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चतरा सिविल कोर्ट में 18 वर्ष से कम उम्र के किशोर का हुआ चपरासी के पद पर चयन, अभ्यर्थियों ने की जांच की मांग - etv news

Minor selected for peon post in Chatra Civil Court. चतरा सिविल कोर्ट में 18 वर्ष से कम उम्र के किशोर का चपरासी के पद पर चयन हुआ है. जिसके बाद सवाल उठने लगे हैं. अभ्यर्थी सवाल उठा रहे हैं कि जब नियुक्ति में न्यूनतम उम्र सीमा 18 वर्ष है तो उससे कम में चयन कैसे हो गया.

Minor selected for peon post in Chatra Civil Court
Minor selected for peon post in Chatra Civil Court
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 7, 2023, 8:23 PM IST

चतरा: जिले के सिविल कोर्ट में चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों की नियुक्ति चर्चा में है. मंत्री के बेटे का चपरासी बनने का मामला चर्चा का विषय तो बना ही हुआ है. इसके बाद एक और मामले ने इस नियुक्ति पर सवाल खड़े कर दिए हैं. दरअसल, इस नियुक्ति में एक नाबालिग का भी चयन हुआ है. 17 साल सात माह छह दिन के एक किशोर की सिविल कोर्ट में चपरासी के पद पर नियुक्ति हुई है. जबकि नियुक्ति के लिए अभ्यर्थी की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए. इसके बाद से इस नियुक्ति पर सवाल खड़े हो गए हैं. लोगों ने इस नियुक्ति में अनियमितता बरतने का आरोप लगाते हुए इसकी जांच की मांग की है.

18 वर्ष से कम उम्र में हुआ सुजीत का हुआ चयन: बता दें कि सुजीत कुमार (पिता प्रह्लाद चौधरी) का चयन चपरासी पद पर हो गया है. उसकी उम्र 18 साल से कम है. इसके बावजूद उसका चयन चपरासी पद पर कर लिया गया है. सिविल कोर्ट द्वारा जारी नियुक्ति संबंधी अधिसूचना में अभ्यर्थियों की आयु सीमा 1 अगस्त 2022 को कम से कम 18 वर्ष निर्धारित की गयी थी. सुजीत की जन्मतिथि 25 दिसंबर 2004 है. अधिसूचना के आधार पर उसकी आयु 17 वर्ष 07 माह 06 दिन है. रिजल्ट 1 दिसंबर 2023 को जारी किया गया है. जारी रिजल्ट में चपरासी पद के लिए सुजीत का नाम 10वें नंबर पर है. उसे ईबीसी (आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग) श्रेणी में चयनित किया गया है.

कम उम्र के किशोर की नियुक्ति पर विरोध शुरू हो गया. अभ्यर्थियों का कहना है कि चयन प्रक्रिया में अनियमितता बरती गयी है. उनका कहना है कि नियुक्ति में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता नहीं दी गयी है. एक भी पारा लीगल वालंटियर (पीएलवी) का चयन नहीं किया गया है, जबकि पीएलवी दिन-रात काम कर रहे हैं. अभ्यर्थियों ने मामले की जांच की मांग की है.

19 पदों पर हो रही नियुक्ति: मालूम हो कि चतरा सिविल कोर्ट में विभिन्न पदों पर 19 कर्मियों की नियुक्ति की जा रही है. इसमें 13 चपरासी, एक ट्रेजरी मैसेंजर/ट्रेजरी मैसेंजर, एक क्लर्क, तीन नाइट गार्ड और एक ड्राइवर के पद शामिल हैं. इस संबंध में सभी अभ्यर्थियों का साक्षात्कार लिया गया. जिसमें करीब सात हजार अभ्यर्थियों ने भाग लिया था. इंटरव्यू में एमबीए, आईटीआई, पीजी और अन्य डिग्री वाले अभ्यर्थी शामिल हुए. लोगों का आरोप है कि राज्य के श्रम रोजगार प्रशिक्षण एवं कौशल विकास मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर अपने बेटे को चपरासी की नौकरी दिलायी है. मंत्री का बेटा चपरासी बन गया और न सिर्फ चतरा जिले में बल्कि पूरे राज्य में चर्चा का विषय बन गया.

चतरा: जिले के सिविल कोर्ट में चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों की नियुक्ति चर्चा में है. मंत्री के बेटे का चपरासी बनने का मामला चर्चा का विषय तो बना ही हुआ है. इसके बाद एक और मामले ने इस नियुक्ति पर सवाल खड़े कर दिए हैं. दरअसल, इस नियुक्ति में एक नाबालिग का भी चयन हुआ है. 17 साल सात माह छह दिन के एक किशोर की सिविल कोर्ट में चपरासी के पद पर नियुक्ति हुई है. जबकि नियुक्ति के लिए अभ्यर्थी की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए. इसके बाद से इस नियुक्ति पर सवाल खड़े हो गए हैं. लोगों ने इस नियुक्ति में अनियमितता बरतने का आरोप लगाते हुए इसकी जांच की मांग की है.

18 वर्ष से कम उम्र में हुआ सुजीत का हुआ चयन: बता दें कि सुजीत कुमार (पिता प्रह्लाद चौधरी) का चयन चपरासी पद पर हो गया है. उसकी उम्र 18 साल से कम है. इसके बावजूद उसका चयन चपरासी पद पर कर लिया गया है. सिविल कोर्ट द्वारा जारी नियुक्ति संबंधी अधिसूचना में अभ्यर्थियों की आयु सीमा 1 अगस्त 2022 को कम से कम 18 वर्ष निर्धारित की गयी थी. सुजीत की जन्मतिथि 25 दिसंबर 2004 है. अधिसूचना के आधार पर उसकी आयु 17 वर्ष 07 माह 06 दिन है. रिजल्ट 1 दिसंबर 2023 को जारी किया गया है. जारी रिजल्ट में चपरासी पद के लिए सुजीत का नाम 10वें नंबर पर है. उसे ईबीसी (आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग) श्रेणी में चयनित किया गया है.

कम उम्र के किशोर की नियुक्ति पर विरोध शुरू हो गया. अभ्यर्थियों का कहना है कि चयन प्रक्रिया में अनियमितता बरती गयी है. उनका कहना है कि नियुक्ति में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता नहीं दी गयी है. एक भी पारा लीगल वालंटियर (पीएलवी) का चयन नहीं किया गया है, जबकि पीएलवी दिन-रात काम कर रहे हैं. अभ्यर्थियों ने मामले की जांच की मांग की है.

19 पदों पर हो रही नियुक्ति: मालूम हो कि चतरा सिविल कोर्ट में विभिन्न पदों पर 19 कर्मियों की नियुक्ति की जा रही है. इसमें 13 चपरासी, एक ट्रेजरी मैसेंजर/ट्रेजरी मैसेंजर, एक क्लर्क, तीन नाइट गार्ड और एक ड्राइवर के पद शामिल हैं. इस संबंध में सभी अभ्यर्थियों का साक्षात्कार लिया गया. जिसमें करीब सात हजार अभ्यर्थियों ने भाग लिया था. इंटरव्यू में एमबीए, आईटीआई, पीजी और अन्य डिग्री वाले अभ्यर्थी शामिल हुए. लोगों का आरोप है कि राज्य के श्रम रोजगार प्रशिक्षण एवं कौशल विकास मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर अपने बेटे को चपरासी की नौकरी दिलायी है. मंत्री का बेटा चपरासी बन गया और न सिर्फ चतरा जिले में बल्कि पूरे राज्य में चर्चा का विषय बन गया.

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