रांची: देवघर त्रिकुट पर्वत पर रोपवे में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालकर असली हीरो बने पन्नालाल को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सम्मानित किया. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सीएम ने पन्नालाल से बातचीत और हादसे के बारे में पूरी जानकारी ली. सीएम की मौजूदगी में डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने उन्हें एक लाख का चेक सौंपा. पन्नालाल को मोमेंटो और शॉल देकर सम्मानित भी किया गया. त्रिकुट रोपवे हादसे में करीब एक दर्जन ट्रालियां हवा में अटक गई थीं, जिसमें 60 से अधिक लोग सवार थे. घटना के बाद स्थानीय लोगों के अलावे आईटीबीपी, एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन ने तीन दिनों तक रेस्क्यू अभियान चलाकर लोगों को निकाला. इस हादसे में अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है.
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देवघर के त्रिकुट रोपवे हादसा पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दुख जताते हुए कहा है कि इस तरह की घटना संभवत देश की पहली घटना है. देवघर से जैसे ही इस घटना की सूचना आई राज्य सरकार के द्वारा तत्काल राहत बचाव के कार्य चलाने की तैयारी शुरू की गई. रोपवे में फंसे लोगों को बचाने के लिए सेना, एनडीआरएफ और आईटीबीपी के अलावे स्थानीय लोगों ने सराहनीय कार्य किया जिसकी बदौलत इतने लोगों को बचाया जा सका. मुख्यमंत्री ने इस राहत कार्य में रोपवे के कर्मचारी पन्नालाल के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि इन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर एक दर्जन से अधिक लोगों की जान बचाई है. राज्य सरकार ने पन्नालाल को एक लाख रुपए का पुरस्कार दिया और सम्मानित भी किया है. राज्य सरकार भारत सरकार से पन्नालाल को इस अदभुत कार्य के लिए सम्मानित करने की अनुशंसा करेगी.
पन्नालाल ने किया था बेहतरीन कार्य: रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान पन्नालाल के कार्यों की जमकर सराहना की जा रही है. रोपवे मेंटेनेंस में बतौर कर्मचारी कार्यरत पन्नालाल हादसे के दिन से ही लोगों को निकालने में जुटा रहा. घटना की सूचना स्थानीय लोगों को देकर पन्नालाल ने रोपवे में फंसे लोगों को कंधे पर उठाकर पहाड़ और पत्थरों के बीचों-बीच से जंगल पार कर हॉस्पिटल पहुंचाया था.
रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान पन्नालाल का यह काम तब तक चलता रहा जब तक कि इसमें फंसे सभी लोगों को बाहर नहीं निकाल लिया गया. स्थानीय लोग और जिला प्रशासन ने पन्नालाल की इस कार्य की जमकर तारीफ की है, जिसके बाद वो सुर्खियों में आए.