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Chatra News: सोमेश ने पेश की मजबूत इरादों की मिसाल, एसएससी परीक्षा पास कर इनकम टैक्स में पायी नौकरी

आत्मविश्वास और दृढ़ निश्चय के साथ किसी काम को किया जाए तो कोई भी रुकावट उसके आड़े नहीं आ सकती है. अक्षमता शारीरिक हो या आर्थिक लेकिन मजबूत इरादों के साथ काम करने से मंजिल जरूर मिलती है. चतरा के सोमेश पांडे ने भी कुछ ऐसा ही कर दिखाया है. ईटीवी भारत की रिपोर्ट से जानिए, सोमेश की पूरी कहानी.

Somesh Pandey blind student from Chatra get job in Income Tax Department after passing SSC exam
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Published : May 7, 2023, 10:42 AM IST

Updated : May 7, 2023, 11:15 AM IST

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चतरा: अगर जोश, जज्बा और जुनून हो तो उम्र और अक्षमता कभी भी किसी के मंजिल के आड़े नहीं आ सकती है. मजबूत इरादों के आगे दिव्यांगता या शारीरिक कमजोरी कभी अभिशाप नहीं बन सकती है. इसे साबित कर दिखाया है चतरा के सोमेश पांडे ने. जिन्होंने अपनी प्रतिभा के बल पर एसएससी की परीक्षा पास कर इनकम टैक्स में जॉब पाया है.

इसे भी पढ़ें- हौसले को सलाम! दोनों हाथ नहीं फिर भी चौके-छक्के लगाता है बृजेश, MPPSC एग्जाम भी किया क्वालिफाई

मोबाइल फोन पर तेजी से चलती उंगलियां और फर्राटेदार शब्दों में जवाब, जिसे देखकर कोई भी नहीं कहेगा कि टंडवा के सिसई गांव के सोमेश पांडे दिव्यांग हैं और वो देख नहीं सकते हैं. लेकिन अपनी प्रतिभा की बदौलत सोमेश ने एसएससी पास कर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में नौकरी पायी. सोमेश पांडे अपनी शारीरिक अक्षमता को चुनौती नहीं मानते. वहीं अपनी इस सफलता पर एडवांस टेक्नोलॉजी और उसके उपयोग को सहयोगी बताना नहीं भूलते हैं.

सोमेश पांडे, तीन भाइयों में सबसे छोटे हैं. सोमेश के बड़े भाई प्रवेश‌ पांडे मजदूरी करके परिवार का भरण पोषण करते हैं. वहीं मंझले भाई सुदन पांडे हाथ से दिव्यांग हैं तो सोमेश पांडे आंखों से देख नहीं सकते. सोमेश बचपन से ही नेत्रहीन हैं लेकिन उनके हौसले के कभी कमी नहीं आई. लेकिन इसी दौरान मैट्रिक परीक्षा पास करने बाद सोमेश के पिता की मृत्यु हो गई और फिर दो वर्ष बाद उनके मां की मृत्यु हो गयी.

सांसद ने बढ़ाया मदद का हाथः माता पिता के असमय चले जाने से सोमेश के साथ पूरा परिवार टूट गया. एक वक्त ऐसा भी आया कि सोमेश सहित घर वालों को लगा था कि अब वो कुछ नहीं कर पायेंगे लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. इसकी खबर जब चतरा सांसद सुनील सिंह को मिली तो उन्होंने मदद के लिए हाथ बढ़ाया और सोमेश के पढ़ाई के प्रति लगन को देखते हुए दिल्ली भेजा. जहां दिल्ली यूनिवर्सिटी से सोमेश पांडे ने ब्रेल लिपि के जरिए हिस्ट्री ऑनर्स लेकर वर्तमान में पढ़ाई कर रहे हैं. पढ़ाई के बीच ही सोमेश ने एसएससी की परीक्षा दी और उसमें पास होकर आयकर विभाग में उनको नौकरी मिली.

भाइयों और सांसद को सफलता का श्रेयः सोमेश पांडे ने अपनी इस सफलता पर सांसद सहित अपने भाई को श्रेय दिया है. पिता की असमय मृत्यु के बाद मां के निधन ने उनके जीवन को झकझोरकर दिया था और एक समय वो अपने लक्ष्य से भी भटकने लगे थे. लेकिन उन विकट परिस्थितियों चतरा सांसद ने पहल कर उनके हालात को समझा और इसी का नतीजा है आज वो इस परीक्षा पास करने के काबिल बन पाये हैं. सोमेश पांडे का लक्ष्य एसएससी नहीं बल्कि यूपीएससी पास करना है. सोमेश की चाहत आईएएस अफसर बनने की है.

दिव्यांग सोमेश पांडे उन युवाओं के सामने एक मिसाल पेश की है जो शारीरिक अक्षमता को अभिशाप मानकर बैठ जाते हैं. सोमेश कहते हैं कि मन में लगन हो, दिल में जोश और दिमाग में सही रास्ते पर चलने का साफ रास्ता तैयार हो तो सफलता एक ना दिन जरूर मिलती है. सोमेश पांडे कहते हैं कि मंजिल चाहे कितनी भी ऊंची क्यों ना हो लेकिन उसके रास्ते हमेशा पैरों के नीचे होती है.

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चतरा: अगर जोश, जज्बा और जुनून हो तो उम्र और अक्षमता कभी भी किसी के मंजिल के आड़े नहीं आ सकती है. मजबूत इरादों के आगे दिव्यांगता या शारीरिक कमजोरी कभी अभिशाप नहीं बन सकती है. इसे साबित कर दिखाया है चतरा के सोमेश पांडे ने. जिन्होंने अपनी प्रतिभा के बल पर एसएससी की परीक्षा पास कर इनकम टैक्स में जॉब पाया है.

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मोबाइल फोन पर तेजी से चलती उंगलियां और फर्राटेदार शब्दों में जवाब, जिसे देखकर कोई भी नहीं कहेगा कि टंडवा के सिसई गांव के सोमेश पांडे दिव्यांग हैं और वो देख नहीं सकते हैं. लेकिन अपनी प्रतिभा की बदौलत सोमेश ने एसएससी पास कर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में नौकरी पायी. सोमेश पांडे अपनी शारीरिक अक्षमता को चुनौती नहीं मानते. वहीं अपनी इस सफलता पर एडवांस टेक्नोलॉजी और उसके उपयोग को सहयोगी बताना नहीं भूलते हैं.

सोमेश पांडे, तीन भाइयों में सबसे छोटे हैं. सोमेश के बड़े भाई प्रवेश‌ पांडे मजदूरी करके परिवार का भरण पोषण करते हैं. वहीं मंझले भाई सुदन पांडे हाथ से दिव्यांग हैं तो सोमेश पांडे आंखों से देख नहीं सकते. सोमेश बचपन से ही नेत्रहीन हैं लेकिन उनके हौसले के कभी कमी नहीं आई. लेकिन इसी दौरान मैट्रिक परीक्षा पास करने बाद सोमेश के पिता की मृत्यु हो गई और फिर दो वर्ष बाद उनके मां की मृत्यु हो गयी.

सांसद ने बढ़ाया मदद का हाथः माता पिता के असमय चले जाने से सोमेश के साथ पूरा परिवार टूट गया. एक वक्त ऐसा भी आया कि सोमेश सहित घर वालों को लगा था कि अब वो कुछ नहीं कर पायेंगे लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. इसकी खबर जब चतरा सांसद सुनील सिंह को मिली तो उन्होंने मदद के लिए हाथ बढ़ाया और सोमेश के पढ़ाई के प्रति लगन को देखते हुए दिल्ली भेजा. जहां दिल्ली यूनिवर्सिटी से सोमेश पांडे ने ब्रेल लिपि के जरिए हिस्ट्री ऑनर्स लेकर वर्तमान में पढ़ाई कर रहे हैं. पढ़ाई के बीच ही सोमेश ने एसएससी की परीक्षा दी और उसमें पास होकर आयकर विभाग में उनको नौकरी मिली.

भाइयों और सांसद को सफलता का श्रेयः सोमेश पांडे ने अपनी इस सफलता पर सांसद सहित अपने भाई को श्रेय दिया है. पिता की असमय मृत्यु के बाद मां के निधन ने उनके जीवन को झकझोरकर दिया था और एक समय वो अपने लक्ष्य से भी भटकने लगे थे. लेकिन उन विकट परिस्थितियों चतरा सांसद ने पहल कर उनके हालात को समझा और इसी का नतीजा है आज वो इस परीक्षा पास करने के काबिल बन पाये हैं. सोमेश पांडे का लक्ष्य एसएससी नहीं बल्कि यूपीएससी पास करना है. सोमेश की चाहत आईएएस अफसर बनने की है.

दिव्यांग सोमेश पांडे उन युवाओं के सामने एक मिसाल पेश की है जो शारीरिक अक्षमता को अभिशाप मानकर बैठ जाते हैं. सोमेश कहते हैं कि मन में लगन हो, दिल में जोश और दिमाग में सही रास्ते पर चलने का साफ रास्ता तैयार हो तो सफलता एक ना दिन जरूर मिलती है. सोमेश पांडे कहते हैं कि मंजिल चाहे कितनी भी ऊंची क्यों ना हो लेकिन उसके रास्ते हमेशा पैरों के नीचे होती है.

Last Updated : May 7, 2023, 11:15 AM IST
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