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चतरा: क्वॉरेंटाइन सेंटर में सुविधाएं न मिलने पर मजदूरों का हंगामा, लगाए कई आरोप

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Published : May 28, 2020, 12:54 PM IST

चतरा में अव्यवस्था से नाराज प्रवासी मजदूरों ने क्वॉरेंटाइन सेंटर में हंगामा किया है. मजदूरों ने आरोप लगाते हुए कहा कि सेंटर में भोजन तक की व्यवस्था नहीं है.

Workers created ruckus in Chatra Quarantine Center
Workers created ruckus in Chatra Quarantine Center

चतरा: दूसरे प्रदेशों से लौटे प्रवासी मजदूरों का क्वॉरेंटाइन सेंटर में हंगामा निरंतर जारी है. जिले के कान्हाचट्टी प्रखंड अंतर्गत उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय कोटाप, मध्य विद्यालय छेवटा और पंचायत सचिवालय बेंगोकला में बने क्वॉरेंटाइन सेंटर में अव्यवस्था और भोजन की मांग को लेकर मजदूर ने हंगामा किया.

मजदूरों का आरोप है कि वे दूसरे प्रदेशों में ही थे तो ज्यादा बेहतर था, लेकिन सरकार ने उन्हें क्वॉरेंटाइन सेंटर लाकर जीने-मरने के लिये अपने हाल में छोड़ दिया है. सरकारी भवनों में जहां मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है. वहीं, कोई भी अधिकारी और जनप्रतिनिधि सुध लेने तक नहीं आते हैं.

बता दें कि इन दो केंद्रों में दिल्ली, मुंबई और गुजरात से लाए गए दर्जनों प्रवासी मजदूर क्वॉरेंटाइन सेंटर में हैं. मजदूरों का आरोप है कि उन्हें न तो भोजन दिया जा रहा है और न ही अन्य मूलभूत सुविधाएं. मजदूरों ने कहा कि उन्हें अपने घरों से भोजन मंगवाना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें- चाईबासाः बंदगांव में पुलिस और पीएलएफआई के बीच मुठभेड़, तीन उग्रवादी ढेर

मजदूरों ने यह भी आरोप लगाया है कि उन्हें 14 दिनों के लिए क्वॉरेंटाइन सेंटर लाया गया है. वे अपने घर परिवार के लोगों से अलग रह रहे हैं, लेकिन अगर वे घरों से भोजन मंगवाकर खाते हैं तो उनके परिवार के लोगों पर भी संक्रमण का खतरा बना है. साथ ही कहा कि स्थिति यह है कि उनके आग्रह के बावजूद न तो अधिकारी उनकी सुध ले रहे हैं और न ही मुखिया. इस स्थिति में उनके क्वॉरेंटाइन सेंटर में रहने का कोई मतलब नहीं है. अगर सरकार उन्हें सुविधाएं उपलब्ध नहीं करा सकती है, तो उन्हें घर जाने की इजाजत दे.

चतरा: दूसरे प्रदेशों से लौटे प्रवासी मजदूरों का क्वॉरेंटाइन सेंटर में हंगामा निरंतर जारी है. जिले के कान्हाचट्टी प्रखंड अंतर्गत उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय कोटाप, मध्य विद्यालय छेवटा और पंचायत सचिवालय बेंगोकला में बने क्वॉरेंटाइन सेंटर में अव्यवस्था और भोजन की मांग को लेकर मजदूर ने हंगामा किया.

मजदूरों का आरोप है कि वे दूसरे प्रदेशों में ही थे तो ज्यादा बेहतर था, लेकिन सरकार ने उन्हें क्वॉरेंटाइन सेंटर लाकर जीने-मरने के लिये अपने हाल में छोड़ दिया है. सरकारी भवनों में जहां मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है. वहीं, कोई भी अधिकारी और जनप्रतिनिधि सुध लेने तक नहीं आते हैं.

बता दें कि इन दो केंद्रों में दिल्ली, मुंबई और गुजरात से लाए गए दर्जनों प्रवासी मजदूर क्वॉरेंटाइन सेंटर में हैं. मजदूरों का आरोप है कि उन्हें न तो भोजन दिया जा रहा है और न ही अन्य मूलभूत सुविधाएं. मजदूरों ने कहा कि उन्हें अपने घरों से भोजन मंगवाना पड़ रहा है.

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मजदूरों ने यह भी आरोप लगाया है कि उन्हें 14 दिनों के लिए क्वॉरेंटाइन सेंटर लाया गया है. वे अपने घर परिवार के लोगों से अलग रह रहे हैं, लेकिन अगर वे घरों से भोजन मंगवाकर खाते हैं तो उनके परिवार के लोगों पर भी संक्रमण का खतरा बना है. साथ ही कहा कि स्थिति यह है कि उनके आग्रह के बावजूद न तो अधिकारी उनकी सुध ले रहे हैं और न ही मुखिया. इस स्थिति में उनके क्वॉरेंटाइन सेंटर में रहने का कोई मतलब नहीं है. अगर सरकार उन्हें सुविधाएं उपलब्ध नहीं करा सकती है, तो उन्हें घर जाने की इजाजत दे.

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