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Shravani Mela 2023: भगवान शिव को क्यों पसंद है सावन का महीना, जानिए इसका क्या है खास महत्व

शिव, सावन और सोमवार. सावन महीना मतलब शिव का महीना. माना जाता है कि सावन महीने में भगवान शिव की पूजा करने से भगवान भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. आखिर सावन महीना भगवान शिव के लिए इतना खास महत्व क्यों रखता है. इसके पीछे भी कई कहानी है.

Shravani Mela 2023
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Published : Jul 12, 2023, 4:29 PM IST

Updated : Jul 12, 2023, 5:33 PM IST

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देवघर: सावन के महीने को देवघर सहित पूरे देश में त्योहार की तरह मनाया जाता है. यह परंपरा सदियों से चलती आ रही है. जिसे लोग आज भी निभाते चले आ रहे हैं. सावन महीने को भोलेनाथ की पूजा करने के लिए सबसे उत्तम महीना माना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं, सावन के महीने का इतना महत्व क्यों है और भगवान शिव को यह महीना इतना प्रिय क्यों है?

यह भी पढ़ें: VIDEO: सावन की पहली सोमवारी को सांपों का मिलन, देखने के लिए उमड़ पड़ी भीड़

भगवान शिव को क्यों पसंद है सावन का महीना: इस बारे में देवघर के तीर्थ पुरोहित प्रमोद श्रींगांरी बताते हैं कि कहा जाता है कि सावन भगवान शिव का अति प्रिय महीना होता है. इसके पीछे की मान्यता यह है कि जब प्रजापति दक्ष की पुत्री और भगवान शिव की पत्नी माता सती ने अपने जीवन का त्याग कर दिया था. तब फिर कई वर्षों के बाद उन्होंने हिमालय राज के घर माता पार्वती के रूप में जन्म लिया.

माता पार्वती ने की भगवान शिव की कठोर तपस्या: माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए पूरे सावन महीने कठोर तप किया, जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उनकी मनोकामना पूरी की. जिस कारण भगवान शिव को श्रावण का यह महीना अत्यंत प्रिय है. यही कारण है कि इस महीने कुमारी कन्या अच्छे वर के लिए महादेव से प्रार्थना करती हैं. मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान शिव ने धरती पर आकर अपने ससुराल में विचरण किया था. जहां जलाभिषेक कर उनका स्वागत किया गया. इसलिए इस माह में भगवान भोले पर जलाभिषेक का महत्व काफी अधिक माना जाता है.

बाबा धाम की कहानी: वहीं बाबा धाम के बारे में उन्होंने बताया कि बाबा बैद्यनाथ धाम को हृदय पीठ के रूप में भी पूजा जाता है. क्योंकि माता सती का ह्रदय बैद्यनाथ धाम में ही गिरा था. एक अलग कहानी यह भी है कि लंकापति रावण भोलेनाथ की तपस्या कर मनोकामना लिंग के रूप में शिवलिंग को लंका ले कर जा रहे थे. लेकिन बैद्यनाथ धाम में ही शिवलिंग स्थापित हो गयी, जिसे लोग रामेश्वर बैद्यनाथ के रूप में भी जानते हैं.

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देवघर: सावन के महीने को देवघर सहित पूरे देश में त्योहार की तरह मनाया जाता है. यह परंपरा सदियों से चलती आ रही है. जिसे लोग आज भी निभाते चले आ रहे हैं. सावन महीने को भोलेनाथ की पूजा करने के लिए सबसे उत्तम महीना माना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं, सावन के महीने का इतना महत्व क्यों है और भगवान शिव को यह महीना इतना प्रिय क्यों है?

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भगवान शिव को क्यों पसंद है सावन का महीना: इस बारे में देवघर के तीर्थ पुरोहित प्रमोद श्रींगांरी बताते हैं कि कहा जाता है कि सावन भगवान शिव का अति प्रिय महीना होता है. इसके पीछे की मान्यता यह है कि जब प्रजापति दक्ष की पुत्री और भगवान शिव की पत्नी माता सती ने अपने जीवन का त्याग कर दिया था. तब फिर कई वर्षों के बाद उन्होंने हिमालय राज के घर माता पार्वती के रूप में जन्म लिया.

माता पार्वती ने की भगवान शिव की कठोर तपस्या: माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए पूरे सावन महीने कठोर तप किया, जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उनकी मनोकामना पूरी की. जिस कारण भगवान शिव को श्रावण का यह महीना अत्यंत प्रिय है. यही कारण है कि इस महीने कुमारी कन्या अच्छे वर के लिए महादेव से प्रार्थना करती हैं. मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान शिव ने धरती पर आकर अपने ससुराल में विचरण किया था. जहां जलाभिषेक कर उनका स्वागत किया गया. इसलिए इस माह में भगवान भोले पर जलाभिषेक का महत्व काफी अधिक माना जाता है.

बाबा धाम की कहानी: वहीं बाबा धाम के बारे में उन्होंने बताया कि बाबा बैद्यनाथ धाम को हृदय पीठ के रूप में भी पूजा जाता है. क्योंकि माता सती का ह्रदय बैद्यनाथ धाम में ही गिरा था. एक अलग कहानी यह भी है कि लंकापति रावण भोलेनाथ की तपस्या कर मनोकामना लिंग के रूप में शिवलिंग को लंका ले कर जा रहे थे. लेकिन बैद्यनाथ धाम में ही शिवलिंग स्थापित हो गयी, जिसे लोग रामेश्वर बैद्यनाथ के रूप में भी जानते हैं.

Last Updated : Jul 12, 2023, 5:33 PM IST
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