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चतरा बीजेपी में सोशल वार, एक दूसरे पर लगा रहे फर्जीवाड़े का आरोप

चतरा में जेवीएम नेता नीलम देवी के भाजपा का दामन थामने के बाद से भीतरखाने पनपा विवाद अब सार्वजनिक होते दिख रहा है. पार्टी के नेता मामले को लेकर सोशल साइट्स पर एक-दूसरे पर जमकर भड़ास निकालने में जुटे हैं.

चतरा बीजेपी में सोशल वार
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Published : Mar 24, 2019, 3:16 PM IST

चतरा: लोकसभा चुनाव का शंखनाद होते ही देश की सभी राजनीतिक पार्टियां सोशल साइट्स पर एक्टिव हो गई हैं. पार्टियों के संभावित प्रत्याशी और उनके कार्यकर्ता फेसबुक, व्हाट्सएप और ट्विटर के अलावे अन्य सोशल साइट्स का उपयोग कर अपनी और पार्टियों की उपलब्धियों का बखान करते हुए जन-जन तक पहुंचाने में जुटे हैं ताकि लोकतंत्र के मंदिर में एंट्री को ले टिकट हासिल करने में परेशानी न हो.

चतरा बीजेपी में सोशल वार

राजनीतिक पार्टियों और उसके प्रतिनिधियों को उनकी योजनाओं के मुताबिक सोशल मीडिया में उन्हें भरपूर रिस्पांस भी मिल रहा है. अन्य राजनीतिक पार्टियों की तरह देश की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा भी फेसबुक और व्हाट्सएप पर सक्रिय है. लेकिन भाजपा नेताओं की फेसबुक और व्हाट्सएप पर सक्रियता आज उनके गले की फांस बन गई है. जेवीएम नेत्री नीलम देवी के भाजपा का दामन थामने के बाद से भीतरखाने पनपा विवाद अब सार्वजनिक होते दिख रहा है. पार्टी के नेता मामले को लेकर सोशल साइट्स पर ही एक दूसरे पर जमकर भड़ास निकालने में जुटे हैं. इतना ही नहीं कई नेता तो पार्टी जिलाध्यक्ष और अन्य शीर्ष नेताओं पर फर्जीवाड़े का भी आरोप लगा रहे हैं.

विवादों में घिरा जिला अध्यक्ष का त्राहिमाम पत्र
दरअसल भाजपा जिलाध्यक्ष अशोक शर्मा ने नीलम देवी के भाजपा का दामन थामने के बाद जिला कमेटी के शीर्ष नेताओं के साथ आपात गोपनीय बैठक कर, न सिर्फ प्रदेश नेतृत्व के इस निर्णय का विरोध किया था. बल्कि नीलम देवी के पार्टी में रहने व प्रत्याशी बनाए जाने की संभावना पर संगठन में बिखराव और कार्यकर्ताओं के आक्रोश को लेकर केंद्रीय अध्यक्ष अमित शाह को भी गोपनीय पत्र लिख दिया था. जिसमें जिला कमेटी से लेकर प्रदेश कमेटी के नेताओं के हस्ताक्षर थे. लेकिन जिला अध्यक्ष का यह गोपनीय पत्र सोशल साइट्स पर सार्वजनिक हो गया. जिसके बाद बैठक में शामिल जिला कमेटी के नेताओं में ही फुट पड़ गई. ये नेता एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप कर रहे हैं.

सबसे पहले किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष भूपेंद्र मिश्रा ने व्हाट्सएप ग्रुप में जिला अध्यक्ष के विरुद्ध कड़ी प्रतिक्रिया पोस्ट कर दी. इस पोस्ट में उन्होंने बैठक में उपस्थित नहीं होने की बात कहते हुए जिलाध्यक्ष पर उनका फर्जी हस्ताक्षर कर फर्जीवाड़े का आरोप लगा दिया.

किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष द्वारा पार्टी जिलाध्यक्ष पर फर्जीवाड़े का आरोप लगाए जाने के बाद कमेटी के अन्य नेता एकजुट हो गए. जिसके बाद सबसे पहले सांसद प्रतिनिधि राकेश झा, बीस सूत्री अध्यक्ष इटखोरी डॉ. मृत्युंजय और उसके बाद प्रदेश सह संयोजक अजय सिंह के अलावे किसान मोर्चा के जिला महामंत्री शुभम सिंह ने अपने ही मोर्चा के जिला अध्यक्ष भूपेंद्र मिश्रा के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया. सभी ने एक स्वर में भूपेंद्र मिश्रा पर झूठ बोलकर पार्टी व जिलाध्यक्ष को बदनाम करने का आरोप लगाया. नेताओं ने व्हाट्सएप पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भूपेंद्र मिश्रा बैठक में उपस्थित थे और सार्वजनिक तौर पर सभी के सामने ही त्राहिमाम पत्र पर हस्ताक्षर भी किया था. लेकिन या तो वे किसी के दबाव में आकर या फिर लोभ लालच में अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं. पार्टी नेताओं के बीच उत्पन्न विवाद पार्टी के लिए परेशानी का सबब बन गई. जिसे पाटने में आलाकमान जुट गया है.

चतरा: लोकसभा चुनाव का शंखनाद होते ही देश की सभी राजनीतिक पार्टियां सोशल साइट्स पर एक्टिव हो गई हैं. पार्टियों के संभावित प्रत्याशी और उनके कार्यकर्ता फेसबुक, व्हाट्सएप और ट्विटर के अलावे अन्य सोशल साइट्स का उपयोग कर अपनी और पार्टियों की उपलब्धियों का बखान करते हुए जन-जन तक पहुंचाने में जुटे हैं ताकि लोकतंत्र के मंदिर में एंट्री को ले टिकट हासिल करने में परेशानी न हो.

चतरा बीजेपी में सोशल वार

राजनीतिक पार्टियों और उसके प्रतिनिधियों को उनकी योजनाओं के मुताबिक सोशल मीडिया में उन्हें भरपूर रिस्पांस भी मिल रहा है. अन्य राजनीतिक पार्टियों की तरह देश की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा भी फेसबुक और व्हाट्सएप पर सक्रिय है. लेकिन भाजपा नेताओं की फेसबुक और व्हाट्सएप पर सक्रियता आज उनके गले की फांस बन गई है. जेवीएम नेत्री नीलम देवी के भाजपा का दामन थामने के बाद से भीतरखाने पनपा विवाद अब सार्वजनिक होते दिख रहा है. पार्टी के नेता मामले को लेकर सोशल साइट्स पर ही एक दूसरे पर जमकर भड़ास निकालने में जुटे हैं. इतना ही नहीं कई नेता तो पार्टी जिलाध्यक्ष और अन्य शीर्ष नेताओं पर फर्जीवाड़े का भी आरोप लगा रहे हैं.

विवादों में घिरा जिला अध्यक्ष का त्राहिमाम पत्र
दरअसल भाजपा जिलाध्यक्ष अशोक शर्मा ने नीलम देवी के भाजपा का दामन थामने के बाद जिला कमेटी के शीर्ष नेताओं के साथ आपात गोपनीय बैठक कर, न सिर्फ प्रदेश नेतृत्व के इस निर्णय का विरोध किया था. बल्कि नीलम देवी के पार्टी में रहने व प्रत्याशी बनाए जाने की संभावना पर संगठन में बिखराव और कार्यकर्ताओं के आक्रोश को लेकर केंद्रीय अध्यक्ष अमित शाह को भी गोपनीय पत्र लिख दिया था. जिसमें जिला कमेटी से लेकर प्रदेश कमेटी के नेताओं के हस्ताक्षर थे. लेकिन जिला अध्यक्ष का यह गोपनीय पत्र सोशल साइट्स पर सार्वजनिक हो गया. जिसके बाद बैठक में शामिल जिला कमेटी के नेताओं में ही फुट पड़ गई. ये नेता एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप कर रहे हैं.

सबसे पहले किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष भूपेंद्र मिश्रा ने व्हाट्सएप ग्रुप में जिला अध्यक्ष के विरुद्ध कड़ी प्रतिक्रिया पोस्ट कर दी. इस पोस्ट में उन्होंने बैठक में उपस्थित नहीं होने की बात कहते हुए जिलाध्यक्ष पर उनका फर्जी हस्ताक्षर कर फर्जीवाड़े का आरोप लगा दिया.

किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष द्वारा पार्टी जिलाध्यक्ष पर फर्जीवाड़े का आरोप लगाए जाने के बाद कमेटी के अन्य नेता एकजुट हो गए. जिसके बाद सबसे पहले सांसद प्रतिनिधि राकेश झा, बीस सूत्री अध्यक्ष इटखोरी डॉ. मृत्युंजय और उसके बाद प्रदेश सह संयोजक अजय सिंह के अलावे किसान मोर्चा के जिला महामंत्री शुभम सिंह ने अपने ही मोर्चा के जिला अध्यक्ष भूपेंद्र मिश्रा के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया. सभी ने एक स्वर में भूपेंद्र मिश्रा पर झूठ बोलकर पार्टी व जिलाध्यक्ष को बदनाम करने का आरोप लगाया. नेताओं ने व्हाट्सएप पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भूपेंद्र मिश्रा बैठक में उपस्थित थे और सार्वजनिक तौर पर सभी के सामने ही त्राहिमाम पत्र पर हस्ताक्षर भी किया था. लेकिन या तो वे किसी के दबाव में आकर या फिर लोभ लालच में अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं. पार्टी नेताओं के बीच उत्पन्न विवाद पार्टी के लिए परेशानी का सबब बन गई. जिसे पाटने में आलाकमान जुट गया है.

Intro:बीजेपी में सोशल वार, एक दूसरे पर लगा रहे फर्जीवाड़े का आरोप

चतरा : लोकसभा चुनाव का शंखनाद होते ही देश की सभी राजनीतिक पार्टियां सोशल साइट्स पर एक्टिव हो गई हैं। पार्टियों के संभावित प्रत्याशी और उसके कार्यकर्ता फेसबुक, व्हाट्सएप व ट्विटर के अलावे अन्य सोशल साईट्स का उपयोग कर अपनी व पार्टियों की उपलब्धियों का बखान करते हुए जन-जन तक पहुंचाने में जुटे हैं ताकि लोकतंत्र के मंदिर में एंट्री को ले टिकट हासिल करने में परेशानी न हो। राजनीतिक पार्टियों व उसके प्रतिनिधियों को उनके योजनाओं के मुताबिक सोशल मीडिया में उन्हें भरपूर रिस्पांस भी मिल रहा है। अन्य राजनीतिक पार्टियों की तरह देश की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा भी फेसबुक और व्हाट्सएप पर सक्रिय है। लेकिन भाजपा नेताओं की फेसबुक और व्हाट्सएप पर सक्रियता आज उनके गले की फांस बन गई है। जेवीएम नेत्री नीलम देवी के भाजपा का दामन थामने के बाद से भीतरखाने पनपा विवाद अब सार्वजनिक होते दिख रहा है। पार्टी के नेता मामले को लेकर सोशल साइट्स पर ही एक दूसरे पर जमकर भड़ास निकालने में जुटे हैं। इतना ही नहीं कई नेता तो पार्टी जिलाध्यक्ष व अन्य शीर्ष नेताओं पर फर्जीवाड़े का भी आरोप लगा रहे हैं।

विवादों में घिरा जिला अध्यक्ष का त्राहिमाम पत्र

दरअसल भाजपा जिलाध्यक्ष अशोक शर्मा ने नीलम देवी के भाजपा का दामन थामने के बाद जिला कमेटी के शीर्ष नेताओं के साथ आपात गोपनीय बैठक कर न सिर्फ प्रदेश नेतृत्व के इस निर्णय का विरोध किया था बल्कि नीलम देवी के पार्टी में रहने व प्रत्याशी बनाए जाने के बाद संगठन में बिखराव व कार्यकर्ताओं के आक्रोश को लेकर केंद्रीय अध्यक्ष अमित शाह को भी गोपनीय पत्र लिख दिया था। जिसमे जिला कमेटी से लेकर प्रदेश कमेटी के नेताओं के हस्ताक्षर थे। लेकिन जिला अध्यक्ष का यह गोपनीय पत्र सोशल साइट्स पर सार्वजनिक हो गया। जिसके बाद बैठक में शामिल जिला कमेटी के नेताओं में ही फुट पड़ गई। ये नेता एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने में जुट गए। सबसे पहले किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष भूपेंद्र मिश्रा ने व्हाट्सएप ग्रुप में जिला अध्यक्ष के विरुद्ध कड़ी प्रतिक्रिया पोस्ट कर दी। इस पोस्ट में उन्होंने बैठक में उपस्थित नहीं होने की बात कहते हुए जिलाध्यक्ष पर उनका फर्जी हस्ताक्षर कर फर्जीवाड़े का आरोप लगा दिया। किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष द्वारा पार्टी जिलाध्यक्ष पर फर्जीवाड़े का आरोप लगाए जाने के बाद कमेटी के अन्य नेता एकजुट हो गए। जिसके बाद सबसे पहले सांसद प्रतिनिधि राकेश झा, बीस सूत्री अध्यक्ष इटखोरी डॉ. मृत्युंजय व उसके बाद प्रदेश सह संयोजक अजय सिंह के अलावे किसान मोर्चा के जिला महामंत्री शुभम सिंह ने अपने ही मोर्चा के जिला अध्यक्ष भूपेंद्र मिश्रा के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया। सभी ने एक स्वर में भूपेंद्र मिश्रा पर झूठ बोलकर पार्टी व जिलाध्यक्ष को बदनाम करने का आरोप लगाया। नेताओं ने व्हाट्सएप पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भूपेंद्र मिश्रा बैठक में उपस्थित थे और सार्वजनिक तौर पर सभी के सामने ही त्राहिमाम पत्र पर हस्ताक्षर भी किया था। लेकिन या तो वे किसी के दबाव में आकर या फिर लोभ लालच में अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। पार्टी नेताओं के बीच उत्पन्न विवाद पार्टी के लिए परेशानी का सबब बन गई। जिसे पाटने में आलाकमान जुट गया है।




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