देवघर: नगर थाना क्षेत्र के बसमता निवासी लक्ष्मी यादव हत्याकांड में शामिल अपराधियों को पनाह और सरंक्षण देने के आरोप में देवघर पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. आरोपी अकरम शेख देवघर के हिरणा मोहल्ले का रहने वाला है. सूत्रों कि माने तो मो अकरम लगातार अपराधियों के संपर्क में था. हत्या के एक दिन पूर्व भी उसकी बात हत्याकांड में शामिल अपराधी कारू यादव और मंटू यादव के साथ होने के सबूत पुलिस को मिले हैं. इसकी जानकारी पुलिस को तकनीकी सेल के सहारे मिली थी.
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मो अकरम ने ही लक्ष्मी यादव की रेकी की थीः पुलिस सूत्रों कि माने तो मो अकरम ने ही लक्ष्मी यादव की रेकी की थी. बताया जाता है वर्ष 2017 में अकरम आर्म्स एक्ट के मामले में जेल की हवा भी खा चुका है. जेल में ही उसकी मुलाकात जमुई जिला के सिमुलतला के लाहा निवासी कारू यादव से हुई थी. उसी क्रम में दोनों में दोस्ती भी हो गई. सूत्रों की माने तो लक्ष्मी यादव की हत्या में शामिल अपराधियों को वह देवघर में पनाह और संरक्षण देता था. जिसके बाद ही लक्ष्मी यादव पर हमला किया गया था.
लक्ष्मी यादव की हत्या 11 जनवरी को हुई थीः बता दें कि नगर थाना क्षेत्र के बसमत्ता निवासी लक्ष्मी यादव की हत्या 11 जनवरी की सुबह 6.30 बजे के आसपास बम और गोली मारकर कर दी गई थी. इस मामले में मृतक की पत्नी उर्मिला देवी ने बसमता निवासी राजेश यादव, कुंडा गुगलीडीह निवासी विष्णु यादव, जमुई के चकाई थाना क्षेत्र के गोवदिंपुर निवासी मंटू यादव, सिमुलताला थाना क्षेत्र के लाहा निवासी कारू यादव, बसमता निवासी रमेश यादव और कुंडा गुगलीडीह निवासी राजेश यादव सहित तीन अज्ञात को आरोपी बनाया था.
कांड में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी पुलिसः पुलिस घटना के पांच दिन बीत जाने के बाद भी एक भी नामजद आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकी थी. जिसके बाद देवघर पुलिस पर सवालिया निशान लग रहे थे, लेकिन मो अकरम शेख की गिरफ्तारी के बाद देवघर पुलिस का मनोबल बढ़ा है. पुलिस अब आरोपी अकरम शेख से मिली जानकारी के बाद मामले में संलिप्त अन्य अपराधियों को जल्द गिरफ्तार कर सकती हैं.