चतरा: जिला के नक्सल प्रभावित प्रतापपुर प्रखंड के जोलहबीघा गांव में जर्जर सड़क का निर्माण कार्य 2 ठेकेदार की आपसी लड़ाई के कारण कई महीनों से बाधित है. जिला परिषद मद से निर्मित होने वाली इस सड़क का कई बार टेंडर निकाला और रद्द किया जा चुका है.
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बार-बार टेंडर रद्द होने से यहां के ग्रामीण काफी आक्रोशित हैं. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि राजनैतिक पार्टियां वोट बैंक बनाने के लिए झूठा आश्वासन देती हैं, जब काम निकल जाता है तो कोई झांकने तक नहीं आता. केशवा मोड़ से बसबुट्टा गांव तक सड़क की हालत इतनी खराब है कि बरसात के दिनों में पानी भर जाने से पूरी सड़क कीचड़ में तब्दील हो जाती है, जिससे राहगीरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
ग्रामीणों ने बुलाई पंचायत
ग्रामीणों ने बताया कि जिला परिषद के संवेदक राहुल अग्रवाल और मो. इरफान की आपसी लड़ाई में सड़क का काम नहीं हो रहा है. इसलिए ग्रामीणों ने पंचायत बुलाई और जिसमें दोनों ठेकेदारों से सड़क बनाने की मांग की गई. ग्रामीणों ने बताया कि चार महीने पूर्व एकबार फिर सड़क का टेंडर निकाला गया, उपायुक्त स्तर से योजना को ही होल्ड पर रखने की जानकारी मिली है. ग्रामीणों ने स्पष्ट रूप से कहा कि सड़क निर्माण कौन संवेदक करता है. इससे उन्हें कोई मतलब नहीं, बस सड़क बननी चाहिए. इस संबंध में चतरा उपायुक्त दिव्यांशु झा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस सड़क का निर्माण विशेष केंद्रीय सहायता से किया जाना है.