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सोनी कुमारी मौत मामले में 21 माह बाद दर्ज हुआ मुकदमा, चिकित्सकों पर इलाज में लापरवाही का आरोप

बोकारो निवासी बबलू सिंह की पत्नी सोनी कुमारी की मौत मामले में 21 माह बाद बैंकमोड़ थाने में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है. पति के आवेदन पर चक्रवर्ती नर्सिंग होम के संचालक और सिविल सर्जन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया कर लिया गया है.

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Published : Mar 25, 2021, 8:38 AM IST

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सोनी कुमारी

धनबादः बोकारो के दुग्दा चंद्रपुरा निवासी बबलू सिंह की पत्नी सोनी कुमारी की इलाज के दौरान मौत हो गई थी. इस मामले में 21 माह बाद बैंकमोड़ थाना में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है. मृतका के पति के आवेदन पर पुलिस ने चक्रवर्ती नर्सिंग होम के संचालक डाॅ. डी चक्रवर्ती और सिविल सर्जन डाॅ. गोपाल दास के खिलाफ गैर इरादतन हत्या और साक्ष्य छिपाने की धाराओं में मामला दर्ज किया है.

इसे भी पढ़ें- सरायकेला: ट्रॉली बैग में मिला था काजल कुमारी का शव, तीन आरोपी गिरफ्तार



रांची में चिकित्सकों ने कहा-इलाज में हुई लापरवाही
24 जून 2019 को तीन माह की गर्भवती सोनी कुमारी की मौत रांची के एक निजी अस्पताल में हो गई थी. इससे पहले सोनी का इलाज चक्रवर्ती नर्सिंग होम धनसार में सात जून 2019 से 11 जून 2019 तक चला था. स्थिति बिगड़ने पर मरीज को बीजीएच रेफर कर दिया गया. सोनी का पति बबलू सिंह जब उसे लेकर बीजीएच पहुंचा तो स्थिति गंभीर देख बीजीएच के चिकित्सकों ने मरीज को रांची रेफर कर दिया, जहां डाॅक्टरों ने जांच के दौरान पाया कि सोनी के इलाज में काफी लापरवाही बरती गई है. डाॅक्टरों ने बताया कि पूर्व के इलाज में लापरवाही के कारण ही सोनी की मौत हुई है.

केस दर्ज कराने के लिए मशक्कत
बाद में सोनी के पति बबलू सिंह ने डाॅ. डी चक्रवर्ती को मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया. बबलू सिंह ने बताया कि हालत बिगड़ने के बाद यहां से उसे बीजीएच रेफर कर दिया गया, लेकिन वहां के डाॅक्टरों ने स्थिति नाजुक देख रांची रेफर कर दिया. वहां ले जाने के बाद वहां के चिकित्सकों ने भी इलाज में लापरवाही की बात कहते हुए उसके अनुरोध पर इलाज शुरू किया, लेकिन उसकी मौत हो गई. उन्होंने बताया कि घटना के बाद उसने न्याय के लिए मुख्यमंत्री जनशिकायत कोषांग में भी शिकायत की, लेकिन कुछ मदद नहीं मिली. इसके बाद दिसंबर 2019 में ही ऑनलाइन शिकायत की, लेकिन प्राथमिकी भी दर्ज नहीं की गई. डीआईजी के पास गुहार लगाई जहां से निर्देश आने के बाद लगभग दो साल बाद 22 मार्च 2021 को प्राथमिकी दर्ज की गई. उन्होंने आरोप लगाया कि पैसे और पद का दुरुपयोग कर इस संदर्भ में गठित मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट में सिविल सर्जन ने साक्ष्य को छिपाने का काम करते हुए डाॅक्टर को बचाने का प्रयास किया. जिसे अपने जांच में एडीएम चंदन कुमार ने भी गलत पाया.


सिविल सर्जन ने किया आरोपों को खारिज
वहीं दूसरी ओर आरोपी धनबाद के सिविल सर्जन लापरवाही के आरोपों को पूरी तरह खारिज किया है. उन्होंने कहा मेडिकल बोर्ड गठित कर पूरे मामले की जांच की गई थी. जांच में पता चला था कि महिला की मौत से पहले उसके पति ने पहले गर्भपात कराया था. इस संदर्भ में वरीय पुलिस अधीक्षक ने कहा कि अनुसंधान के तमाम बिंदुओं पर पुलिस जांच कर रही है और जल्द ही आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

धनबादः बोकारो के दुग्दा चंद्रपुरा निवासी बबलू सिंह की पत्नी सोनी कुमारी की इलाज के दौरान मौत हो गई थी. इस मामले में 21 माह बाद बैंकमोड़ थाना में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है. मृतका के पति के आवेदन पर पुलिस ने चक्रवर्ती नर्सिंग होम के संचालक डाॅ. डी चक्रवर्ती और सिविल सर्जन डाॅ. गोपाल दास के खिलाफ गैर इरादतन हत्या और साक्ष्य छिपाने की धाराओं में मामला दर्ज किया है.

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रांची में चिकित्सकों ने कहा-इलाज में हुई लापरवाही
24 जून 2019 को तीन माह की गर्भवती सोनी कुमारी की मौत रांची के एक निजी अस्पताल में हो गई थी. इससे पहले सोनी का इलाज चक्रवर्ती नर्सिंग होम धनसार में सात जून 2019 से 11 जून 2019 तक चला था. स्थिति बिगड़ने पर मरीज को बीजीएच रेफर कर दिया गया. सोनी का पति बबलू सिंह जब उसे लेकर बीजीएच पहुंचा तो स्थिति गंभीर देख बीजीएच के चिकित्सकों ने मरीज को रांची रेफर कर दिया, जहां डाॅक्टरों ने जांच के दौरान पाया कि सोनी के इलाज में काफी लापरवाही बरती गई है. डाॅक्टरों ने बताया कि पूर्व के इलाज में लापरवाही के कारण ही सोनी की मौत हुई है.

केस दर्ज कराने के लिए मशक्कत
बाद में सोनी के पति बबलू सिंह ने डाॅ. डी चक्रवर्ती को मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया. बबलू सिंह ने बताया कि हालत बिगड़ने के बाद यहां से उसे बीजीएच रेफर कर दिया गया, लेकिन वहां के डाॅक्टरों ने स्थिति नाजुक देख रांची रेफर कर दिया. वहां ले जाने के बाद वहां के चिकित्सकों ने भी इलाज में लापरवाही की बात कहते हुए उसके अनुरोध पर इलाज शुरू किया, लेकिन उसकी मौत हो गई. उन्होंने बताया कि घटना के बाद उसने न्याय के लिए मुख्यमंत्री जनशिकायत कोषांग में भी शिकायत की, लेकिन कुछ मदद नहीं मिली. इसके बाद दिसंबर 2019 में ही ऑनलाइन शिकायत की, लेकिन प्राथमिकी भी दर्ज नहीं की गई. डीआईजी के पास गुहार लगाई जहां से निर्देश आने के बाद लगभग दो साल बाद 22 मार्च 2021 को प्राथमिकी दर्ज की गई. उन्होंने आरोप लगाया कि पैसे और पद का दुरुपयोग कर इस संदर्भ में गठित मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट में सिविल सर्जन ने साक्ष्य को छिपाने का काम करते हुए डाॅक्टर को बचाने का प्रयास किया. जिसे अपने जांच में एडीएम चंदन कुमार ने भी गलत पाया.


सिविल सर्जन ने किया आरोपों को खारिज
वहीं दूसरी ओर आरोपी धनबाद के सिविल सर्जन लापरवाही के आरोपों को पूरी तरह खारिज किया है. उन्होंने कहा मेडिकल बोर्ड गठित कर पूरे मामले की जांच की गई थी. जांच में पता चला था कि महिला की मौत से पहले उसके पति ने पहले गर्भपात कराया था. इस संदर्भ में वरीय पुलिस अधीक्षक ने कहा कि अनुसंधान के तमाम बिंदुओं पर पुलिस जांच कर रही है और जल्द ही आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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