देवघर: घर वापसी कर रहे लोगों को जिला प्रशाशन की ओर से होम क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है, लेकिन गांवों में इनकी निगरानी करना प्रशासन के लिए बड़ी चुनोती साबित हो रही है, लेकिन देवघर के मोहनपुर प्रखंड के बारा पंचायत में लोगों ने खुद इसकी निगरानी का बीड़ा उठाकर एक उदाहरण पेश किया है.
ग्रामीणों ने दिया सूझ-बूझ का परिचय
खास बात यह है कि बिना किसी सरकारी सहायता के ग्रामीणों ने खुद यह क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया है. हाल ही में गुजरात के सूरत से गांव के लगभग दर्जनों श्रमिक मजदूर सरकारी मदद से अपने घर लौटे हैं. जांच के बाद प्रशासन की ओर से इन्हें होम क्वॉरेंटाइन कर दिया गया, लेकिन ग्रामीणों ने सूझ-बूझ का परिचय देते हुए कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए उन्हें घरों की जगह गांव के ही एक सार्वजनिक स्थल पर क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाकर रखने की व्यवस्था कर दी है.
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कार्रवाई का आदेश
लॉकडाउन में परेशानियों का सामना कर घर लौटे ये मजदूर गांव की इस व्यवस्था से काफी खुश है. उनका कहना है कि जब तक उनका जांच रिपोर्ट नहीं आ जाता वो सुरक्षा दृष्टिकोण से अपने परिवार के सदस्यों से दूर ही रहना चाहते हैं. वहीं, जिला प्रशासन भी इसके प्रति पूरी तरह सख्त दिख रही है. वहीं, उपायुक्त नैंसी सहाय ने कहा कि जो भी लोगो बाहर से आए हैं उन्हें 14 दिनों के लिए होम क्वॉरेंटाइन करने का आदेश मिला है. अगर किसी तरह की लापरवाही कहीं से मिलती है तो तुरंत उस पर कार्रवाई की जाएगी.