चतरा: रघुवर कैबिनेट के नए फैसले ने पंचायती राज व्यवस्था को नई ऊर्जा दे दी है. ग्राम विकास के नाम पर अधिकारों और योजनाओं का रोना रोने वाले पंचायत प्रतिनिधियों और मुखिया को सरकार ने योजनाओं के चयन और प्रशासनिक स्वीकृति का अधिकार प्रदान कर आत्मनिर्भर बना दिया है.
रघुवर कैबिनेट द्वारा मुखिया को 5 लाख रूपये तक की योजना का चयन और प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान करने का अधिकार मिलने से पंचायत प्रतिनिधि खासे उत्साहित हैं. पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है कि मुख्यमंत्री रघुवर दास का यह निर्णय विकास की नई इबारत लिखेगा. सरकार के इस निर्णय के बाद जरूरतमंद लोगों को कार्यालयों का न तो अब चक्कर काटना पड़ेगा और न ही बाबुओं की पैरवी करनी होगी. अब सीधे उनके घर पर विकास की किरण मुखिया के माध्यम से पहुंचेगी.
दरअसल, राज्य सरकार के नए नियम के मुताबिक मुखिया अपने पंचायत क्षेत्र में 2.5 लाख के बजाए अब 5 लाख रुपये तक की योजनाओं का चयन करके ऑन द स्पॉट प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान कर सकेंगे. इसके लिए उन्हें प्रखंड कार्यालय और जिला कार्यालय से सहमति लेने की जरूरत नहीं होगी.
इधर, जिला प्रशासन अधिकारियों ने भी राज्य सरकार द्वारा मुखिया के अधिकारों के अपग्रेडेशन मिलने पर पंचायत प्रतिनिधियों को बधाई दी है. डीडीसी ने कहा कि अब मुखिया जरूरत के मुताबिक ना सिर्फ योजनाओं का चयन कर सकेंगे, बल्कि उन्हें शत प्रतिशत धरातल पर उतारने में वार्ड सदस्यों के माध्यम से अपनी भूमिका भी सुनिश्चित कराएंगे.