धनबाद: झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की पहल के बाद चेन्नई में फंसी दुमक की 36 महिलाओं की घर वापसी हो गई है. सभी महिलाओं को एलेप्पी एक्सप्रेस से पहले धनबाद लाया गया, फिर बस से दुमका रवाना कर दिया गया.
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शुभ संदेश फाउंडेशन संस्था की भूमिका अहम
महिलाओं की वापसी में शुभ संदेश फाउंडेशन संस्था का रोल भी काफी सराहनीय रहा है. इस संस्था के मुताबिक चेन्नई में फंसी महिलाओं ने सबसे पहले उनसे ही फोन पर अपनी परेशानियों का जिक्र किया था. सामाजिक संस्था शुभ संदेश फाउंडेशन को जैसे ही महिला कामगारों के चेन्नई में फंसे होने की जानकारी मिली, उनकी टीम महिलाओं को सुरक्षित घर वापस लाने की कवायद में जुट गई.
इस मामले को लेकर स्थानीय विधायक मथुरा प्रसाद महतो और अन्य जनप्रतिनिधियों ने सीएम से संपर्क साधा जिसके बाद सीएम ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए रेलवे से बातचीत कर इस दिशा में सार्थक पहल की. फाउंडेशन के सदस्य के मुताबिक उनकी संस्था ने अब तक 1400 प्रवासी मजदूरों को देश के विभिन्न राज्यों से रेस्क्यू कर सकुशल उन्हें उनके घर पहुंचाया है.
अतिरिक्त कोच जोड़कर लाया गया वापस
सीएम की पहल के बाद ऐलेप्पी एक्सप्रेस में अतिरिक्त कोच जोड़कर महिलाओं को सबसे पहले धनबाद लाया गया उसके बाद बस से दुमका रवाना कर दिया गया. इस दौरान विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने कहा सीएम प्रवासी मजदूर को लेकर गंभीर हैं.
जहां कहीं भी मजदूर फंसे हैं उन्हें घर लाने का काम हेमंत सोरेन संजीदगी से कर रहे हैं. उन्होंने कहा वर्तमान सरकार पलायन रोकने की दिशा में गंभीर कदम उठा रही है. राज्य के अंदर ही रोजगार सृजन के उपाय किये जा रहे हैं ताकि झारखंड की जनता को रोजगार के लिए दूसरे प्रदेशों की ओर पलायन न करना पड़े.
रोजगार के लिए चेन्नई गईं थीं
लॉकडाउन के कारण फंसी सभी महिलाएं रोजगार के लिए चेन्नई गई हुईं थी, जहां वे सिलाई कर पैसा कमा रही थी लेकिन लॉकडाउन के कारण उनका रोजगार बंद हो गया और उनके सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई जिसके बाद ये महिलाएं झारखंड वापस आना चाहती थी, लेकिन वापसी का कोई रास्ता न देख मदद की गुहार लगाई. जिसके बाद उन्हें सुरक्षित उनके घर दुमका वापस भेजा गया.