ETV Bharat / state

देवघर में देसी चिकित्सालय का हाल खस्ता, बिना इलाज लौट रहे मरीज

देवघर में देसी चिकित्सा ( Indigenous Treatment Condition is bad in Deoghar) के नाम पर मरीजों के साथ सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. मरीज इलाज कराने अस्पताल तो जाते हैं लेकिन बिना इलाज कराए वापस आते हैं. इसके पीछे की वजह है अस्पताल में चिकित्सकों की कमी और उनकी अनियमितता. साथ ही अस्पताल में दवाईयों की कमी भी है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Dec 5, 2022, 12:30 PM IST

Updated : Dec 5, 2022, 1:37 PM IST

देवघर: एक तरफ सरकार देसी चिकित्सा को बढ़ावा देने का दावा करती है. वहीं देवघर में सरकार की लापरवाही के कारण देसी चिकित्सा (Indigenous Treatment Condition is bad in Deoghar) के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. चिकित्सकों की कमी और अनियमित रहने के कारण चिकित्सालय पहुंचने वाले मरीजों को निराश होकर लौटना पड़ता है. जबकि दवाइयां भी न के बराबर उपलब्ध हैं. यहां तक की कर्मी के नहीं रहने से कभी -कभी चिकित्सक को कंपाउंडर भी बनना पड़ता है.

यह भी पढ़ें: विधायक इरफान अंसारी ने सदर अस्पताल का किया निरीक्षण, व्यवस्था देख कर्मचारी और अधिकारियों को लगाई फटकार

सदर अस्पताल में चिकित्सकों की कमी: देवघर पुराना सदर अस्पताल परिसर में देसी चिकित्सा के लिए संयुक्त औषधालय का भी निर्माण कराया गया है. यहां पर आयुर्वेदिक, यूनानी और होमियोपैथी चिकित्सा के लिए अलग अलग प्रभाग भी बना हुआ है. लेकिन चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति नहीं होने के कारण देसी चिकित्सा के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. इस औषधालय में यूनानी चिकित्सा का कोई भी चिकित्सक नहीं है, होमियोपैथी चिकित्सक की भी प्रतिनियुक्ति नहीं है. नतीजा है कि मरीजों को रोज यहां से निराश होकर लौटना पड़ता है. सिर्फ एक आयुष चिकित्सक के भरोसे किसी तरह खानापूर्ति की जा रही है.

देखें वीडियो


दवाईयों की बर्बादी: इस आयुष चिकित्सालय में तीनों ही चिकित्सा पद्धति के लिए लाखों की दवा की खरीद की गयी है, लेकिन चिकित्सकों के नहीं होने के कारण ये दवाईयां रखी-रखी बर्बाद हो रही है. हैरानी की बात है कि यहां पर प्रतिनियुक्त आयुर्वेदिक चिकित्सा पदाधिकारी भी मानते है कि विभाग की लचर व्यवस्था के कारण इसका लाभ मरीजों तक नहीं पहुंच पा रहा है.

देसी चिकित्सा पद्धति से कई असाध्य रोगों को स्थाई इलाज करने का दावा किया जाता है और यही कारण है कि सरकार भी इसे बढ़ावा देने की बात करती है. लेकिन देवघर का संयुक्त औषधालय वास्तविक स्थिती बयां करने के लिए काफी है.

देवघर: एक तरफ सरकार देसी चिकित्सा को बढ़ावा देने का दावा करती है. वहीं देवघर में सरकार की लापरवाही के कारण देसी चिकित्सा (Indigenous Treatment Condition is bad in Deoghar) के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. चिकित्सकों की कमी और अनियमित रहने के कारण चिकित्सालय पहुंचने वाले मरीजों को निराश होकर लौटना पड़ता है. जबकि दवाइयां भी न के बराबर उपलब्ध हैं. यहां तक की कर्मी के नहीं रहने से कभी -कभी चिकित्सक को कंपाउंडर भी बनना पड़ता है.

यह भी पढ़ें: विधायक इरफान अंसारी ने सदर अस्पताल का किया निरीक्षण, व्यवस्था देख कर्मचारी और अधिकारियों को लगाई फटकार

सदर अस्पताल में चिकित्सकों की कमी: देवघर पुराना सदर अस्पताल परिसर में देसी चिकित्सा के लिए संयुक्त औषधालय का भी निर्माण कराया गया है. यहां पर आयुर्वेदिक, यूनानी और होमियोपैथी चिकित्सा के लिए अलग अलग प्रभाग भी बना हुआ है. लेकिन चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति नहीं होने के कारण देसी चिकित्सा के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. इस औषधालय में यूनानी चिकित्सा का कोई भी चिकित्सक नहीं है, होमियोपैथी चिकित्सक की भी प्रतिनियुक्ति नहीं है. नतीजा है कि मरीजों को रोज यहां से निराश होकर लौटना पड़ता है. सिर्फ एक आयुष चिकित्सक के भरोसे किसी तरह खानापूर्ति की जा रही है.

देखें वीडियो


दवाईयों की बर्बादी: इस आयुष चिकित्सालय में तीनों ही चिकित्सा पद्धति के लिए लाखों की दवा की खरीद की गयी है, लेकिन चिकित्सकों के नहीं होने के कारण ये दवाईयां रखी-रखी बर्बाद हो रही है. हैरानी की बात है कि यहां पर प्रतिनियुक्त आयुर्वेदिक चिकित्सा पदाधिकारी भी मानते है कि विभाग की लचर व्यवस्था के कारण इसका लाभ मरीजों तक नहीं पहुंच पा रहा है.

देसी चिकित्सा पद्धति से कई असाध्य रोगों को स्थाई इलाज करने का दावा किया जाता है और यही कारण है कि सरकार भी इसे बढ़ावा देने की बात करती है. लेकिन देवघर का संयुक्त औषधालय वास्तविक स्थिती बयां करने के लिए काफी है.

Last Updated : Dec 5, 2022, 1:37 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.