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देवघर के लीलानंद पागल बाबा आश्रम में जन्माष्टमी की पूजा, 24 घंटे का अखंड हरिनाम कीर्तन

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Published : Aug 19, 2022, 2:32 PM IST

देवघर के लीलानंद पागल बाबा आश्रम में जन्माष्टमी की पूजा बड़े ही धूमधाम से (Janmashtami worship in Deoghar) मनाई जाती है. कोरोना काल के यहां भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव का उल्लास लोगों में काफी है. इसको लेकर यहां 24 घंटे का अखंड हरिनाम कीर्तन का आयोजन किया गया है.

Janmashtami worship at Leelanand Pagal Baba Ashram in Deoghar
देवघर

देवघरः कोरोना काल के बाद देश विदेश में जन्माष्टमी की धूम (Janmashtami worship in Deoghar) दिखाई रही है. वहीं देवघर के लीलानंद पागल बाबा आश्रम (Leelanand Pagal Baba Ashram) में भी बड़ी धूमधाम से भगवान का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है. यहां अष्ट धातु से बने कृष्ण राधा की मूर्ति देखने लायक होती है. सुबह से ही श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं.

इसे भी पढ़ें- JANMASHTAMI 2022 लोहरदगा में कान्हा के जन्मोत्सव की धूम, श्रीकृष्ण को झुलाया झूला

लीलानंद पागल बाबा आश्रम में इस साल भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है. मंदिर परिसर में श्रीकृष्ण जन्म उत्सव (birth anniversary of lord krishna) परंपरागत तरीके से मनाया जा रहा है. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर मंदिरों को आकर्षक ढंग से सजाया गया है. भगवान श्रीराधा-कृष्ण के मंदिर में देर रात कृष्ण जन्मोत्सव पर विधि-विधान से पूजा-अर्चना का आयोजन किया गया. श्रद्धालुओं द्वारा हरे-रामा हरे-कृष्णा संकीर्त्तन धुन से माहौल भक्तिमय बना रहा. वहीं श्रद्धालुओं द्वारा मंदिर प्रांगण में भजन-कीर्तन का भी आयोजन किया गया.

देखें पूरी खबर

लीलानंद पागल बाबा आश्रम, देवघर से 7 किलोमीटर दूर है. इस आश्रम की स्थापना 1967 में लीलानंद ठाकुर ने की थी. इस मंदिर में 108 वर्ष तक अनवरत अखंड हरिनाम कीर्तन का संकल्प किया गया था. जो 24 घंटे 4 पालियों में लगातार कृष्ण भजन होता रहता है. यहां अष्टधातु से निर्मित राधा कृष्ण की मूर्ति के पूजन और दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. रात 12:00 बजे पूरा क्षेत्र प्रभु श्रीकृष्ण के जयकारों से गूंज उठा. मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं ने कान्हा को झूलन में भी झुलाया. भक्तों के बीच आश्रम में पूजा-अर्चना की गई व मध्य रात्रि 12 भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया. संध्या काल में महाआरती की जाती है.


देखने लायक होती है झांकीः इस आश्रम में जन्माष्टमी की पूजा और यहां की झांकी देखने लायक होती है. यहां जन्माष्टमी का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. यहां भगवान श्रीकृष्ण के इस आलौकिक छवि के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ती है. राधा कृष्ण के झूले को हर कृष्ण भक्त झूला झूलाने को लेकर उत्साहित रहता है. कृष्ण जन्माष्टमी के दिन यहां एक मेला भी लगता है. राधा कृष्ण की आलौकिक छवि को देखने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ती है. आसपास के साथ-साथ पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा समेत कई राज्यों से भी भक्त यहां पहुंचते हैं.

देवघरः कोरोना काल के बाद देश विदेश में जन्माष्टमी की धूम (Janmashtami worship in Deoghar) दिखाई रही है. वहीं देवघर के लीलानंद पागल बाबा आश्रम (Leelanand Pagal Baba Ashram) में भी बड़ी धूमधाम से भगवान का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है. यहां अष्ट धातु से बने कृष्ण राधा की मूर्ति देखने लायक होती है. सुबह से ही श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं.

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लीलानंद पागल बाबा आश्रम में इस साल भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है. मंदिर परिसर में श्रीकृष्ण जन्म उत्सव (birth anniversary of lord krishna) परंपरागत तरीके से मनाया जा रहा है. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर मंदिरों को आकर्षक ढंग से सजाया गया है. भगवान श्रीराधा-कृष्ण के मंदिर में देर रात कृष्ण जन्मोत्सव पर विधि-विधान से पूजा-अर्चना का आयोजन किया गया. श्रद्धालुओं द्वारा हरे-रामा हरे-कृष्णा संकीर्त्तन धुन से माहौल भक्तिमय बना रहा. वहीं श्रद्धालुओं द्वारा मंदिर प्रांगण में भजन-कीर्तन का भी आयोजन किया गया.

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लीलानंद पागल बाबा आश्रम, देवघर से 7 किलोमीटर दूर है. इस आश्रम की स्थापना 1967 में लीलानंद ठाकुर ने की थी. इस मंदिर में 108 वर्ष तक अनवरत अखंड हरिनाम कीर्तन का संकल्प किया गया था. जो 24 घंटे 4 पालियों में लगातार कृष्ण भजन होता रहता है. यहां अष्टधातु से निर्मित राधा कृष्ण की मूर्ति के पूजन और दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. रात 12:00 बजे पूरा क्षेत्र प्रभु श्रीकृष्ण के जयकारों से गूंज उठा. मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं ने कान्हा को झूलन में भी झुलाया. भक्तों के बीच आश्रम में पूजा-अर्चना की गई व मध्य रात्रि 12 भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया. संध्या काल में महाआरती की जाती है.


देखने लायक होती है झांकीः इस आश्रम में जन्माष्टमी की पूजा और यहां की झांकी देखने लायक होती है. यहां जन्माष्टमी का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. यहां भगवान श्रीकृष्ण के इस आलौकिक छवि के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ती है. राधा कृष्ण के झूले को हर कृष्ण भक्त झूला झूलाने को लेकर उत्साहित रहता है. कृष्ण जन्माष्टमी के दिन यहां एक मेला भी लगता है. राधा कृष्ण की आलौकिक छवि को देखने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ती है. आसपास के साथ-साथ पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा समेत कई राज्यों से भी भक्त यहां पहुंचते हैं.

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