देवघरः बाबा धाम पहुंचने वाले कांवरिया देवघर का पेड़ा ले जाना कैसे भूल सकते हैं. यहां आने वाला आम हो या खास इस पेड़े का जायका जरूर लेता है. भारी संख्या में श्रद्धालु इसकी खुशबू से खींचे चले आते हैं. पूजा पाठ के बाद प्रसाद के रूप में देवघर का पेड़ा विदेशियों के भी खूब भा रहा है.
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वैसे तो तमाम धार्मिक स्थलों के प्रसाद का अपना विशेष महत्व होता है. लेकिन बाबा धाम में प्रसाद के रूप में मिलने वाले पेड़े की बात ही अलग है. देवघर में विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला बाबा धाम मंदिर में जलाभिषेक (Shravani Mela in Deoghar) करने के बाद प्रसाद के रूप में पेड़ों की खरीदारी कांवरिया प्रचुर मात्रा में करते हैं. यहां के पेड़ों की बिक्री (peda selling at Shravani Mela) देवघर ही नहीं पूरे विश्व भर में होने लगी है. अगर स्वाद की बात की जाए तो इस तरह का स्वाद कहीं किसी पेड़े में नहीं मिलती. बाबा भोलेनाथ के प्रसाद के रूप में चढ़ाए जाने वाला पेड़ा अब विदेश में भी अपनी अलग पहचान बना चुका है. यही कारण है कि श्रद्धालुओं के लिए भी ये आकर्षण का केंद्र बना रहता है.
यहां के पेड़ों की डिमांड बढ़ती जा रही है. बाबा धाम का पेड़ा अन्य राज्यों में भी अपनी धाक जमाता रहा है. देवघर में पेड़ों का कारोबार करोड़ों में होता है. यहां आने वाले श्रद्धालु अपनी क्षमता के अनुसार इसे खरीदकर घर ले जाते हैं. पूरे साल भर यहां पेड़ों का कारोबार चलता रहता है. श्रावणी मेला में पेड़ों की बिक्री अप्रत्याशित होती है. यहां के पेड़ों की एक अपनी विशिष्ट पहचान है और अपनी जायका के लिए प्रसिद्ध है. यही वजह रही है कि जितने भी श्रद्धालु और कांवरिया यहां आते हैं वो अपनी क्षमता के अनुसार पेड़ा के रूप में बाबा का प्रसाद घर जरूर ले जाते हैं.