ETV Bharat / state

मधुपुर सीट पर जातिगत समीकरणः अल्पसंख्यक वोटर्स हैं डिसाइडिंग फैक्टर - दिवंगत हाजी हुसैन अंसारी

मधुपुर सीट पर उपचुनाव की प्रक्रिया चल रही रही है. आने वाले 2 मई नतीजों से तस्वीर साफ होगी. देवघर जिला के इस हाई प्रोफाइल सीट का समीकरण मिलाजुला जरूर है. लेकिन नतीजों पर अल्पसंख्यक वोटर्स जरूर अपना असर डाल सकते हैं. क्या कुछ है समीकरण जानिए इस रिपोर्ट से.

minority-voters-can-turn-result-in-madhupur-by-election
वोटर्स
author img

By

Published : Apr 17, 2021, 1:31 PM IST

देवघरः देश में चुनाव कोई भी हो, समीकरण का असर नतीजों पर जरूर पड़ता है. कुछ ऐसा ही समीकरण मधुपुर विधानसभा सीट पर देखने को मिलता है. करीब सवा तीन लाख वोटर में अल्पसंख्यक वोटर्स की संख्या करीब एक लाख की है. जो किसी भी चुनावी नतीजों पर असर डालने के लिए काफी है.

minority-voters-can-turn-result-in-madhupur-by-election
मधुपुरः जातिगत आधारित वोट प्रतिशत

इसे भी पढ़ें- मधुपुर का महामुकाबलाः जारी है वोटिंग, सुबह 11 बजे तक 35.61 प्रतिशत मतदान

साल 2019 के चुनाव में मधुपुर विधानसभा में 73.77 प्रतिशत वोट पड़े थे. इस बार मधुपुर विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाता 3 लाख 22 हजार 90, जिसमें पुरुष मतदाता 1 लाख 70 हजार 206, महिला मतदाता की संख्या 1 लाख 51 हजार 884 है. जबकि मुस्लिम समुदाय से करीब 1 लाख, दलित से करीब 60 हजार, आदिवासी वर्ग से करीब 50 हजार वोटर शामिल हैं. इसके अलावा ब्राह्मण, भूमिहार, राजपूत, वैश्य वर्ग से करीब 1.32 लाख मतदाता यहां निवास करते हैं. अगर वोटर्स की प्रतिशत देखें तो अल्पसंख्यक 30, दलित 15, आदिवासी 12, वैश्य 12, भूमिहार 10, यादव 7, ब्राह्मण 5, राजपूत 4, कायस्थ 2 और अन्य 3 प्रतिशत हैं.

देवघर जिला मधुपुर विधानसभा सीट पर जेएमएम और हाजी हुसैन अंसारी का काफी दबदबा रहा है. बीजेपी और जेएमएम बारी बारी से यहां काबिज होते आए हैं. साल 2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव में मधुपुर सीट से झामुमो प्रत्याशी हाजी हुसैन अंसारी ने जीत दर्ज की थी. हेमंत सरकार में वो अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री बने थे. पिछले साल कोरोना से उनके निधन पर खाली हुई मधुपुर सीट पर दिवंगत हाजी हुसैन अंसारी के पुत्र हफीजुल हसन को झामुमो का प्रत्याशी बनाया गया है. अब गेंद वोटर्स के पाले में है. 2 मई को आने वाले नतीजों से साफ होगा कि जनता ने किसका साथ दिया है.

देवघरः देश में चुनाव कोई भी हो, समीकरण का असर नतीजों पर जरूर पड़ता है. कुछ ऐसा ही समीकरण मधुपुर विधानसभा सीट पर देखने को मिलता है. करीब सवा तीन लाख वोटर में अल्पसंख्यक वोटर्स की संख्या करीब एक लाख की है. जो किसी भी चुनावी नतीजों पर असर डालने के लिए काफी है.

minority-voters-can-turn-result-in-madhupur-by-election
मधुपुरः जातिगत आधारित वोट प्रतिशत

इसे भी पढ़ें- मधुपुर का महामुकाबलाः जारी है वोटिंग, सुबह 11 बजे तक 35.61 प्रतिशत मतदान

साल 2019 के चुनाव में मधुपुर विधानसभा में 73.77 प्रतिशत वोट पड़े थे. इस बार मधुपुर विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाता 3 लाख 22 हजार 90, जिसमें पुरुष मतदाता 1 लाख 70 हजार 206, महिला मतदाता की संख्या 1 लाख 51 हजार 884 है. जबकि मुस्लिम समुदाय से करीब 1 लाख, दलित से करीब 60 हजार, आदिवासी वर्ग से करीब 50 हजार वोटर शामिल हैं. इसके अलावा ब्राह्मण, भूमिहार, राजपूत, वैश्य वर्ग से करीब 1.32 लाख मतदाता यहां निवास करते हैं. अगर वोटर्स की प्रतिशत देखें तो अल्पसंख्यक 30, दलित 15, आदिवासी 12, वैश्य 12, भूमिहार 10, यादव 7, ब्राह्मण 5, राजपूत 4, कायस्थ 2 और अन्य 3 प्रतिशत हैं.

देवघर जिला मधुपुर विधानसभा सीट पर जेएमएम और हाजी हुसैन अंसारी का काफी दबदबा रहा है. बीजेपी और जेएमएम बारी बारी से यहां काबिज होते आए हैं. साल 2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव में मधुपुर सीट से झामुमो प्रत्याशी हाजी हुसैन अंसारी ने जीत दर्ज की थी. हेमंत सरकार में वो अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री बने थे. पिछले साल कोरोना से उनके निधन पर खाली हुई मधुपुर सीट पर दिवंगत हाजी हुसैन अंसारी के पुत्र हफीजुल हसन को झामुमो का प्रत्याशी बनाया गया है. अब गेंद वोटर्स के पाले में है. 2 मई को आने वाले नतीजों से साफ होगा कि जनता ने किसका साथ दिया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.