देवघरः जिले में दिल दहला देने वाली एक घटना सामने आई है. यहां एक व्याक्ति ने अपनी मां के अंतिम संस्कार के लिए पैसे जुटाने में असमर्थ रहने पर आत्महत्या कर ली. इस घटना ने एक बार सोचने पर मजबूर कर दिया है. जानकारी के अनुसार जसीडीह थाना क्षेत्र के चरकी पहरी गांव में देर रात एक 35 वर्षीय युवक ने फांसी लगा ली.
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मृतक का नाम किशन चौधरी था और पेशे से मजदूर था. उसकी मां की मृत्यु बीते शुक्रवार को हो गई थी. ग्रामीणों के मुताबित उसकी मां काफी वृद्ध थीं और पिछले कुछ समय से बीमार चल रहीं थी. मां की मौत के बाद उसने आस-पास लोगों से दाह संस्कार में पैसे की मदद मांगी लेकिन उसे मदद नहीं मिल सकी जिसके बाद किशन ने इतना बड़ा कदम उठाया.
हालांकि उसने अपने भाई को इस संबंध में जानकारी भी दी. उसका भाई गांव से दूर किसी शहर में नौकरी करता था. उसने अपने भाई को जल्द आने का आश्वासन देते हुए परेशान न होने की बात कही और कहा कि वह सुबह तक आ जाएगा लेकिन इससे पहले उसका भाई पहुंचता उसने आत्महत्या कर ली.
परिजनों के अनुसार किशन खाना खाने के बाद अपने कमरे में सोने चला गया था. करीब सुबह चार बजे रस्सी के फंदे से फांसी लगा ली. सुबह जब घर के लोग उसके कमरे में पहुंचे तो सभी के होश उड़ गए. किशन फंदे से लटका हुआ था. इसी बीच उसका भाई भी पहुंच गया. भाई की लाश देखकर दहाड़ मारकर रोने लगा. घर में दो शव देखकर वह पूरी तरह से टूट गया.
मृतक किशन अपने पीछे पत्नी दो पुत्री और एक पुत्र को छोड़ गया है. वहीं पुलिस को घटना की जानकारी मिलते ही जसीडीह पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और छानबीन शुरु कर दी और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा. सभी प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद शव परिजनों को सौंप दिए गए.
मां के साथ हुआ भाई का अंतिम संस्कार
बाद में मृतक के भाई ने अपने भाई के साथ मां का अंतिम संस्कार किया. इस दौरान गांव के कई लोग भी मौजूद थे. वास्तव में गरीबी आज भी सबसे बड़ा अभिशाप है. गरीबी के चलते एक युवक अपनी मां के दाह संस्कार के लिए रुपए का बंदोबस्त करने में नाकाम रहने पर जान दे देता है तो यह निश्चित रूप से सोचने वाली बात है. आज भी देश का एक बड़ा वर्ग गरीबी से जूझ रहा है.