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देवघरः पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगा रहा एसिड अटैक पीड़ित, दहशत में पूरा परिवार - एसिड अटैक पीड़ित की सुरक्षा की मांग

देवघर में एसिड अटैक का मामला सामने आया है. यहां पारिवारिक विवाद में एसिड से हमला किया गया है. पीड़ित ने अपने परिवार के साथ इंसाफ के दरवाजे पर पहुंचकर सुरक्षा की गुहार लगाई. पीड़ित ने पूर्व में भी पुलिस को इससे अवगत कराया था.

सुरक्षा की गुहार लगा रहा एसिड अटैक पीड़ित
सुरक्षा की गुहार लगा रहा एसिड अटैक पीड़ित
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Published : Jun 9, 2020, 7:53 AM IST

देवघरः देश की सबसे बड़ी अदालत ने भले ही साल 2013 में ही तेजाब की अवैध बिक्री पर पाबंदी लगा दी है, लेकिन धड़ल्ले से हो रहे एसिड के अवैध कारोबार और एसिड अटैक के मामले अब भी बददस्तूर जारी हैं. ताजा मामला सामने आया है कुंडा थाना इलाके के चांडीह गांव के जहां के रहने वाले संजय साह अपनी जान बचाने की फरियाद लिए जिले के पुलिस कप्तान के पास गुहार लगाने पहुंचे थे.

सुरक्षा की गुहार लगा एसिड अटैक पीड़ित

तीन छोटे-छोटे मासूम बच्चे और पत्नी के साथ खाकी की चौखट पर जुल्म की दास्तां सुना रहे पीड़ित परिवार की आंखों से उस मंजर को याद कर बरबस ही झलक रहे थे. बताया जा रहा है कि भाई के झगड़े में उसके चाचा ने एसिड से हमला कर दिया. इसी बीच देवघर के सदर अनुमंडल पुलिस अधिकारी विकाशचंद्र श्रीवास्तव की नजर पीड़ितों पर पड़ी और उन्होंने पीड़ित परिवार को फौरन अपने दफ्तर बुलाया.

बतौर एसडीपीओ पूरा मामला कुंडा थाना थाना इलाके के चांडीह गांव का है, जहां पीड़ित संजय के ऊपर एसिड अटैक की वारदात को अंजाम दिया गया. एसडीपीओ की मानें तो पीड़ित ने बीते 1 जून को ही कुंडा थाने में आवेदन देकर न्याय और सुरक्षा की गुहार लगाई थी, लेकिन पीड़ित के मुताबिक हमलावर अब और भी आक्रामक तेवर के साथ आये दिन जान मारने की धमकी दे रहा है.

यह भी पढ़ेंः झारखंड में नहीं थम रहा कोरोना का कहर, सोमवार को मिले 147 नए मामले

ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि एफआईआर दर्ज होने के बावजूद अब तक आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नही हुई. बहरहाल, जिले के सदर एसडीपीओ ने पीड़ित को इंसाफ का भरोसा तो जरूर दिलाया है, लेकिन उस खौफ का क्या जिसके साये में एसिड अटैक का परिवार सहमा हुआ सा जिंदगी बसर कर रहा है.यह सवाल समाज के उन ठेकेदारों से भी जो हकीकत जानते हुए भी नकाबपोश बन अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे है क्योकि तेजाबी दर्द का दंश उनसे पूछिये जनाब जिन्होंने उस कराह को झेला है.

देवघरः देश की सबसे बड़ी अदालत ने भले ही साल 2013 में ही तेजाब की अवैध बिक्री पर पाबंदी लगा दी है, लेकिन धड़ल्ले से हो रहे एसिड के अवैध कारोबार और एसिड अटैक के मामले अब भी बददस्तूर जारी हैं. ताजा मामला सामने आया है कुंडा थाना इलाके के चांडीह गांव के जहां के रहने वाले संजय साह अपनी जान बचाने की फरियाद लिए जिले के पुलिस कप्तान के पास गुहार लगाने पहुंचे थे.

सुरक्षा की गुहार लगा एसिड अटैक पीड़ित

तीन छोटे-छोटे मासूम बच्चे और पत्नी के साथ खाकी की चौखट पर जुल्म की दास्तां सुना रहे पीड़ित परिवार की आंखों से उस मंजर को याद कर बरबस ही झलक रहे थे. बताया जा रहा है कि भाई के झगड़े में उसके चाचा ने एसिड से हमला कर दिया. इसी बीच देवघर के सदर अनुमंडल पुलिस अधिकारी विकाशचंद्र श्रीवास्तव की नजर पीड़ितों पर पड़ी और उन्होंने पीड़ित परिवार को फौरन अपने दफ्तर बुलाया.

बतौर एसडीपीओ पूरा मामला कुंडा थाना थाना इलाके के चांडीह गांव का है, जहां पीड़ित संजय के ऊपर एसिड अटैक की वारदात को अंजाम दिया गया. एसडीपीओ की मानें तो पीड़ित ने बीते 1 जून को ही कुंडा थाने में आवेदन देकर न्याय और सुरक्षा की गुहार लगाई थी, लेकिन पीड़ित के मुताबिक हमलावर अब और भी आक्रामक तेवर के साथ आये दिन जान मारने की धमकी दे रहा है.

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ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि एफआईआर दर्ज होने के बावजूद अब तक आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नही हुई. बहरहाल, जिले के सदर एसडीपीओ ने पीड़ित को इंसाफ का भरोसा तो जरूर दिलाया है, लेकिन उस खौफ का क्या जिसके साये में एसिड अटैक का परिवार सहमा हुआ सा जिंदगी बसर कर रहा है.यह सवाल समाज के उन ठेकेदारों से भी जो हकीकत जानते हुए भी नकाबपोश बन अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे है क्योकि तेजाबी दर्द का दंश उनसे पूछिये जनाब जिन्होंने उस कराह को झेला है.

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