धनबाद: जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद मौत मामले में सीबीआई की जांच तेज हो गई है. पिछले बुधवार से जिले में कैंप कर रही सीबीआई की टीम आज (7 अगस्त 2021) उस स्थान पर जांच करने पहुंची जहां जज उत्तम आनंद ऑटो से धक्का लगने के बाद जख्मी अवस्था में मिले थे.
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गुत्थी सुलझाने में जुटी सीबीआई
जज उत्तम आनंद की मौत की जांच के लिए घटना स्थल पर पहुंची सीबीआई और फॉरेंसिक विभाग की टीम ने रणधीर वर्मा चौक के पास घटना स्थल का निरीक्षण किया. जांच के दौरान सीबीआई की टीम ने गति यंत्र से आवाजाही कर रहे वाहनों की गति को दर्ज किया. उसके बाद घटना के सीन को रीक्रिएट कर यह समझने का प्रयास किया कि उस दिन क्या हुआ होगा. घटना के दिन ऑटो से जज को धक्का मारने के वक्त ऑटो की गति क्या रही होगी. थ्री-डी स्कैनर मशीन से पूरे सीन को दर्शाया गया. जिसे मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा.
आरोपियों की हो सकती है ब्रेन मैपिंग
इस मामले में सीबीआई ऑटो चालक लखन वर्मा और उसके सहयोगी राहुल वर्मा को पूछताछ के लिए रिमांड पर लेना चाहती है ताकि इस केस की अहम गुत्थियों को सुलझाया जा सके. इसकी जांच की जा सके कि जज उत्तम आनंद की मौत महज एक हादसा है या एक सोची समझी साजिश. सूत्रों की मानें तो सीबीआई आरोपियों की ब्रेन मैपिंग और नार्को टेस्ट के लिए भी अदालत में आवेदन दे सकती है.
4 अगस्त को धनबाद पहुंची CBI
बुधवार (4 अगस्त 2021) को ही सीबीआई की 20 सदस्यीय टीम धनबाद पहुंच गई थी और टीम ने गुरुवार से अपना काम शुरू कर दिया था. केस की जांच में कोई चूक न हो इसके लिए सीबीआई काफी सावधानी के साथ आगे बढ़ रही है. इसके लिए सीबीआई की टीम ने सबसे पहले गुरुवार को एसआईटी के अधिकारियों के साथ बैठक कर पूरे मामले में अब तक मिले सबूतों को जुटाने री कोशिश की. उसके बाद धनबाद थाने में भी केस से संबंधित कागजात और सबूतों की घंटों जांच की गई. जज हत्याकांड से संबंधित 4 हजार पन्नों की केस डायरी की कॉपी भी सीबीआई ने लिया है.
क्या है पूरा मामला
बता दें कि 28 जुलाई की सुबह जज उत्तम आनंद मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे. वॉक के दौरान अज्ञात वाहन के चपेट में आने से उनकी मौत की बात सामने आई थी, लेकिन उसी दिन सीसीटीवी का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें स्पष्ट दिखा था कि एक ऑटो में लोग बैठे थे और ऑटो संदिग्ध अवस्था में किनारे गया और जज उत्तम आनंद को चपेट में लिया. घटना के बाद जज उत्तम आनंद की पत्नी के बयान पर धनबाद के सदर थाने में अज्ञात ऑटो चालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी. हत्या के मामले में एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद राज्य पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर एडीजी अभियान संजय आनंद लाठकर के नेतृत्व में एसआईटी गठित की गई थी. एसआईटी ने अबतक की जांच में सुनियोजित हत्या से जुड़ा कोई साक्ष्य नहीं पाया था. वहीं, इस मामले में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने भी संज्ञान लिया था. मामले में झारखंड हाईकोर्ट की ओर से मॉनिटरिंग की जा रही है. 30 जुलाई को झारखंड सरकार ने सीबीआई से जांच कराने की अनुशंसा की थी. इसके बाद सीबीआई टीम बुधवार को धनबाद पहुंच गई. आज टीम (7 अगस्त 2021) घटनास्थल पर पहुंचकर जांच में जुटी है.