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टंडवा कोल परियोजना को लेकर आंदोलन जारी, आंदोलकारियों को मिला विधायक अंबा प्रसाद का साथ

चतरा में कोल परियोजना टंडवा में चार सूत्री मांगों को लेकर विस्थापितों, प्रभावित भू-रैयतों और मजदूरों का आंदोलन छठे दिन भी जारी है. इन आंदोलनकारियों को अब बड़कागांव की विधायक अंबा प्रसाद का साथ मिला है. उन्होंने इनलोगों के आंदोलन को सही बताते हुए कहा कि मजदूरों को हक दिलाने के लिए सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को चर्चा करना चाहिए.

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विस्थापितों का आंदोलन जारी
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Published : Aug 23, 2020, 6:45 PM IST

चतरा: जिला के टंडवा में संचालित एशिया की सबसे बड़ी कोल परियोजना टंडवा में चार सूत्री मांगों को लेकर विस्थापितों, प्रभावित भू-रैयतों और मजदूरों का आंदोलन छठे दिन भी जारी है. अब आंदोलन में उन्हें बड़कागांव की कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद का भी समर्थन मिल गया है. आम्रपाली परियोजना में मजदूरों को उनका हक दिलाने के लिए विधायक अंबा प्रसाद ने सभी राजनीतिक दल के नेताओं से राजनीतिक और दलगत भावना से ऊपर उठकर मौखिक चर्चा करने की अपील की है.

देखें पूरी खबर
विधायक ने कहा है कि सीसीएल प्रबंधन रैयतों का शोषण कर रही है. रैयतों की मांगों को विधायक ने जायज बताया है. इधर रैयतों ने कहा है कि जब तक उन्हें रोजगार से नहीं जोड़ा जाता तब तक आंदोलन जारी रहेगा, परियोजना क्षेत्र में मूलभुत सुविधाएं भी नदारद है, लोग बिजली, पानी, स्कूल और अस्पताल जैसी सुविधाओं से वंचित है.

इसे भी पढे़ं:- बिजली विभाग के निजीकरण पर किया विरोध, विद्युत कर्मियों ने सौंपा ज्ञापन

ग्रामीणों का कहना है कि जमीन सीसीएल की ओर से 2003 में ही अधिग्रहित किया गया, फिर भी यहां के लोगों को रोजगार से वंचित रखा गया है. रैयतों ने स्पष्ट कहा कि जब तक झारखंड सरकार हम गरीबों की फरियाद नहीं सुनती तब तक हम भूखे रहकर भी आंदोलन जारी रखेंगे.

चतरा: जिला के टंडवा में संचालित एशिया की सबसे बड़ी कोल परियोजना टंडवा में चार सूत्री मांगों को लेकर विस्थापितों, प्रभावित भू-रैयतों और मजदूरों का आंदोलन छठे दिन भी जारी है. अब आंदोलन में उन्हें बड़कागांव की कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद का भी समर्थन मिल गया है. आम्रपाली परियोजना में मजदूरों को उनका हक दिलाने के लिए विधायक अंबा प्रसाद ने सभी राजनीतिक दल के नेताओं से राजनीतिक और दलगत भावना से ऊपर उठकर मौखिक चर्चा करने की अपील की है.

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विधायक ने कहा है कि सीसीएल प्रबंधन रैयतों का शोषण कर रही है. रैयतों की मांगों को विधायक ने जायज बताया है. इधर रैयतों ने कहा है कि जब तक उन्हें रोजगार से नहीं जोड़ा जाता तब तक आंदोलन जारी रहेगा, परियोजना क्षेत्र में मूलभुत सुविधाएं भी नदारद है, लोग बिजली, पानी, स्कूल और अस्पताल जैसी सुविधाओं से वंचित है.

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ग्रामीणों का कहना है कि जमीन सीसीएल की ओर से 2003 में ही अधिग्रहित किया गया, फिर भी यहां के लोगों को रोजगार से वंचित रखा गया है. रैयतों ने स्पष्ट कहा कि जब तक झारखंड सरकार हम गरीबों की फरियाद नहीं सुनती तब तक हम भूखे रहकर भी आंदोलन जारी रखेंगे.

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