देवघर: जिले के रिमांड होम यानी निर्भया आश्रम में रह रही बालिकाओं को एक साल पहले चरकी पहाड़ी में स्थित नवनिर्मित भवन में शिफ्ट किया गया है, जहां रहने वाली सभी बालिकाओं को सभी मूलभूत सुविधा उपलब्ध है, साथ ही अब रिमांड होम में रह रही बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जिला प्रशासन ने एक मास्टर प्लान तैयार किया है.
मास्टर ट्रेनर को ट्रेनिंग देने का जिम्मा
यहां रहने वाली बालिकाओं को वोकेशनल ट्रेनिंग के जरिये हुनरमंद बनाने की पहल शुरू करने की योजना है. देवघर उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने बताया कि इसके लिए अलग-अलग क्षेत्र के मास्टर ट्रेनर को उन्हें ट्रेनिंग देने का जिम्मा सौंपा जा रहा है. वहीं, उपायुक्त ने बताया कि कम उम्र में अलग-अलग तरह के अपराध से जुड़े होने के कारण उन्हें यहां रहना पड़ रहा है.
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जिला प्रशासन की बेहतर पहल
ऐसे में उन्हें नैतिक शिक्षा का भी पाठ पढ़ाने की कोशिश की जा रही है, जिससे रिमांड होम के माहौल से निकल कर ये बालिकाएं अपनी निजी जिंदगी में नैतिक मूल्यों को अपनाकर अपने जीवन में उतर सके और अपनी जिंदगी की नई राह तलाश कर सकें. कुल मिलाकर अब रिमांड होम में रह रही बालिकाएं भी आत्मनिर्भर बन सकेगी, जिससे वह खुद अपने पैरों पर खड़ा होकर जीविकोपार्जन कर सकेंगी. इसको लेकर जिला प्रशासन पहल करेगी, जो एक जिला प्रशासन की बेहतर पहल है.