धनबाद: रांची में धरना-प्रदर्शन पर प्रशासन द्वारा रोक लगाए जाने के बाद बिनोद बिहारी मंच ने आक्रोश जताया है. मंच ने सरकार को इसके लिए तानाशाह करार दिया है.
दरअसल, 26 अगस्त को मंच को राजभवन के समक्ष बिनोद बिहारी महतो की प्रतिमा खंडित करने के विरोध में प्रदर्शन करना था, लेकिन रांची प्रशासन ने 2 महीने के लिए प्रदर्शन पर रोक लगा दी है. प्रशासन के इस कदम के बाद बिनोद बिहारी महतो ने गांधी सेवा सदन में एक आपात बैठक की, जिसमें सरकार को मंच ने तानाशाही करार दिया है. मंच में शामिल जेएमएम के पूर्व मंत्री रहे मथुरा महतो ने कहा कि तानाशाही सरकार ने जनता के लोकतांत्रिक अधिकार को छीनने का काम किया है.
वहीं, सरकार में शामिल आजसू के विधायक राज किशोर महतो भी पूर्व मंत्री की बातों का समर्थन करते नजर आए. उन्होंने कहा कि बिनोद बाबू के आंदोलन के कारण बना, लेकिन उनके विचारों पर वर्तमान सरकार नहीं चल पा रही है. बिनोद बाबू की सोच को धरातल पर लाने में सरकार पूरी तरह से विफल है. उन्होंने कहा कि सरकार के कार्यों से संतुष्ट नहीं हैं तो फिर ऐसी सरकार में बने रहने का आखिर क्या मतलब है.
नितिश कुमार ने किया था उद्घाटन
बता दें कि बिनोद बिहारी महतो स्मारक समिति महुदा मोड़ द्वारा 24 अप्रैल 1998 को आदमकद प्रतिमा की स्थापित की गई थी. इसका उद्घाटन तत्कालीन रेल मंत्री नितिश कुमार ने किया था. उस वक्त कार्यक्रम में पूर्व सांसद ब्रह्मानंद महतो, पूर्व सांसद आभा महतो, पूर्व सांसद शैलेंद्र महतो, पूर्व सांसद राजकिशोर महतो सहित कई मौजूद थे, तब से इस प्रतिमा की देखभाल समिति कर रही है.