देवघर: सावन महीने की दूसरी सोमवारी में देवघर बाबा मंदिर में आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा है. भक्त कतार नंदन पहाड़ सिंहवा और गोपालपुर गांव होते हुए कुमेठा पहुंचे हैं. श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनजर ड्रोन से निगरानी रखी जारी है. इसके अलावा रेफ, एनडीआरएफ, एसएसबी, डॉग स्क्वाड जैसे सुरक्षा की तैनाती भी की गई है.
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दूसरी सोमवारी को हुई थी ऐरावत हाथी की उत्पत्ति: विष्णु पुराण में वर्णित है कि कलयुग में शिव की पूजा अर्चना करने से मुक्ति मिलती है. सावन सोमवारी का विशेष धार्मिक महत्व (Significance of Sawan Somwari) है. श्रावण मास में ही समुद्र मंथन हुआ था और सोमवारी को ही एक विशेष फल की प्राप्ति हुई थी. मंथन के बाद दूसरी सोमवारी को ऐरावत हाथी की उत्पत्ति हुई थी. लिहाजा दूसरी सोमवारी के दिन पूजन करने से भाग्य में तेजी आती है. सोमवारी काफी कल्याणकारी माना जाता है और इस दिन गंगा जल और बेलपत्र से शिव को जलाभिषेक करने से मनोवांछित फल की प्रप्ति होती है.
सुबह से दर्शन के लिए लगी है भीड़: सावन की दूसरी सोमवारी पर बाबा धाम देवघर में कांवड़ियों भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है. भीड़ का आलम यह है कि अहले सुबह से ही कुमेठा तक दर्शन के लिए कांवड़ियों की लंबी-लंबी कतार लगनी शुरू हो गयी है और देर रात से ही लोग अपनी-अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. बच्चे, बुजुर्ग, महिला कावड़ियों की बाबाधाम में भीड़ जुटी है. चारों तरफ बोल बम के नारे गूंज रहे हैं.
जलार्पण के लिए अर्घा सिस्टम: बाबा मंदिर में जलार्पण और दर्शन का सिलसिला जारी है. जलार्पण के लिए अंदर अर्घा लगाया गया है. वहीं निशक्त, लाचार और वृद्ध भक्तों के लिए जिला प्रशासन ने बाह्य अर्घा सिस्टम की व्यवस्था की है. भक्त पहले एक निःशुल्क कार्ड लेंगे और तय समय में नेहरू पार्क से होते हुए फुट ओवरब्रिज और फिर संस्कार मंडप होते हुए गर्भ गृह में अर्घा व्यवस्था के द्वारा पूजा कर सकेंगे. वहीं फिलहाल शीघ्र दर्शनम की व्यवस्था को बंद की गई और डाक बम को कोई सुविधा नहीं मिलेगी.