देवघर: झारखंड की देवनगरी कहे जाने वाले बाबा भोलेनाथ की नगरी देवघर में ऐतिहासिक श्रावणी मेला का मंत्रोच्चारण के साथ शुभारंभ हो गया. गुरु पूर्णिमा के मौके पर कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने झारखंड बिहार के दुम्मा बॉर्डर पर फीता काट कर और दीप जलाकर श्रावणी मेला का शुभारंभ किया. उन्होंने बाबा मंदिर में पूजा अर्चना कर झारखंड की खुशहाली की कामना की.
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इस मौके पर देवघर विधायक नारायण दास, उपायुक्त मंजुनाथ भजंत्री, डीआईजी सुदर्शन मंडल, पूर्व मंत्री सुरेश पासवान, बीस सूत्री उपाध्यक्ष मुन्नम संजय, एसपी सुभाष चंद्र जाट सहित विभाग के कई वरीय अधिकारी उपस्थित थे. वहीं मौके पर सभी ने दीप प्रज्ज्वलित कर मेला आयोजन की विधिवत घोषणा की. इसके साथ ही दो महीने तक चलने वाली विश्वव्यापी मेले की शुरुआत हो गयी.
दो महीने का सावन: बताते चलें कि इस वर्ष मलमास को लेकर दो महीने तक सावन होगा. इस दौरान दो बार 15-15 दिनों के लिए मेले का आयोजन किया गया है. वहीं बीच में पड़ने वाले मलमास के महीने में मेला का आयोजन नहीं होगा. इसकी तैयारी भी जिला प्रशासन ने पूरी कर ली है. इसे लेकर बीते रविवार को देर शाम सूबे के पर्यटन मंत्री हफीजुल हसन ने कांवरिया पथ सहित अन्य जगहों का निरीक्षण भी किया. साथ ही विभागीय अधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी दिए थे. वहीं सोमवार को गुरु पूर्णिमा होने के कारण मंदिर प्रांगण में भी कांवरियों की खूब भीड़ दिखी. पूजा अर्चना के लिए मंदिर परिसर श्रद्धालुओं से पटा हुआ था.
सावन में स्पर्श पूजा बंद: कांवरिया पथ पर भी कावंरियों का पहुंचना शुरू हो चुका है. कुल मिलाकर अब बाबा नगरी बोलबम के नारों से गुंजायमान हो रही है. बताते चलें कि इस बार बाबा मंदिर में स्पर्श पूजा को बंद करवाकर जलार्पण के लिए अरघा की व्यवस्था की गई है. आज स्पर्श पूजा का अंतिम दिन है. वहीं मंत्री बादल पत्रलेख ने बाबा वैद्यनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश मार्ग और निकास, सुरक्षा व्यवस्था, पूजा अर्चना करने की व्यवस्था सहित अन्य स्थिति का भी जायजा लिया. उन्होंने देवघर जिला प्रशासन और सुरक्षा में तैनात अधिकारियों को हरेक दिन की व्यवस्था पर नजर बनाए रखने की भी हिदायत दी.