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साइबर ठगों ने निकाला ठगी का नया तरीका, लोगों से की जा रही है दोबारा ठगी - साइबर ठगी का नया तरीका

साइबर अपराधी लोगों को अपना शिकार बनाने के लिए तरह तरह के हथकंडे अपना रहे हैं. कभी फर्जी मोबाइल नंबर से कस्टमर केयर अधिकारी बनकर तो कभी बैंक अधिकारी बनकर, कभी एटीएम बंद होने और केवाइसी अपडेट करने के नाम पर तो कभी कोई और नया तरीका अपनाते हैं. साइबर ठगों ने अब एक नई खोज निकाली है. वो ठगी के शिकार लोगों को उनके खाते में पैसे भेजने की बात कह दोबारा साइबर ठगी का शिकार बना रहे हैं.

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साइबर ठगों ने निकाला ठगी का नया तरीका
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Published : Dec 8, 2020, 8:50 PM IST

Updated : Dec 11, 2020, 7:43 PM IST

देवघर: जिले में पुलिस की ओर से लगातार साइबर के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. इस दौरान अब तक सैकड़ों साइबर अपराधियों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है. यही नहीं देश के कोने-कोने से पुलिस साइबर अपराधियों की तलाश में देवघर पहुंच रही है. ऐसे में आये दिन देवघर पुलिस साइबर अपराधियों के खिलाफ अभियान चलाकर उसे दबोच रही है.

देखें स्पेशल खबर

कई तरह से होती है ठगी

साइबर अपराधी लोगों को अपना शिकार बनाने के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाते हैं. जैसे फर्जी मोबाइल नंबर से कस्टमर केयर अधिकारी बन, बैंक अधिकारी बन, एटीएम बंद होने और केवाइसी अपडेट करने के नाम पर कॉल कर ओटीपी प्राप्त करते हैं और ठगी का काम करते हैं. इतना ही नहीं कई अन्य विधि का भी इस्तेमाल करते हैं. जैसे केवायसी अपडेट करने के नाम पर, आधार कार्ड नंबर लेकर खाता लिंक कराने के नाम पर फोन-पे, पेटीएम, मनी रिक्वेस्ट भेजकर ओटीपी प्राप्त कर रुपये ठगी करना, गूगल पर विभिन्न प्रकार का वॉलेट, बैंक के फर्जी कस्टमर केयर नंबर विज्ञापन देकर लोगों से सहायता के नाम पर ठगी करना, टीम वियुवर क्विक स्पोर्ट जैसे रिमोट एक्सेस ऐप इंस्टाल करवाकर, गूगल पर मोबाइल नंबर का फर्स्ट फोर डिजिट सर्च कर और अपने मन से सिक्स डिजिट एड कर साइबर ठगी की जाती है.

जानकारी देते एसपी अश्विनी सिन्हा

साइबर ठगों ने निकाला नया तरीका

पुराने हथकंडों को अपनाने के बजाय साइबर ठगों की ओर से अब एक नई तरकीब निकाल ली है और पीड़ित को साइबर ठगी के लोग उनके खाते में पैसे भेज देने की बात कह दोबारा साइबर ठगी का शिकार बना लेते हैं. मामले में देवघर पुलिस कप्तान अश्विनी सिन्हा बताते हैं कि साइबर ठगों की ओर से अब एक नया तकनीक निकाला गया है. जैसे upi wallets से ठगी किये गए पीड़ित को दोबारा उनके खाते में वापस करने के नाम पर पीड़ित के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर के साथ @ के साथ word add कर एक नया virtual private account (vpa) create (e.g-123456789@icici) कर उसे एक फर्जी account के साथ link कर लेते है. और पीड़ित को payment wallets (phonepe, bhim upi) में to contact में जाकर upi pin को login करने को बोलते है और दोबारा ठगी कर लेते है.

ये भी पढ़ें-महामारी के बावजूद दुनिया चलती रही, इनोवेशन बड़ी वजह : पीएम मोदी

पुलिस की उपलब्धि

14 सितंबर को बतौर पुलिस कप्तान अश्विनी कुमार सिन्हा ने देवघर जिले में अपना योगदान दिया और डीजी के निर्देश पर साइबर के खिलाफ मुहिम चलाया. उस समय से अब तक देवघर पुलिस को सफलता हासिल हुई है. पुलिस कप्तान अश्विनी सिन्हा ने बताया कि बीते 75 से 80 दिनों में कुल साइबर के 32 मामलों में 211 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है, साथ ही उसके पास से 462 मोबाइल, 640 सिमकार्ड,194 एटीएम,143 पासबुक,18 चेक बुक, 7 लैपटॉप, 35 बाइक, 8 वाहन, 4 स्वाइप मशीन, 2 राउटर बरामद किया है.

साइबर अपराध के खिलाफ अभियान जारी

साइबर अपराध के खिलाफ अब भी अभियान जारी है, जिससे साइबर अपराधियो में एक भय का माहौल है. इसका नतीजा यह है कि अब साइबर अपराधी घरों में नहीं पाए जा रहे है और साइबर अपराधियों को खेत, खलिहान, जंगल, नदियों से दिन रात छापेमारी कर गिरफ्तार किया जा रहा है, जिसकी सूचना लगातार मिल रही है. ऐसे में पुलिस के प्रति लोगों का विश्वास भी बढ़ा है.

देवघर: जिले में पुलिस की ओर से लगातार साइबर के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. इस दौरान अब तक सैकड़ों साइबर अपराधियों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है. यही नहीं देश के कोने-कोने से पुलिस साइबर अपराधियों की तलाश में देवघर पहुंच रही है. ऐसे में आये दिन देवघर पुलिस साइबर अपराधियों के खिलाफ अभियान चलाकर उसे दबोच रही है.

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कई तरह से होती है ठगी

साइबर अपराधी लोगों को अपना शिकार बनाने के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाते हैं. जैसे फर्जी मोबाइल नंबर से कस्टमर केयर अधिकारी बन, बैंक अधिकारी बन, एटीएम बंद होने और केवाइसी अपडेट करने के नाम पर कॉल कर ओटीपी प्राप्त करते हैं और ठगी का काम करते हैं. इतना ही नहीं कई अन्य विधि का भी इस्तेमाल करते हैं. जैसे केवायसी अपडेट करने के नाम पर, आधार कार्ड नंबर लेकर खाता लिंक कराने के नाम पर फोन-पे, पेटीएम, मनी रिक्वेस्ट भेजकर ओटीपी प्राप्त कर रुपये ठगी करना, गूगल पर विभिन्न प्रकार का वॉलेट, बैंक के फर्जी कस्टमर केयर नंबर विज्ञापन देकर लोगों से सहायता के नाम पर ठगी करना, टीम वियुवर क्विक स्पोर्ट जैसे रिमोट एक्सेस ऐप इंस्टाल करवाकर, गूगल पर मोबाइल नंबर का फर्स्ट फोर डिजिट सर्च कर और अपने मन से सिक्स डिजिट एड कर साइबर ठगी की जाती है.

जानकारी देते एसपी अश्विनी सिन्हा

साइबर ठगों ने निकाला नया तरीका

पुराने हथकंडों को अपनाने के बजाय साइबर ठगों की ओर से अब एक नई तरकीब निकाल ली है और पीड़ित को साइबर ठगी के लोग उनके खाते में पैसे भेज देने की बात कह दोबारा साइबर ठगी का शिकार बना लेते हैं. मामले में देवघर पुलिस कप्तान अश्विनी सिन्हा बताते हैं कि साइबर ठगों की ओर से अब एक नया तकनीक निकाला गया है. जैसे upi wallets से ठगी किये गए पीड़ित को दोबारा उनके खाते में वापस करने के नाम पर पीड़ित के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर के साथ @ के साथ word add कर एक नया virtual private account (vpa) create (e.g-123456789@icici) कर उसे एक फर्जी account के साथ link कर लेते है. और पीड़ित को payment wallets (phonepe, bhim upi) में to contact में जाकर upi pin को login करने को बोलते है और दोबारा ठगी कर लेते है.

ये भी पढ़ें-महामारी के बावजूद दुनिया चलती रही, इनोवेशन बड़ी वजह : पीएम मोदी

पुलिस की उपलब्धि

14 सितंबर को बतौर पुलिस कप्तान अश्विनी कुमार सिन्हा ने देवघर जिले में अपना योगदान दिया और डीजी के निर्देश पर साइबर के खिलाफ मुहिम चलाया. उस समय से अब तक देवघर पुलिस को सफलता हासिल हुई है. पुलिस कप्तान अश्विनी सिन्हा ने बताया कि बीते 75 से 80 दिनों में कुल साइबर के 32 मामलों में 211 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है, साथ ही उसके पास से 462 मोबाइल, 640 सिमकार्ड,194 एटीएम,143 पासबुक,18 चेक बुक, 7 लैपटॉप, 35 बाइक, 8 वाहन, 4 स्वाइप मशीन, 2 राउटर बरामद किया है.

साइबर अपराध के खिलाफ अभियान जारी

साइबर अपराध के खिलाफ अब भी अभियान जारी है, जिससे साइबर अपराधियो में एक भय का माहौल है. इसका नतीजा यह है कि अब साइबर अपराधी घरों में नहीं पाए जा रहे है और साइबर अपराधियों को खेत, खलिहान, जंगल, नदियों से दिन रात छापेमारी कर गिरफ्तार किया जा रहा है, जिसकी सूचना लगातार मिल रही है. ऐसे में पुलिस के प्रति लोगों का विश्वास भी बढ़ा है.

Last Updated : Dec 11, 2020, 7:43 PM IST
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