देवघर/मधुपुर: शहर में स्वच्छता के स्तर को बढ़ाने के नाम पर खूब सरकारी राशि बहाया गया. जिसके बावजूद इसका लाभ नागरिकों तक नहीं पहुंचा. नगर परिषद ने 2 करोड़ 94 लाख खर्च कर विभिन्न इलाकों में 14 शौचालय बनवाया था. रखरखाव के अभाव में ये शौचालय अनुपयोगी साबित हो रहे है.
शहर के प्रमुख सड़कों के किनारे 4 मॉड्यूलर टॉयलेट भी लगाए गए हैं जो रखरखाव और टंकी में पानी नहीं डालने के कारण बेकार पड़े हैं. शहर में 2018 में बस पड़ाव, झील तलाब के निकट, रेड क्रॉस सोसायटी परिसर, कुशवाहा, बावनबीघा, मीना बाजार, चांदमारी जैसी जगहों में 21-21 लाख की लागत से सामुदायिक शौचालय बनवाया गया था. जिसमें मोटर से पानी आपूर्ति और नहाने की व्यवस्था थी. इन शौचालयों को काफी आकर्षक बनाया गया था. लेकिन इनमें अधिकतर सुनसान जगह में बनाए गए हैं. जहां लोग जाना नहीं चाहते.
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रखरखाव के अभाव में शौचालयों में ताला लटका हुआ है. पिछले साल इन शौचालयों के लिए नगर परिषद ने नीलामी भी कराई थी. सुनसान इलाके में शौचालय रहने के कारण नीलामी की प्रक्रिया में कोई भी भाग लेने नहीं आया. शहर में बनाए गए मॉडल टॉयलेट रखरखाव के अभाव में बेकार पड़ा हुआ है.