धनबादः यूपी के डॉन बृजेश सिंह के रिश्तेदार और कोयला व्यवसायी प्रमोद सिंह हत्याकांड में सीबीआई विशेष अदालत ने फैसला सुनाया है. अदालत ने इस केस से सभी आरोपियों को बरी कर दिया है. शुक्रवार को सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए सभी छह आरोपियों को रिहा कर दिया है. सीबीआई मामले का अनुसंधान कर रही थी.
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कोयला कारोबारी प्रमोद सिंह हत्याकांड में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत में कांड के आरोपित रणविजय सिंह, संतोष सिंह, अयूब खान, दारोगा एमपी खरवार, अरशद अली और हीरा खान को शुक्रवार को रिहा कर दिया है. इस मामले में कुल नौ लोग आरोपी बनाए गए थे. जिसमें सुरेश सिंह, कश्मीरा खान और खड्ग सिंह की मौत पहले ही हो चुकी है. 18 साल बाद यह फैसला सीबीआई के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत की अदालत में सुनाया गया है.
इस फैसले के बाद आरोपी बनाए गए कांग्रेस नेता रणविजय सिंह सीबीआई की जांच पर सवाल उठाया है, साथ ही अदालत के फैसले का सम्मान किया है. रणविजय सिंह ने कहा कि न्यायालय पर मुझे पूरा भरोसा था, इस फैसले से सीबीआई के दोहरा चरित्र उजागर होता है. सीबीआई के अनुसंधान पर सवाल खड़ा करते हुए उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के द्वारा जो कार्रवाई की जाती है, वह सीबीआई से काफी बेहतर है. प्रमोद सिंह हत्याकांड में जिला प्रशासन के द्वारा ही प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. कांग्रेस नेता रणविजय सिंह ने सीबीआई पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि सीबीआई अदालत में कहानी प्रस्तुत करती है लेकिन साक्ष्य अदालत में उपलब्ध नहीं करा सकी.
3 अक्टूबर 2003 को हुई थी हत्याः कोयला कारोबारी प्रमोद सिंह की हत्या तीन अक्टूबर 2003 को धनसार स्थित बीएम अग्रवाला कालोनी में गोली मारकर कर दी गयी थी. प्रमोद सिंह हत्याकांड पर धनसार थाना में प्राथमिकी दर्ज हुई थी. इस हत्याकांड के बाद कोयलांचल में सनसनी फैल गयी थी. प्राथमिकी में जनता मजदूर संघ के नेता रामाधीर सिंह और राजीव रंजन को अभियुक्त बनाया गया था, बाद में अनुसंधान का जिम्मा सीबीआई को सौंपा गया था. सीबीआई की जांच में पुलिस की कहानी धवस्त हो गयी थी. सीबीआई ने सुरेश सिंह, रणविजय सिंह समेत अन्य के विरुद्ध आरोप पत्र दायर किया था.