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चतरा: जल बिना प्यासा है जलमीनार, एक साल से एक बूंद भी नहीं टपका पानी - सिमरिया के हर्षनाथपुर गांव में पानी

सिमरिया के हर्षनाथपुर गांव में जलमीनार को बने हुए एक साल से भी अधिक समय हो चुका है. गांव की हर गली में पानी पहुंचाने के लिए पाइप बिछाई गई है. कई घरों में तो नल भी लगे हैं, लेकिन नल से आज तक एक बूंद पानी भी नहीं टपका है.

जल बिना प्यासी है जलमीनार
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Published : Oct 9, 2019, 10:54 PM IST

चतरा: सिमरिया के हर्षनाथपुर गांव में जलमीनार बने हुए एक साल से भी अधिक समय गुजर चुका है, लेकिन अभी तक इससे लोगों को एक बूंद भी पानी नसीब नहीं हुआ है, जबकि इस जलमीनार को बनाने में एक लाख से भी अधिक रुपये खर्च हो चुके हैं.

देखें पूरी खबर

चतरा से करीब 20 किमी दूर सिमरिया प्रखंड के हर्षनाथपुर गांव में यह जलमीनार है, जहां हर गली में पानी पहुंचाने के लिए पाइप बिछाई गई है. कई घरों में तो नल भी लगे हैं, लेकिन नल से आज तक एक बूंद पानी भी नहीं टपका है. किसी भी जलमीनार की सबसे पहली जरूरत होती है बोरिंग, लेकिन यहां जलमीनार बना दिया गया और जल मीनार के पास आज तक बोरिंग नहीं कराई गई है.

ये भी पढ़ें-हिमाचल प्रदेश: चिकनी नदी में जहरीले पानी से हुई लाखों मछलियों की मौत

गांव के लोग आज भी गंदे तालाब में नहाने और दूर किसी चापाकल से पानी लाने को मजबूर हैं. सरकार ने तो गांव वालों की मजबूरी समझी और यहां योजना बनाकर जलमीनार पहुंचाया, लेकिन सिस्टम की करतूतों की वजह से लोग आज भी स्वच्छ पानी से वंचित हैं. मामले में जब प्रखंड विकास पदाधिकारी अमित कुमार मिश्रा से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि जलमीनार में जल्द ही पानी उपलब्ध करा दिया जाएगा और जो भी दोषी होंगे उनपर कार्रवाई की जाएगी.

चतरा: सिमरिया के हर्षनाथपुर गांव में जलमीनार बने हुए एक साल से भी अधिक समय गुजर चुका है, लेकिन अभी तक इससे लोगों को एक बूंद भी पानी नसीब नहीं हुआ है, जबकि इस जलमीनार को बनाने में एक लाख से भी अधिक रुपये खर्च हो चुके हैं.

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चतरा से करीब 20 किमी दूर सिमरिया प्रखंड के हर्षनाथपुर गांव में यह जलमीनार है, जहां हर गली में पानी पहुंचाने के लिए पाइप बिछाई गई है. कई घरों में तो नल भी लगे हैं, लेकिन नल से आज तक एक बूंद पानी भी नहीं टपका है. किसी भी जलमीनार की सबसे पहली जरूरत होती है बोरिंग, लेकिन यहां जलमीनार बना दिया गया और जल मीनार के पास आज तक बोरिंग नहीं कराई गई है.

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गांव के लोग आज भी गंदे तालाब में नहाने और दूर किसी चापाकल से पानी लाने को मजबूर हैं. सरकार ने तो गांव वालों की मजबूरी समझी और यहां योजना बनाकर जलमीनार पहुंचाया, लेकिन सिस्टम की करतूतों की वजह से लोग आज भी स्वच्छ पानी से वंचित हैं. मामले में जब प्रखंड विकास पदाधिकारी अमित कुमार मिश्रा से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि जलमीनार में जल्द ही पानी उपलब्ध करा दिया जाएगा और जो भी दोषी होंगे उनपर कार्रवाई की जाएगी.

Intro:चतरा: जल बिना प्यासी है जलमीनार, एक साल से एक बूंद भी पानी नहीं टपका

चतरा/सिमरिया: इस जल मीनार से एक बूंद भी पानी नहीं टपकता है। जबकि इसे बनाने में लाख से अधिक की खर्च हुए हैं। जल मीनार को मुखिया द्वारा बनवाया गया था। यहां सरकारी कामकाज का जो तरीका है वह काबिले तारीफ है। लाखों रुपए खर्च करके जलमीनार बना दिया गया, लेकिन एक साल से ज्यादा हो गए अभी तक गांव वालों को एक बूंद भी पानी इस जल मीनार से नसीब नहीं हुआ।

1. बाईट स्थानीय ग्रामीण
2. बाईट स्थानीय ग्रामीण
3. सिमरिया प्रखंड विकास पदाधिकारी अमित कुमार मिश्राBody:यह जलमीनार चतरा से करीब 20 किलोमीटर दूर सिमरिया प्रखंड के बन्हें पंचायत के हर्षनाथ पुर गांव का है। गांव के गली गली में पानी पहुंचाने के लिए पाइप बिछाई गई कई घरों में तो नल भी लगे, लेकिन नल से आजतक एक बूंद पानी भी नहीं टपका। क्योंकि किसी भी जल मीनार की सबसे पहली जरूरत होती है बोरिंग लेकिन यहां सिस्टम की अनोखी नीति देखने को मिली। यहां पहले जल मीनार बना दिया गया. उसके बाद जल मीनार के पास आज तकबोरिंग नहीं कराया गया। जो कि सक्सेस नहीं हुआ। Conclusion:जिसके बाद यह जल मीनार हाथी का दांत बनकर रह गया। गांव के लोग अभी भी गंदे तालाब में नहाने और दूर किसी चापाकल से पानी लाने के लिए मजबूर हैं। सरकार ने तो गांव वालों की मजबूरी समझी भी और यहां योजना बनाकर जलमीनार पहुंचाया, लेकिन सिस्टम की करतूतों की वजह से लोग अभी भी स्वच्छ पानी से वंचित हैं। मामले में जब प्रखंड विकास पदाधिकारी अमित कुमार मिश्रा से पूछा गया उनका कहना है कि जलमीनार को पानी उपलब्ध हो जाएगा और जो भी दोषी होंगे उनपर कार्रवाई की जाएगी।
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