धनबाद: जिले में मिले डेंगू के 3 मरीज उपचार के बाद ठीक होकर घर लौट आए हैं. हालांकि प्रशासन ने इससे निपटने के लिए तैयारियां कर रखी हैं. (Dengue Fever In Dhanbad) धनबाद सिविल सर्जन आलोक विश्वकर्मा ने इसको लेकर लोगों को आश्वासन दिया है. विश्वकर्मा ने कहा कि धनबाद जिले में डेंगू का प्रकोप नहीं है. फिर भी एहतियात के तौर पर डेंगू से लड़ने के लिए सदर अस्पताल में 20 तथा प्रत्येक प्रखंड में 5-5 बैड का इंतजाम किया गया है. इसलिए जिले के लोगों को डेंगू से घबराने की जरूरत नहीं है, हालांकि मच्छरों से बचाव के उपाय करते रहें.
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धनबाद सिविल सर्जन आलोक विश्वकर्मा ने कहा कि डेंगू के मरीजों को चिन्हित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार जिले में भ्रमण कर रही है. इस दौरान टीम ने 9664 घरों का सर्वे किया और 45167 कंटेनर को चेक किया है. इसमें 1264 कंटेनर में डेंगू के लार्वा पाए गए, जिसे डेमोफॉक्स छिड़ककर नष्ट कर दिया गया.
सिविल सर्जन ने बताया कि भ्रमण के दौरान केवल 13 व्यक्तियों में बुखार पाया गया. सिविल सर्जन ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने 32 लोगों का एलाइजा टेस्ट कराया. जिसमें 3 लोगों में डेंगू बुखार के लक्षण मिले. ये तीनों मरीज उपचार के बाद स्वस्थ होकर अपने घर लौट गए हैं. 18 लोगों की एलाइजा जांच में तीन चिकनगुनिया पीड़ित मिले.
यह है डेंगू का लक्षणः डेंगू के लक्षण पर प्रकाश डालते हुए धनबाद सिविल सर्जन आलोक विश्वकर्मा ने कहा कि अचानक तेज बुखार आना, तेज सिर दर्द होना, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द होना, जोड़ों एवं मांस पेशियों में दर्द होना, छाती और हाथों में खसरा जैसे दाने निकल आना, मसूड़ों में खून आना, भोजन से अरुचि होना, भूख न लगना डेंगू के लक्षण हो सकते हैं. ऐसे लक्षण होने पर तुरंत ही जांच कराने की जरूरत है.
बचाव के उपायः डेंगू से बचाव के उपाय पर धनबाद सिविल सर्जन ने कहा कि लोगों को मच्छरों से बचना चाहिए. घर तथा घर के आसपास सफाई रखनी चाहिए. पुराने टायर, बर्तन तथा व्यवहार में नहीं आने वाली वस्तुओं को हटा देना चाहिए और उसमें पानी जमा नहीं होने देना चाहिए. पानी के बर्तनों को ढंक कर रखना चाहिए क्योंकि एडिस मच्छर स्वच्छ जल में ही पनपते हैं.
साथ ही कहा कि सप्ताह में कम से कम एक बार पानी की टंकी, गमलों, कूलर, फ्रिज, फूलदानी इत्यादि की सफाई कर उसे सुखा लेना चाहिए. पूरे शरीर को ढंकने वाले कपड़े पहनने चाहिए और हमेशा मच्छरदानी के अंदर सोना चाहिए. बुखार आने पर खूब पानी पीना चाहिए और आराम करना चाहिए.
सिविल सर्जन ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को डेंगू के लक्षणों को अनदेखा नहीं करना चाहिए. ऐसा करने पर यह जानलेवा भी हो सकता है. वर्तमान में जिले के शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल(SNMMCH) के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में इसकी निःशुल्क जांच की सुविधा उपलब्ध है. सदर अस्पताल में भी डेंगू, चिकनगुनिया के इलाज की समुचित व्यवस्था के साथ 20 बेड तथा सभी प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 5 - 5 बेड के आइसोलेशन वार्ड की व्यवस्था की गई है.