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धनबाद में पशु तस्करी का नया तरीका, मवेशियों से भरा डाक पार्सल वैन जब्त - डाक पार्सल वैन जब्त

धनबाद में पशु तस्करी के लिए नया नया पैंतरा आजमाया जा रहा है. ताजा मामला Barwadda Police Station का है. यहां पर गौ रक्षा दल के सदस्यों ने डाक पार्सल लिखा हुआ एक कंटेनर से भारी मात्रा में अवैध मवेशियों को बरामद किया है. थाना प्रभारी को कई बार फोन करने के बावजूद भी थाना प्रभारी ने गौ रक्षा दल के सदस्यों का फोन उठाना भी मुनासिब नहीं समझा.

Cattle smuggling in postal parcel vehicles in Dhanbad
धनबाद
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Published : Aug 23, 2022, 2:24 PM IST

धनबाद: झारखंड के धनबाद में NH 19 पर डाक पार्सल लिखे कंटेनर को गौ रक्षा दल ने पकड़ा (Cow smuggling in Dhanbad) है. जिसमें भारी मात्रा में पशुओं को अमानवीय तरीके से छुपाकर बंगाल ले जाया जा रहा था. धनबाद के रास्ते पशु तस्करी (animal smuggling from parcel van) का ऐसा तरीका सामने आया है जो चौंकाने वाला है. पुलिस की आंखों को चकमा देने के लिए तस्कर नए नए तरीके अपना रहे है. डाक पार्सल गाड़ी में मवेशियों की तस्करी धड़ल्ले से चल रहा है.

इसे भी पढ़ें- हजारीबाग में स्कॉर्पियो से पशुओं की चोरी, सीसीटीवी में कैद हुआ वारदात



धनबाद में जीटी रोड किसान चौक के पास गौ रक्षा दल की टीम ने एक डाक पार्सल के कंटेनर को पकड़ा और स्थानीय बरवाअड्डा थाना (Barwadda Police Station) के हवाले किया. यह कंटेनर पशुओं से भरा (Cattle smuggling in postal parcel vehicles) हुआ था. इसके बाद दल के सदस्यों द्वारा घंटों स्थानीय पुलिस और जिला के आला अधिकारियों को फोन पर संपर्क करने के बाबजूद पुलिस नहीं पहुंची. जिसके बाद DGP कंट्रोल रूम को सूचना देकर कंटेनर को बरवाअड्डा थाना की गश्ती दल के सुपर्द कर दिया. लेकिन गौ रक्षा दल के सदस्यों ने जो बातें कहीं वह काफी चौंकाने वाली हैं. उन्होंने बताया कि इन वाहनों को झारखंड की सीमा पार कराने के लिए तस्करों के सिंडिकेट के द्वारा NH2 पर पड़ने वाले सभी थानों को मोटी रकम का नजराना पेश किया जाता है. यही वजह है कि स्थानीय थाना इसे पकड़ने में दिलचस्पी नहीं दिखाती.

देखें पूरी खबर



इससे पूर्व 2016 के जून माह में एनएच पर तस्करी और वसूली के खेल में एक चमड़ा लदे ट्रक चालक को पुलिस ने गोली मार दी थी. जिसके बाद तोपचांची थाना क्षेत्र के सर्किल इंस्पेक्टर उमेश कच्छप की संदिग्ध मौत हुई थी, उन्होंने थाना में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. इस मामले में जिला के तत्कालीन एसएसपी का तबादला एवं डीएसपी और एक थाना प्रभारी को निलंबित किया गया था. इसके बाद मामला रफा-दफा हो गया और तस्करों को पकड़ने की जहमत पुलिस ने उठाना छोड़ दिया. हालांकि इस जब्ती के संबंध में भी पुलिस कुछ भी बोलने से परहेज करती दिखी.

सूत्रों की मानें तो यूपी-बिहार के विभिन्न जिलों से लाए जाने वाले ये पशु पश्चिम बंगाल एवं बांग्लादेश की वधशालाओं में ले जाए जाते हैं. NH पर पड़ने वाले तोपचांची, राजंगज, बरवाअड्डा, गोविंदपुर, निरसा, चिरकुंडा और मैथन थाना की पुलिस के साथ साथ कुछ हिंदूवादी संगठन भी अनजान बनी रहती है. इस चुप्पी के पीछे वजह बताने की जरूरत नही बस इतना जान लीजिए पशु तस्करों के गिरोह ने सबकुछ अपने कंट्रोल में कर रखा है. कभी कभी गौ रक्षा दल वाले एक्टिव दिख जाते हैं और रेस्क्यू देखने को मिल जाता है. ये अलग बात है कि झारखंड सरकार ने यहां पर गौ हत्या पर प्रतिबंध लगा रखा है और इनकी अवैद्ध ट्रांसपोर्टिंग भी प्रतिबंधित है. इसके बावजूद सब कुछ चलता रहता है.

धनबाद: झारखंड के धनबाद में NH 19 पर डाक पार्सल लिखे कंटेनर को गौ रक्षा दल ने पकड़ा (Cow smuggling in Dhanbad) है. जिसमें भारी मात्रा में पशुओं को अमानवीय तरीके से छुपाकर बंगाल ले जाया जा रहा था. धनबाद के रास्ते पशु तस्करी (animal smuggling from parcel van) का ऐसा तरीका सामने आया है जो चौंकाने वाला है. पुलिस की आंखों को चकमा देने के लिए तस्कर नए नए तरीके अपना रहे है. डाक पार्सल गाड़ी में मवेशियों की तस्करी धड़ल्ले से चल रहा है.

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धनबाद में जीटी रोड किसान चौक के पास गौ रक्षा दल की टीम ने एक डाक पार्सल के कंटेनर को पकड़ा और स्थानीय बरवाअड्डा थाना (Barwadda Police Station) के हवाले किया. यह कंटेनर पशुओं से भरा (Cattle smuggling in postal parcel vehicles) हुआ था. इसके बाद दल के सदस्यों द्वारा घंटों स्थानीय पुलिस और जिला के आला अधिकारियों को फोन पर संपर्क करने के बाबजूद पुलिस नहीं पहुंची. जिसके बाद DGP कंट्रोल रूम को सूचना देकर कंटेनर को बरवाअड्डा थाना की गश्ती दल के सुपर्द कर दिया. लेकिन गौ रक्षा दल के सदस्यों ने जो बातें कहीं वह काफी चौंकाने वाली हैं. उन्होंने बताया कि इन वाहनों को झारखंड की सीमा पार कराने के लिए तस्करों के सिंडिकेट के द्वारा NH2 पर पड़ने वाले सभी थानों को मोटी रकम का नजराना पेश किया जाता है. यही वजह है कि स्थानीय थाना इसे पकड़ने में दिलचस्पी नहीं दिखाती.

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इससे पूर्व 2016 के जून माह में एनएच पर तस्करी और वसूली के खेल में एक चमड़ा लदे ट्रक चालक को पुलिस ने गोली मार दी थी. जिसके बाद तोपचांची थाना क्षेत्र के सर्किल इंस्पेक्टर उमेश कच्छप की संदिग्ध मौत हुई थी, उन्होंने थाना में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. इस मामले में जिला के तत्कालीन एसएसपी का तबादला एवं डीएसपी और एक थाना प्रभारी को निलंबित किया गया था. इसके बाद मामला रफा-दफा हो गया और तस्करों को पकड़ने की जहमत पुलिस ने उठाना छोड़ दिया. हालांकि इस जब्ती के संबंध में भी पुलिस कुछ भी बोलने से परहेज करती दिखी.

सूत्रों की मानें तो यूपी-बिहार के विभिन्न जिलों से लाए जाने वाले ये पशु पश्चिम बंगाल एवं बांग्लादेश की वधशालाओं में ले जाए जाते हैं. NH पर पड़ने वाले तोपचांची, राजंगज, बरवाअड्डा, गोविंदपुर, निरसा, चिरकुंडा और मैथन थाना की पुलिस के साथ साथ कुछ हिंदूवादी संगठन भी अनजान बनी रहती है. इस चुप्पी के पीछे वजह बताने की जरूरत नही बस इतना जान लीजिए पशु तस्करों के गिरोह ने सबकुछ अपने कंट्रोल में कर रखा है. कभी कभी गौ रक्षा दल वाले एक्टिव दिख जाते हैं और रेस्क्यू देखने को मिल जाता है. ये अलग बात है कि झारखंड सरकार ने यहां पर गौ हत्या पर प्रतिबंध लगा रखा है और इनकी अवैद्ध ट्रांसपोर्टिंग भी प्रतिबंधित है. इसके बावजूद सब कुछ चलता रहता है.

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