धनबाद: कोरोना के बढ़ते मरीजो के कारण अस्पतालो में बेड नही है. या यू कहे कि मरीजों के लिए अस्पताल की कमी हो गई है. लेकिन बीसीसीएल के उदासीनता के कारण अच्छा भला अस्पताल खंडहर में तब्दील हो रहा है. अस्पताल के संसाधन बेकार पड़े हुए है.
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BCCL की उदासीनता से अस्पताल बन रहा खंडहर
भारत मिनी रत्न से संबोधित कोल कंपनी बीसीसीएल इन दिनों कोरोना के खिलाफ लड़ी जा रही जंग में अपना पूर्ण समर्थन नही दे रही है. बीसीसीएल प्रबंधन की उदासीनता के कारण जिले के कतरास स्थित तिलाटाड़ का खंहर में तब्दील होता जा रहा है. 30 बेडो वाला यह अस्पताल जर्जर हो रहा है. इसका प्रमाण खुद तस्वीरें बयां कर रही है. अस्पताल के बेड पर कुर्सी रखी जा रही है. इलाज के लिए उपयोग होने वाले संसाधन खराब हो रहे है. जिस ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए आज सरकार, प्रशासन, मरीज परेशान है वह ऑक्सिजन का सिलेंडर बाथरूम में फेंक कर रखा गया है. वह भी ऐसे समय मे जब मरीजो की संख्या हर दिन बढ़ रही है.
अस्पताल को दुरुस्त करने की जरूरत
साधरण से लेकर गंभीर मरीजों को अस्पताल नहीं मिल रहा. अस्पताल मिल जाए, तो बेड नही मिल रहा है. ऐसे में कोरोना जैसे महामारी में लापरवाह बीसीसीएल अधिकारी पर कार्रवाई के साथ-साथ अस्पताल को दुरुस्त करने की जरूरत है. खास कर अभी तो समय की यही मांग भी है. वहीं, पूर्व बीस सूत्री उपाध्यक्ष ने कहा कि यह बीसीसीएल की यह रवैया शर्मसार करने वाली है.
प्रशासन की पहल से मरीजों को मिल सकती है बेहतर सुविधा
वहीं, स्थानीय लोग कहते है कि जिला प्रशासन बीसीसीएल तिलाटाड़ क्षेत्रीय अस्पताल को कोविड मरीजों के लिये चालू करें, यह जरूरी है. तिलाटाड़ अस्पताल में चिकित्सक की सेवा दे चुके डाक्टर उमाशंकर सिंह ने कहा कि जिस समय वे ड्यूटी करते थे, उस समय 150 बेड की सुविधा थी. संसाधनों की कोई कमी अस्पताल में नहीं है. अगर यह अस्पताल जिला प्रशासन खुद ले लेती है तो जिला के अस्पतालों में बोझ कम हो जाएगा. निजी अस्पतालों पर निर्भरता भी कम हो जाएगी. जिला प्रशासन को पहल कर अस्पताल को टेकओवर करना चाहिए.