ETV Bharat / state

पीएम आवास की आस में मरा लाभुक, मौत के बाद खाते में आई पहली किश्त

देवघर में सारठ प्रखंड के ठाड़ी पंचायत के रंगनिया गांव में प्रधानमंत्री आवास योजाना में लापरवाही का अजीब मामला सामने आया है. जिसमें मरने के बाद लाभुक के खाते में आवास योजना की पहली किश्त आई. जिसको लेकर मृतक सुबोधन का परिवार हैरत में है, और प्रशासन से आवास देने की मांग कर रहा है. जबकि स्थानीय विधायक कोताही बरतने वाले पदाधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है.

Candidate dies in hopes of PM housing in Deoghar
पीएम आवास की आस में मरा लाभुक
author img

By

Published : Jul 29, 2020, 4:49 PM IST

देवघरः सारठ प्रखंड के ठाड़ी पंचायत के रंगनिया गांव का सुबोधन टुडू पिछले पांच साल से प्रधानमंत्री आवास के लिए पंचायत और बैंक के चक्कर काट रहा था, और लगातार कोशिश के बाद भी उनको अपने जीवनकाल में आवास का लाभ नहीं मिला. आखिरकार साल 2018 में सुबोधन टुडू ने देह त्याग दिया और आशियाने का सपना लेकर ही इस दुनिया से चल बसे. कुछ दिन पूर्व परिजनों ने मृतक सुबोधन टुडु का बैंक पासबुक अपडेट कराया तो देखा कि प्रधानमंत्री आवास योजना की पहली किश्त सितंबर के महीने में ही आ चुकी है. जिसकी कोई जानकारी किसी पदाधिकारी या बैंक अधिकारियों की ओर से नहीं दी गई. इस लापरवाही से परिवार इस बात से दुखी हुए कि योजना की पहली किश्त आई भी तो उनकी मौत के बाद. इसको लेकर मृतक के पुत्र ने इस आवास योजना की मांग करते हुए प्रशासन से घर देने की अपील की है.

देखें पूरी खबर

इस मामले में पूर्व मंत्री और स्थानीय विधायक रणधीर सिंह पूरी कोशिश में है कि सुबोधन की विधवा को पीएम आवासीय योजना के तहत घर मिल सके. जिसके लिए वो लगातार प्रयास भी कर रहे हैं. साथ ही विधायक रणधीर सिंह ने मुखिया पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए, उच्च स्तरीय जांच कर कार्रवाही की मांग की है. साथ ही यह भी कहा है कि विभागीय अधिकारी की भी जिम्मेवारी होती है कि योजना का मॉनिटरिंग करना. विधायक इस अजीब लापरवाही का पुरजोर विरोध करते हुए सख्त कार्रवाई का मन बना चुके हैं. ताकि ऐसी कोताही किसी गरीब के साथ ना बरती जाए.

शासन-प्रशासन का दावा है कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाया जा रहा है. लेकिन इन योजनाओं की हकीकत की बानगी की पोल सुबोधन की मौत ने खोल दी. जिसने 5 साल तक पीएम आवास योजना के तहत घर लेने की कोशिश की. लेकिन पंचायत से लेकर बैंक के अफसर तक के कुनबे ने सुबोधन और उसके परिवार के साथ भद्दा मजाक किया कि सुबोधन की मौत के बाद पीएम आवास योजना की पहली किश्त भेज दी.

देवघरः सारठ प्रखंड के ठाड़ी पंचायत के रंगनिया गांव का सुबोधन टुडू पिछले पांच साल से प्रधानमंत्री आवास के लिए पंचायत और बैंक के चक्कर काट रहा था, और लगातार कोशिश के बाद भी उनको अपने जीवनकाल में आवास का लाभ नहीं मिला. आखिरकार साल 2018 में सुबोधन टुडू ने देह त्याग दिया और आशियाने का सपना लेकर ही इस दुनिया से चल बसे. कुछ दिन पूर्व परिजनों ने मृतक सुबोधन टुडु का बैंक पासबुक अपडेट कराया तो देखा कि प्रधानमंत्री आवास योजना की पहली किश्त सितंबर के महीने में ही आ चुकी है. जिसकी कोई जानकारी किसी पदाधिकारी या बैंक अधिकारियों की ओर से नहीं दी गई. इस लापरवाही से परिवार इस बात से दुखी हुए कि योजना की पहली किश्त आई भी तो उनकी मौत के बाद. इसको लेकर मृतक के पुत्र ने इस आवास योजना की मांग करते हुए प्रशासन से घर देने की अपील की है.

देखें पूरी खबर

इस मामले में पूर्व मंत्री और स्थानीय विधायक रणधीर सिंह पूरी कोशिश में है कि सुबोधन की विधवा को पीएम आवासीय योजना के तहत घर मिल सके. जिसके लिए वो लगातार प्रयास भी कर रहे हैं. साथ ही विधायक रणधीर सिंह ने मुखिया पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए, उच्च स्तरीय जांच कर कार्रवाही की मांग की है. साथ ही यह भी कहा है कि विभागीय अधिकारी की भी जिम्मेवारी होती है कि योजना का मॉनिटरिंग करना. विधायक इस अजीब लापरवाही का पुरजोर विरोध करते हुए सख्त कार्रवाई का मन बना चुके हैं. ताकि ऐसी कोताही किसी गरीब के साथ ना बरती जाए.

शासन-प्रशासन का दावा है कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाया जा रहा है. लेकिन इन योजनाओं की हकीकत की बानगी की पोल सुबोधन की मौत ने खोल दी. जिसने 5 साल तक पीएम आवास योजना के तहत घर लेने की कोशिश की. लेकिन पंचायत से लेकर बैंक के अफसर तक के कुनबे ने सुबोधन और उसके परिवार के साथ भद्दा मजाक किया कि सुबोधन की मौत के बाद पीएम आवास योजना की पहली किश्त भेज दी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.