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देवघरः बाबा मंदिर में फूल बेचने वालों की स्थिति दयनीय, सरकार से मदद की लगा रहे गुहार

कोरोना महामारी के कारण समाज के सभी वर्गों पर प्रभाव पड़ा है. देवघर बाब मंदिर में माली समाज भी इसमें शामिल हैं. लगभग दो से ढाई हजार माली परिवार के सामने अब रोजी रोटी पर सवाल खड़ा हो गया है.

मेला
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Published : Jul 11, 2020, 1:51 PM IST

Updated : Jul 11, 2020, 2:07 PM IST

देवघरः बाबा मंदिर के भरोसे अपना जीवन यापन करने वाले माली परिवारों की हालत अब दयनीय हो गयी है. देवघर से 5 किलोमीटर दूर मलहरा गांव के लोग बाबा मंदिर में फूल बेलपत्र बेचकर अपना जीविकोपार्जन करते हैं.

फूल बेचने वालों की स्थिति दयनीय.

लगभग दो से ढाई हजार माली परिवार के सामने अब रोजी रोटी पर सवाल खड़ा हो गया है. कोरोना संक्रमण को लेकर इस बार श्रवणी मेला भी न लगने से मालियों में मायूसी छा गयी है और अब श्रद्धालु न आने से एक और फूल तो बेकार हो ही रहे हैं और अब भुखमरी की स्थिति से सामना करना पड़ रहा है.

ऐसे में बाबा मंदिर पर निर्भर माली परिवार अब सरकार से मदद की गुहार लगा रहे है. बाबा मंदिर पुरोहित बताते है बाबा मंदिर से ही इन माली परिवारों का जीवन यापन चलता है जहां सभी माली परिवार फूल बेलपत्र बेचकर अपना जीविकोपार्जन चलता है.

यह भी पढ़ेंः गोड्डा: वज्रपात से एक ही परिवार के 3 लोगों की मौत, दस दिन में 12 लोगों की जा चुकी है जान

कोरोना संक्रमण के कारण श्रावणी मेला न लगने के कारण श्रद्धालुओं का आना मना है. ऐसे में इनका फूल बेलपत्र लेने वाला कोई नही है, जिससे माली परिवार का स्थिति दयनीय होती जा रही है. कुल मिलाकर बाबा मन्दिर पर आश्रित माली परिवार अब सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

देवघरः बाबा मंदिर के भरोसे अपना जीवन यापन करने वाले माली परिवारों की हालत अब दयनीय हो गयी है. देवघर से 5 किलोमीटर दूर मलहरा गांव के लोग बाबा मंदिर में फूल बेलपत्र बेचकर अपना जीविकोपार्जन करते हैं.

फूल बेचने वालों की स्थिति दयनीय.

लगभग दो से ढाई हजार माली परिवार के सामने अब रोजी रोटी पर सवाल खड़ा हो गया है. कोरोना संक्रमण को लेकर इस बार श्रवणी मेला भी न लगने से मालियों में मायूसी छा गयी है और अब श्रद्धालु न आने से एक और फूल तो बेकार हो ही रहे हैं और अब भुखमरी की स्थिति से सामना करना पड़ रहा है.

ऐसे में बाबा मंदिर पर निर्भर माली परिवार अब सरकार से मदद की गुहार लगा रहे है. बाबा मंदिर पुरोहित बताते है बाबा मंदिर से ही इन माली परिवारों का जीवन यापन चलता है जहां सभी माली परिवार फूल बेलपत्र बेचकर अपना जीविकोपार्जन चलता है.

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कोरोना संक्रमण के कारण श्रावणी मेला न लगने के कारण श्रद्धालुओं का आना मना है. ऐसे में इनका फूल बेलपत्र लेने वाला कोई नही है, जिससे माली परिवार का स्थिति दयनीय होती जा रही है. कुल मिलाकर बाबा मन्दिर पर आश्रित माली परिवार अब सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

Last Updated : Jul 11, 2020, 2:07 PM IST
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