धनबाद:कोयलांचल का सबसे बड़ा अस्पताल पीएमसीएच का हाल बेहाल है. आए दिन यहां पर मरीजों के इलाज में लापरवाही देखने को मिलती रहती है. यहां पर मात्र 10 तरह की दवाइयां ही उपलब्ध हैं, जिससे मरीजों को काफी कठिनाइयां हो रही है. वहीं, अब दूसरी तरफ यहां पर वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर भी मरीज का इलाज किया जाता है, क्योंकि रेडियोलॉजिस्ट नहीं होने की वजह से इलाज में परेशानियां आ रही हैं.
पीएमसीएच धनबाद में रेडियोलॉजिस्ट नहीं होने के कारण यहां पर जांच प्रभावित हो रही है. खासकर दुष्कर्म पीड़िता की जांच में अड़चने आ रही हैं. उनकी उम्र निर्धारण में भी दिक्कतें हो रही हैं, लेकिन पीएमसीएच अधीक्षक का दावा है कि वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर सारा कार्य किया जा रहा है. ऐसे में जानकारों का कहना है कि अगर अदालती कार्यवाही में इस प्रकार का कार्य किया जा रहा है तो कोई भी वकील इस व्यवस्था को अदालत में चैलेंज कर सकता है. बगैर रेडियोलॉजिस्ट के यह रिपोर्ट पीएमसीएच से देना कैसे संभव है.
गौरतलब है कि उम्र निर्धारण के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया जाता है और उस मेडिकल बोर्ड में रेडियोलॉजिस्ट एक्स-रे रिपोर्ट के आधार पर उम्र का निर्धारण करते हैं. हालांकि मेडिकल बोर्ड के सभी टीम के सदस्य मिलकर उम्र का निर्धारण करते हैं. जिसमें रेडियोलॉजिस्ट की भी अहम भूमिका होती है. इतने बड़े अस्पताल में जहां पर प्रत्येक दिन लगभग 2 हजार मरीज आते हैं. यहां पर सिर्फ धनबाद के ही मरीज नहीं बल्कि झारखंड के कई अन्य जिलों के मरीज भी पहुंचते हैं.
आस्पताल में अभी 10 तरह की ही दवाइयां मौजूद हैं. पीएमसीएच के फॉर्मासिस्ट ने बताया की दवा नहीं होने की वजह से काफी कठिनाइयां मरीज और उनके परिजनों को उठानी पड़ रही हैं. मात्र एक या दो ही दवाइयां वो मरीज को दे पा रहे हैं. बाकी दवाइयां मरीजों को दूसरी जगह से लेनी पड़ रही हैं. वहीं, इस पूरे मामले पर पीएमसीएच अधीक्षक ने कहा कि कुछ कठिनाइयां जरूर हो रही हैं, लेकिन दूसरे डॉक्टर किसी तरह काम को कर ले रहे हैं और आने वाले दिनों में डॉक्टर की बहाली होनी है. कुछ दिनों में सब कुछ ठीक हो जाएगा.