह भी पढ़ें: UAPA on Prince Khan: दुबई भागने वाले गैंगस्टर प्रिंस खान पर लगेगा यूएपीए, संपत्ति भी होगी जब्त

बता दें कि धनबाद ने प्रदूषण के मामले में दिल्ली को भी पछाड़ दिया था. धनबाद में प्रदूषण स्तर एयर क्वालिटी इंडेक्स की सघनता 554 पार थी. पीएम 2.5 का स्तर 544.2 और पीएम 10 का स्तर 554.9 था, जो राष्ट्रीय मानक 100 माइक्रोग्राम क्यूबिक मीटर से पांच गुना अधिक है.

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धनबाद: आउटसोर्सिंग कंपनी को कोयला माइनिंग स्थल मुहैया कराने के लिए बीसीसीएल कंपनी जब पेड़ काटने पहुंची तो उन्हें पर्यावरण बचाओ संघर्ष समिति और स्थानीय लोगों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा. इस विरोध की वजह से सैकड़ों पेड़ फिलहाल कटने से बच गए.

देश की कोयला राजधानी धनबाद प्रदूषण के सारे रिकॉर्ड को तोड़ चुकी है. प्रदुषण से निजात के लिए पेड़ लगाने का जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन इसके उलट बीसीसीएल घने जंगल को काटने को आतुर है. बीसीसीएल के अधिकारी हजारों पेड़ों को काटने पहुंच जा रहे हैं. पेड़ों की अंधाधुंध कटाई के विरोध में यहां के लोगों ने चिपको आंदोलन का रास्ता चुना है. लोग अब पेड़ों की कटाई का खुलकर विरोध करने लगे हैं. पेड़ काटने से पहले वे अपनी जान देने की बात कह रहे हैं.

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पेड़ों से चिपक गए स्थानीय: धनबाद के पुटकी थाना क्षेत्र स्थित बीसीसीएल गोपालीचक के 13 नंबर से 17 नंबर के बीच स्थित एक किलोमीटर तक फैले हरे भरे जंगल को काटने पहुंची बीसीसीएल की टीम का स्थानीय लोगों ने खुलकर विरोध किया. ना सिर्फ सड़क पर उतर कर लोगों ने इसके खिलाफ नारेबाजी की, बल्कि दर्जनों महिला और बच्चे जंगल में उतर कर पेड़ों से चिपक गए और बीसीसीएल प्रबंधन से पेड़ नहीं काटने की गुजारिश की, जिसके बाद आउटसोर्सिंग पैच चालू करने को लेकर करीब 2000 पेड़ों को काटने के लिए पुटकी पहुंचे पीबी एरिया के गोपालीचक कोलियरी प्रबंधन को बेरंग लौटना पड़ा.

हजारों पेड़ों का है सवाल: स्थानीय लोगों का कहना है कि धनबाद में प्रदूषण चरम पर है. ऐसे में पेड़ों की कटाई उचित नही है. पर्यावरण की सुरक्षा के लिए झारखंड उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका भी दायर किया गया है. उन्होंने कहा कि हजारों पेड़ों का सवाल है. इसी वजह से स्थानीय लोगों ने पेड़ों को बचाने के लिए चिपको आंदोलन शुरू किया है. पेड़ काटने से पहले उन लोगों को काटना होगा. पेड़ों को किसी सूरत पर भी काटने नहीं देंगे.

इस संबंध में बीसीसीएल पीबी एरिया गोपालीचक कोलयरी मैनेजर ने कहा कि जिला प्रशासन और वन विभाग को पत्र भेजा गया है. वन विभाग से पेड़ काटने की अनुमति ले ली गयी है. सभी आवश्यक प्रक्रिया पूरी की गई है. 1700 सौ पेड़ काटना है, 300 पेड़ को ट्रांसप्लांट करना है, लेकिन स्थानीय लोग पेड़ कटाई का विरोध कर रहे हैं. सभी से वार्ता कर समस्या के समाधान का प्रयास किया जाएगा.

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बता दें कि धनबाद ने प्रदूषण के मामले में दिल्ली को भी पछाड़ दिया था. धनबाद में प्रदूषण स्तर एयर क्वालिटी इंडेक्स की सघनता 554 पार थी. पीएम 2.5 का स्तर 544.2 और पीएम 10 का स्तर 554.9 था, जो राष्ट्रीय मानक 100 माइक्रोग्राम क्यूबिक मीटर से पांच गुना अधिक है.

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