देवघर: मधुपुर विधानसभा उपचुनाव के रिजल्ट चंद घंटों आ जाएंगे. वोटों की गिनती 21 राउंड में होगी. दोपहर 12 से एक बजते-बजते यह साफ होने की उम्मीद है कि हफीजुल अंसारी और गंगा नारायण में से किसके सिर जीत का ताज सजेगा. झारखंड मुक्ति मोर्चा के उम्मीदवार हफीजुल अंसारी और भाजपा प्रत्याशी गंगा नारायण के बीच ही सीधी टक्कर होने की संभावना है.
हाईप्रोफाइल सीट है मधुपुर
बाबा मंदिर के चलते देवघर झारखंड समेत देश भर में जाना-पहचाना जाता है और इस जिले में मधुपुर हाईप्रोफाइल सीट है. 1995 से हाजी हुसैन अंसारी ने इस सीट पर चार बार जीत दर्ज की है. 1995 से 2019 तक 6 बार हुए विधानसभा चुनाव में हाजी हुसैन अंसारी सिर्फ दो बार हारे थे. 1995 में हाजी हुसैन ने भाजपा की विशाखा सिंह को हराया था. 2000 में फिर हाजी हुसैन ने विशाखा सिंह को मात दी.
2005 में राज पालिवार इस सीट से चुनाव जीते और हाजी हुसैन को हार का सामना करना पड़ा. 2009 में हाजी झाविमो के शिव दत्त शर्मा हराकर फिर जीते. 2014 में राज पालिवार ने इस सीट पर फिर कब्जा किया. 2019 में हाजी हुसैन इस सीट से चौथी बार जीते. पिछले साल अक्टूबर में हाजी हुसैन का निधन हो गया.
मंत्री हफीजुल की प्रतिष्ठा दांव पर
हाजी हुसैन अंसारी के निधन के बाद मधुपुर सीट पर उपचुनाव हुआ है. हेमंत सरकार में बगैर निर्वाचन मंत्री बने हफीजुल अंसारी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. हफीजुल के पास अल्पसंख्यक मंत्रालय है. बीजेपी ने गंगा नारायण सिंह को यहां से चुनाव मैदान में उतारा है. 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के राज पालिवार वोट पाने में दूसरे नंबर पर थे और हाजी हुसैन अंसारी से 23 हजार वोटों से चुनाव हार गए थे.
2019 में यह था समीकरण
2019 के चुनाव परिणाम को देखें तो जेएमएम प्रत्याशी हाजी हुसैन अंसारी को 88,153 वोट मिला था जबकि भाजपा के राज पालिवार को 65,046 और आजसू प्रत्याशी गंगा नारायण को 45,620 वोट मिले थे. इस बार बदले हुए हालात को देखते हुए बीजेपी ने राज पालिवार का टिकट काट दिया और गंगा नारायण को चुनाव मैदान में उतारा. गंगा नारायण कुछ दिनों पहले ही आजसू से भाजपा में शामिल हुए थे.
अल्पसंख्यक वोट निर्णायक
मधुपुर विधानसभा सीट के जातिगत समीकरण की बात करें तो यहां अल्पसंख्यक वोट निर्णायक हैं. मधुपुर क्षेत्र में करीब 30% अल्पसंख्यक हैं. इसके अलावा दलित 15 फीसदी, आदिवासी और वैश्य 12-12, भूमिहार 10 और यादव 7 प्रतिशत हैं.