निरसा, धनबादः झारखंड का स्वर्ग कहा जाने वाला मैथन डैम, जहां नये साल का जश्न मनाने लाखों की संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं. लेकिन डैम के आसपास कूड़-कचरे नारकीय स्थिति बनी है. इतना ही नहीं पर्यटकों के लिए मूलभूत सुविधाओं की भी व्यवस्था नहीं की गई है. इससे डैम पहुंचे पर्यटकों को काफी परेशानी होती है.
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जिला मुख्यालय से करीब 42 किलोमीटर दूर झारखंड और पश्चिम बंगाल की सीमा पर स्थित मैथन डैम, जो प्राकृतिक की अद्भुत छटा बिखेरती है. प्राकृतिक की इस अद्भुत नजारा को देखने दूरदराज से लाखों की संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं. इन पर्यटकों से सैकड़ों परिवारों की रोजी-रोटी चलती है. लेकिन यहां मूलभूत सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं है. स्थिति यह है कि पीने के पानी हो या फिर शौचालय के लिए पर्यटकों को इधर-उधर भटकना पड़ता है.
स्वच्छता अभियान का बन रहा मजाक
डैम तक पहुंचने वाली सड़क चकाचक है. लेकिन डैम के पास पहुंचते ही पर्यटकों को गंदगी स्वागत करती है. डैम के चारों ओर गंदगी का अंबार है. भारत सरकार स्वच्छता अभियान पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही हैं. लेकिन मैथन डैम के समीप स्वच्छता अभियान मजाक बनकर रह गया है. मैथन डैम की मेंटेनेंस का जिम्मा दामोदर वैली कारपोरेशन यानी डीवीसी के पास है, जो मेंटेनेंस में अनदेखी कर रही है.
डीवीसी और सरकार दे ध्यान
हजारीबाग से पहुंचे पर्यटक कहते हैं कि प्राकृतिक सौंदर्य देख मन आनंदित हो जाता है. लेकिन डैम के आसपास गंदगी देख थोड़ा दुख होता है. उन्होंने कहा कि डीवीसी के साथ साथ झारखंड सरकार को ध्यान देने की जरूरत है ताकि डैम के समीप मूलभूत सुविधाओं की बेहतर इंतजाम हो सके. वहीं नाविक बताते हैं कि डैम में पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है. लेकिन कोई पर्यटक शौचालय की जानकारी मांगता है, तो तकलीफ होती है.